Tuesday, 29 December 2020

Two Story:

*Two stories:*
1. Yahoo refused Google
2. Nokia refused Android

*Moral:*
1. Update yourself with time, else you will become obsolete
2. Taking no risk is the biggest risk. Take risks and adopt new technologies. 

*Two more stories:*
1. Google acquired YouTube & Android
2. Facebook acquired Instagram & WhatsApp

*Moral:*
1. Become so powerful that your enemies become your Allies 
2. Grow fast, become big, and then eliminate competition

*Two more stories:*
1. Barack Obama was a ice cream seller
2. Elon Musk was a worker in a lumber mill

*Moral:*
1. Don’t judge people based on their past jobs
2. Your present doesn’t decide your future, your courage and hard work does

*Two more stories:*
1. Colonel Sanders created KFC at the age of 65
2. Jack Ma who was rejected by KFC founded Alibaba

*Moral:*
1. Age is just a number - you can be successful at any age
2. Never ever give up in life - only those who never give up win

*Two final stories:*
1. Owner of Ferrari insulted a tractor maker
2. The tractor maker created Lamborghini

*Moral:*
1. Never underestimate or disrespect anyone
2. Success is the best revenge

*🏵️You can be successful at any age and from any background😎*

*🎯Dream big. Set goals.Work hard🐘*

*💧Never ever give up in life- Have the confidence that tomorrow will always be better.

Monday, 28 December 2020

जूता जब काटता है तो जिंदगी काटना मुश्किल हो जाता है:

[21/12, 6:35 pm] Bansi Lal: जूता जब काटता है 
तब ज़िंदगी काटना मुश्किल हो जाता है। 
जूता जब काटना बंद कर देता है 
तब वक़्त काटना मुश्किल हो जाता है।
[21/12, 6:37 pm] Bansi Lal: ग़लती करना ग़लती थोड़ी होती है 

ग़लती करते रहना  ग़लती होती है
[23/12, 8:52 am] Bansi Lal: हम को भी ख़ुश-नुमा नज़र आई है ज़िंदगी

जैसे सराब दूर से दरिया दिखाई दे
[23/12, 8:53 am] Bansi Lal: गुज़िश्ता साल जो देखा वो अब की साल नहीं

ज़माना एक सा बस हर बरस नहीं चलता
[23/12, 8:55 am] Bansi Lal: Don’t let a little negativity keep you from seeing a lot of good that’s around.

Wednesday, 25 November 2020

संभाल सकते थे तुम रिश्तों को ! तुमने मगर

[11/22, 7:49 AM] Bansi Lal: संभाल सकते थे तुम रिश्तों को !
तुमने मगर
तस्वीरों को संभालना चुना !
[11/22, 7:50 AM] Bansi Lal: वो शख़्स था के एहसान कोई....

दिल से मेरे अब तक उतरा नहीं...!
[11/23, 9:02 PM] Bansi Lal: यह हक़ सिर्फ़ झूठ को है

कि वह ज़ोर से बोले
और विशिष्ट बना रहे...
[11/23, 9:09 PM] Bansi Lal: बस इक झिझक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में 

कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में
[11/23, 9:10 PM] Bansi Lal: "..अतिथि केवल देवता नहीं होता। 

वह मनुष्य और कई बार राक्षस भी हो सकता है।"
[11/23, 9:12 PM] Bansi Lal: "बिना ज़रूरत बोल पड़ने का पश्चाताप उतना कभी नहीं होता, जितना ज़रूरत होते हुए चुप रह जाने का।"
[11/23, 9:13 PM] Bansi Lal: अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को 

मैं ने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं
[11/23, 9:14 PM] Bansi Lal: ये हुनर जो आ जाये, आपका ज़माना है

पाँव किसके छूने हैं, सर कहाँ झुकाना है

चुप को मैंने सुना गौर से, चीख सुनाई देती है...

[11/20, 7:57 AM] Bansi Lal: बहुत तेज़ हँसी के पीछे छुपा खालीपन सुनाई नहीं देता लेकिन स्थायी होता है।
इसे हँसने वाले की आँखों में देखा जा सकता है।
कलाकार लोग दुनिया से आँखें छुपा जाते हैं।
[11/20, 7:58 AM] Bansi Lal: Opportunity is missed by most people because it is dressed in overalls and looks like work.
[11/20, 7:59 AM] Bansi Lal: Treat everything as if you are going to the Olympics. Be your best. Do your best. Best possible version of you.
[11/20, 7:59 AM] Bansi Lal: चुप को मैंने सुना गौर से,
चीख  सुनाई  देती  है...
[11/20, 8:01 AM] Bansi Lal: A great relationship is about two things: first, appreciating the similarities, and second, respecting the differences.
[11/20, 8:02 AM] Bansi Lal: True value of a person cannot be seen with the eye, but felt with the soul.
[11/20, 8:03 AM] Bansi Lal: जिस दिन आपका काम, आपके मूड से ज्यादा जरूरी हो जाएगा। उस दिन आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

इरादा हो अटल तो, मोजज़ा ऐसा भी होता है

[11/25, 7:56 AM] Bansi Lal: इरादा हो अटल तो, मोजज़ा ऐसा भी होता है

दिए को ज़िंदा रखती है हवा ऐसा भी होता है
[11/25, 7:57 AM] Bansi Lal: “बाद में पछतावा करने से अच्छा है, 

एक बार जी जान लगाकर कोशिश कर ली जाए”
[11/25, 7:58 AM] Bansi Lal: दुनिया बड़ी भुलक्कड़ है। केवल उतना ही याद रखती है, जितने से उसका स्वार्थ सधता है! 

बाकी को फेंककर आगे बढ़ जाती है!
[11/25, 7:28 PM] Bansi Lal: कौन सीखा है सिफॅ बातों से

सब को एक हादसा ज़रूरी है!!
[11/25, 7:33 PM] Bansi Lal: सहनशील जनता न्याय-संगत नहीं होती।
[11/25, 7:38 PM] Bansi Lal: चढते सूरज के पूजारी तो लाखों हैं .....

डूबते वक़्त हमने सूरज को भी तन्हा देखा..
[11/25, 7:39 PM] Bansi Lal: रंग जब आईने ने बदला तो

ज़िन्दगी देर तक उदास रही

कभी-कभी कहने का विकल्प नहीं होता केवल सुना ही जा सकता है !!

[11/24, 7:01 AM] Bansi Lal: कभी-कभी कहने का विकल्प नहीं होता

केवल सुना ही जा सकता है !!
[11/24, 7:02 AM] Bansi Lal: सारी ज़िंदगी हम 
यही सोचकर गुज़ार देते हैं, 
कि चार लोग क्या कहेंगे?

और चार लोग अंत में बस यही कहते हैं राम नाम सत्य हैं!!!
[11/24, 7:04 AM] Bansi Lal: प्रेम में पड़ने की कोई शर्त नहीं,

प्रेम में बने रहने की हज़ारों हैं...!!
[11/24, 7:04 AM] Bansi Lal: " बेगुनाह कोई नहीं , राज़ सबके होते हैं

  किसी के छुप जाते हैं , किसी के छप जाते हैं "
[11/24, 7:05 AM] Bansi Lal: उदास  बैठा  दिए  ज़ख़्म  के  जलाए  हुए,

उन्हें  मैं  सोच रहा  हूँ जो अब पराए हुए..!!!!
[11/24, 7:13 AM] Bansi Lal: Focus on where you want to go, not on what you fear. - Anthony Robbins
When you truly don't care what anyone thinks of you, you have reached a dangerously awesome level of freedom.
स्वतन्त्र विचार ही एक ठोस व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं।
"बन्सी"

Saturday, 10 October 2020

Frog for Dinner:

A lady was once heating up a pot of water on a gas stove with the intent of cooking pasta for her family for dinner. A frog fell into the pot while it was sitting on the stove. While it wasn’t his intention to be stuck in a pot of water, he didn’t try to escape. He was comfortable enough as he was.

The lady soon turned on the flame to begin boiling the water. As the water’s temperature began to rise, the frog was able to adjust his body temperature accordingly, so he remained in the pot without trying to do anything to change the situation.

However, as the water approached its boiling point, the frog’s body temperature could no longer keep up. He finally tried to jump out of the pot, but with water temperature continuing to increase, he didn’t have it in him to make the leap.

It was too late for the frog to save himself.

The Moral:

Things don’t always go as planned in life, and they certainly don’t always go the way we want them to. But, no matter how bad a situation is, it’s critical to be proactive and face the problem head-on.

Unlike the frog, who waited until the last minute to try to do anything about the problem he was clearly facing, it’s important to project the future outcomes of the obstacles that hinder you and mediate them before they get past the point of no return. You have to avoid wasting time and take appropriate action before problems get out of hand or become too much to handle.



Saturday, 3 October 2020

है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए

[10/1, 11:07 AM] Bansi Lal: है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए

जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए
[10/1, 11:07 AM] Bansi Lal: बनाकर अपना ,राह बदलते रहे तुम ..

ऐसा भी कोई गुनाह था ,क्या ?
साथ चलना किसी के !
[10/1, 11:10 AM] Bansi Lal: किसी ने मुझसे पूछा कि-"ये शायरी क्या है..??"

हमने भी मुस्कुरा कर कहा-"जिंदगी के ‌तजुर्बों का सर्टिफिकेट ..!!"
[10/1, 11:10 AM] Bansi Lal: मेरे ज़हन से निकल ही नहीं सका वह शख्स..

नये महबूब से भी बातें पुरानी करनी पड़ी.... !!
[10/1, 11:11 AM] Bansi Lal: हर काम को तीन अवस्थाओं से गुज़रना होता है - उपहास, विरोध और स्वीकृति!

- स्वामी विवेकानंद
[10/2, 9:09 AM] Bansi Lal: मर्ज़ ही लाइलाज है तो हमदर्द करेगा क्या?
हम भटकना ही चाहेंगे तो राहबर करेगा क्या?

माना आजतक झुका नहीं तू किसी के सामने,
पर सजदा भी खुदा का ना किया, तो इस सर का करेगा क्या?

आजकल वजह "बताकर" नहीं, वजह "बनाकर" छोड़ा जाता है......!!

[10/3, 7:38 AM] Bansi Lal: आजकल   वजह   "बताकर"   नहीं,

वजह   "बनाकर"   छोड़ा   जाता   है......!!
[10/3, 7:39 AM] Bansi Lal: जा बिछड़ जा, मगर ख्याल रहे...

यूँ ना हो, उम्र भर फिर मलाल रहे....!!
[10/3, 7:39 AM] Bansi Lal: तेरे शहर के कारीगर बङे अजीब हैं ए दिल,

काँच की मरम्मत करते हैं पत्थर के औजारों से...
[10/3, 7:40 AM] Bansi Lal: कौन पढ़ता है यूँ बेवजह शायरियों को,

लोग   इनमें   अपना   दर्द   ढूंढते   है...!!!!
[10/3, 7:43 AM] Bansi Lal: मान रखना सीखिए 
कभी रुक कर ..

कभी रोक कर ..!!

चाहिए क्या तुम्हें तोहफ़े में बता दो वर्ना

[9/28, 6:51 AM] Bansi Lal: चाहिए क्या तुम्हें तोहफ़े में बता दो वर्ना

हम तो बाज़ार के बाज़ार उठा लाएँगे
[9/28, 6:52 AM] Bansi Lal: हार हो जाती है जब मान लिया जाता है 

जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है
[9/28, 6:52 AM] Bansi Lal: प्रीत ना करियो पंछी जैसी जल सूखे उड़ जाए 

प्रीत करियो तो मछली जैसी जल सूखे मर जाए
[9/28, 6:53 AM] Bansi Lal: बेटियाँ बाप की आँखों में छुपे ख़्वाब को पहचानती हैं
 
और कोई दूसरा इस ख़्वाब को पढ़ ले तो बुरा मानती हैं
[9/28, 6:54 AM] Bansi Lal: रिश्ते कभी जिंदगी के
             साथ साथ
             नहीं चलते...!!
रिश्ते एक बार बनते है

             फिर जिंदगी
      रिश्तो के साथ साथ
        चलती है....!!!!
[9/28, 6:56 AM] Bansi Lal: कल तेरी तस्वीर मुकम्मल की मैं ने

फ़ौरन उस पर तितली आ कर बैठ गई

जो दफ़्न कर दिया वो ख़त्म भी हो,

[9/29, 7:27 AM] Bansi Lal: जो दफ़्न कर दिया वो ख़त्म
भी हो,

ये जरूरी तो नहींc.....!
[9/29, 7:28 AM] Bansi Lal: “तर्क किए बिना किसी भी बात को आंख मूंदकर मान लेना भी एक प्रकार की गुलामी है"

- भगत सिंह
[9/29, 7:29 AM] Bansi Lal: जिनकी   हंसी   खूबसूरत   होती   है, 

उनके  जख्म  काफी  गहरे  होते  है...!!!!
[9/29, 7:31 AM] Bansi Lal: तुझे उम्र भर मेरी कमी रहे..

दुआ है तुझे उम्र लंबी मिले..!!
[9/29, 4:00 PM] Bansi Lal: अपनी ज़िंदगी के सलीके को... कुछ यूं मोड़ दो...

जो तुम्हें नज़रअंदाज करें... उन्हें नजर आना छोड़ दो..!
[9/30, 8:36 AM] Bansi Lal: ज़िंदगी यूँही बहुत कम है मोहब्बत के लिए 

रूठ कर वक़्त गँवाने की ज़रूरत क्या है!
[9/30, 8:42 AM] Bansi Lal: हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं

उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में

न जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रही

[9/27, 5:47 AM] Bansi Lal: न जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रही

जिसे क़रीब से देखा वो दूसरा निकला
[9/27, 5:49 AM] Bansi Lal: •
किसी दूसरे को नीचा दिखाने के लिए नहीं, 

ख़ुद को ऊपर उठाने के लिए मेहनत करो।
[9/27, 5:50 AM] Bansi Lal: बनाना पड़ता था अक्सर बिगाड़ कर खुद को..

सो मैने रख ही दिया तोड़ ताड कर खुद को..!!
[9/27, 5:50 AM] Bansi Lal: किसी ने हँस कर बुलाया तो मरमिटे उस पर...

हमें किसी को परखने का फन नहीं आया!!!
[9/27, 5:51 AM] Bansi Lal: तुम चाहते हो तुमसे बिछड़कर भी खुश रहूँ..

यानि हवा भी चलती रहे और दीया जलें..!
[9/27, 5:52 AM] Bansi Lal: ... मनुष्य कितना भी बड़ा क्यों न बन जाए उसे हमेशा अपना अतीत याद करते रहना चाहिए!

- ईश्वरचंद्र विद्यासागर
[9/27, 5:53 AM] Bansi Lal: The less you know, 
the more you speak.

The more you know, 
the less you speak.
[9/27, 5:53 AM] Bansi Lal: मुझ पे लाज़िम है... मैं उसे देखूँ,

उसकी मरज़ी है वो जिधर देखे!!!
[9/27, 5:54 AM] Bansi Lal: सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी 

तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी 
[9/27, 5:54 AM] Bansi Lal: रुठ  तो  एक  दिन  सांसे  भी  जाती  है

फिर  अपनों  से  क्या  शिकायत.
[9/27, 5:55 AM] Bansi Lal: कमियाँ  ढूंढोगे  तो  मिल  ही  जायेगी  जनाब

रब  दे  बन्दे  हैं ' रब  तो  नहीं
[9/27, 7:18 AM] Bansi Lal: ख़ामोशियाँ पढ़ लिया करते थे जो कभी !!!!!!!

आज वही शब्दों के मानी ढूँढते हैं..............
[9/27, 7:25 AM] Bansi Lal: बड़ा मुश्किल होता है जवाब देना
जब कोई खामोश रहकर सवाल कर लेता है …
[9/27, 7:47 AM] Bansi Lal: नाज़ुक लगते थे जो हसीन लोग,

वास्ता पड़ा तो पत्थर निकले..!!
[9/27, 10:56 AM] Bansi Lal: जिहाल-ए -मिस्कीन मकुन बा रंजिश,
बहाल-ए -हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन,
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है।

{मुझ गरीब (मिस्कीन) को रंजिश से भरी इन निगाहों से ना देखो, क्योंकि मेरा बेचारा दिल जुदाई (हिजरा) के मारे यूँ ही बेहाल है।}

Friday, 25 September 2020

*संगठन*

*संगठन*
 
एक आदमी था, जो हमेशा अपने संगठन में सक्रिय रहता था l उसको सभी जानते थे, बड़ा मान सम्मान मिलता था lअचानक किसी कारण वश वह निश्क्रिय रहने लगा , मिलना - जुलना बंद कर दिया और संगठन से दूर हो गया।

कुछ सप्ताह पश्चात् एक बहुत ही ठंडी रात में , उस संगठन के मुखिया ने उससे मिलने का फैसला किया । मुखिया उस आदमी के घर गया और पाया कि आदमी घर पर अकेला ही था। एक बोरसी में जलती हुई लकड़ियों की लौ के सामने बैठा आराम से आग ताप रहा था। उस आदमी ने आगंतुक मुखिया का बड़ी खामोशी से स्वागत किया।

दोनों चुपचाप बैठे रहे। केवल आग की लपटों को ऊपर तक उठते हुए ही देखते रहे। कुछ देर के बाद मुखिया ने बिना कुछ बोले, उन अंगारों में से एक लकड़ी जिसमें लौ उठ रही थी (जल रही थी) उसे उठाकर किनारे पर रख दिया और फिर से शांत बैठ गया।

मेजबान हर चीज़ पर ध्यान दे रहा था। लंबे समय से अकेला होने के कारण मन ही मन आनंदित भी हो रहा था कि वह आज अपने संगठन के मुखिया के साथ है। लेकिन उसने देखा कि अलग की हुई लकड़ी की आग की लौ धीरे धीरे कम हो रही है। कुछ देर में आग बिल्कुल बुझ गई। उसमें कोई ताप नहीं बचा। उस लकड़ी से आग की चमक जल्द ही बाहर निकल गई।

कुछ समय पूर्व जो उस लकड़ी में उज्ज्वल प्रकाश था और आग की तपन थी *वह अब एक काले और मृत टुकड़े से ज्यादा कुछ शेष न था।* 

इस बीच.. दोनों मित्रों ने एक दूसरे का बहुत ही संक्षिप्त अभिवादन किया, कम से कम शब्द बोले। जानें से पहले मुखिया ने अलग की हुई  बेकार लकड़ी को उठाया और फिर से आग के बीच में रख दिया। वह लकड़ी फिर से सुलग कर लौ बनकर जलने लगी और चारों ओर रोशनी तथा ताप बिखेरने लगी।

जब आदमी, मुखिया को छोड़ने के लिए दरवाजे तक पहुंचा तो उसने मुखिया से कहा मेरे घर आकर मुलाकात करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद । आज आपने बिना कुछ बात किए ही एक सुंदर पाठ पढ़ाया है कि *अकेले व्यक्ति का कोई अस्तित्व नहीं होता, संगठन का साथ मिलने पर ही वह चमकता है और रोशनी बिखेरता है संगठन से अलग होते ही वह लकड़ी की भाँति बुझ जाता है।*

मित्रों *संगठन से ही हमारी पहचान* बनती है इसलिए संगठन हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए । संगठन के प्रति हमारी निष्ठा और समर्पण *किसी व्यक्ति के लिए नहीं,* उससे जुड़े विचार के प्रति होनी चाहिए । 
संगठन किसी भी प्रकार का हो सकता है , (पारिवारिक , सामाजिक, व्यापारिक शैक्षणिक संस्थान, औधोगिक संस्थान, राजनैतिक , सांस्कृतिक इकाई , आदि ,)
*संगठनों के बिना मानव जीवन अधूरा है* , अतः हर क्षेत्र में जहाँ भी रहें संगठित रहें -

Tuesday, 15 September 2020

दिल है क़दमों पर किसी के सर झुका हो या न हो

[9/4, 11:03 AM] Bansi Lal: #सुब्ह🌹 #दुआ 🙏

दिल है क़दमों पर किसी के सर झुका हो या न हो 

बंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो ।
[9/4, 11:12 AM] Bansi Lal: क़रीब   रहने   के   लिए...

थोड़ी   सी   दूरी   ज़रूरी    हैं...!
[9/4, 11:17 AM] Bansi Lal: किमत मुनासिब होना चाहिए ,

यहां एहसास , विश्वास , इज़्ज़त ,ईमान 
सब बिकने को तैयार है
[9/5, 7:45 PM] Bansi Lal: किसी भी रिश्ते की खूबसूरती उस दिन से ही ख़त्म हो जाती है

 जिस दिन से अधिकार की जगह अहंकार आ जाता .........!!!
[9/5, 7:49 PM] Bansi Lal: अगर कोई "इंसान" आपको एक
ही "सबक" दो बार 
सिखाए..

तो यकीन मानिए, गलती उस 
इंसान की नहीं, 
आपकी 
है!
[9/5, 7:59 PM] Bansi Lal: हाथ पर हाथ रखा उसने तो मालूम हुआ....

अनकही बात को किस तरहा सुना जाता है.!!!
[9/7, 9:05 AM] Bansi Lal: एक पत्थर की भी तक़दीर सँवर सकती है

शर्त ये है कि सलीक़े से तराशा जाए
[9/7, 9:06 AM] Bansi Lal: बहुत से लोग थे मेहमान मेरे घर लेकिन

वो जानता था कि है एहतिमाम किस के लिए
[9/7, 9:07 AM] Bansi Lal: वो एक दिन जो तुझे सोचने में गुज़रा था

तमाम उम्र उसी दिन की तर्जुमानी है
[9/7, 9:09 AM] Bansi Lal: सदियों से ज़माने का ये अंदाज़ रहा है

साया भी जुदा हो गया जब वक़्त पड़ा है
[9/7, 9:12 AM] Bansi Lal: वो जिस ने आँख अता की है देखने के लिए,

उसी को छोड़ के सब कुछ दिखाई देता है...
[9/7, 9:13 AM] Bansi Lal: वो जिस ने आँख अता की है देखने के लिए,

उसी को छोड़ के सब कुछ दिखाई देता है...
[9/7, 9:16 AM] Bansi Lal: जिस की ख़ातिर मैं भुला बैठा था अपने आप को

अब उसी के भूल जाने का हुनर भी देखना
[9/7, 9:20 AM] Bansi Lal: वो जो प्यासा लगता था सैलाब-ज़दा था

पानी पानी कहते कहते डूब गया है
[9/7, 9:25 AM] Bansi Lal: एक आंसू कोरे काग़ज़ पर गिरा....

और अधूरा ख़त मुकम्मल हो गया....
[9/7, 8:52 PM] Bansi Lal: हमे ये दुःख है कि ज़िंदगानी बग़ैर उसके गुज़ारनी है 

मगर तसल्ली की बात ये है वो अब हमारा न हो सकेगा
[9/7, 8:56 PM] Bansi Lal: बरसो बीत जाते हैं दस्तक देते हुए
.
.
पर कुछ दरवाजे कभी नहीं खुलते
[9/7, 9:00 PM] Bansi Lal: तक़दीर की तरकश मे चाहत के तीर इतने भर दीऐ हमने 

और हमें ही पता नही निशाने पर हम खुद  है...!!
[9/7, 9:02 PM] Bansi Lal: हम सुधर गए तो उन का क्या होगा 

जिनको हमारी शरारतें अच्छी लगती है
[9/7, 9:03 PM] Bansi Lal: अपनी किस्मत को कभी दोष मत‌ दीजिए, इंसान के रूप में जन्म मिला है, 

ये किस्मत नहीं तो और क्या है।

तुम थोड़ा नज़रअंदाज़ तो कर के देखो

[9/8, 8:27 AM] Bansi Lal: तुम थोड़ा नज़रअंदाज़ तो कर के देखो

हम तुम्हें पहचानने से ही इनकार कर देंगे।
[9/8, 8:28 AM] Bansi Lal: अकेले ही तय करने होते हैं कुछ सफर..!

हर सफर पर हमसफर नही होते..!!
[9/8, 8:28 AM] Bansi Lal: मेरा लिखना मुझे खुशी देता है 
इसलिए ये तुम्हारा एक फर्ज है कि तुम इसे पढ़ के मुस्कुरा दिया करो !!
[9/8, 8:29 AM] Bansi Lal: ताउम्र चलने वाली दोस्ती थी हमारी 

अगर अहं बीच में न आता...
[9/9, 9:05 AM] Bansi Lal: तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है

तुम्हारे बा'द ये मौसम बहुत सताएगा
[9/9, 9:06 AM] Bansi Lal: वो जो प्यासा लगता था सैलाब-ज़दा था

पानी पानी कहते कहते डूब गया है
[9/9, 9:06 AM] Bansi Lal: बहुत वक़्त में बने रिश्ते को भी टूटने के लिए 

एक लम्हे की ज़रूरत होती है!
[9/9, 9:08 AM] Bansi Lal: ताक़त आवाज़ में नहीं अपने विचारो में रखो

 क्योंकि फ़सल बारिश से होती है, बाढ़ से नहीं !!!
[9/9, 4:01 PM] Bansi Lal: बहुत ज़ोर से हँसे थे हम .....
बड़ी मुद्दतों के बाद आज फ़िर कहा किसी ने....

मेरा ऐतबार कीजिये....!
[9/10, 8:11 AM] Bansi Lal: वहाँ से एक पानी की बूँद ना निकल सकी फ़राज़,,,,

 तमाम उम्र जिन आँखो को हम झील कहते रहे !!
[9/10, 8:12 AM] Bansi Lal: "Never try to teach a pig to sing; 

it wastes your time and it annoys the pig."
[9/10, 8:15 AM] Bansi Lal: The real art of conversation is not to say the right thing at the right time…

but also to leave the wrong thing unsaid at the most tempting moment..
[9/10, 8:21 AM] Bansi Lal: "जिंदगी में उम्मीद का जुआ तो खेलना ही पड़ता है"
[9/10, 8:21 AM] Bansi Lal: बोलने का हक़ छीना जा सकता है

मगर ख़ामोशी का नहीं...!!
[9/11, 10:11 AM] Bansi Lal: रोज बदलते है हम
फिर भी
कहां बदलते है हम..
[9/11, 10:12 AM] Bansi Lal: तकदीर-ए-मोहब्बत थी.. मर मर के जिए जाना

जीना ही मुकद्दर था.. हम मर के भी क्या करते...
[9/11, 10:13 AM] Bansi Lal: People are like music, some speak the truth and others are just noise.
[9/11, 8:07 PM] Bansi Lal: लक्ष्य सही होना चाहिए

काम तो दीमक भी दिन रात करती है, 

पर वो निर्माण नहीं विनाश करती है।
[9/14, 12:09 PM] Bansi Lal: अब जिस तरफ़ से चाहे गुज़र जाये कारवाँ .........

वीरानियाँ तो , सब मेरे दिल में उतर गयीं  !
[9/14, 12:09 PM] Bansi Lal: भूलने वाली बात "याद" हैं...

इसलिए तो संबंघो में "विवाद" हैं.
[9/14, 12:10 PM] Bansi Lal: किसी शाम सा था तेरा मेरी ज़िन्दगी में ठहरना 

बेशक जरा सा मगर बेहद खुबसूरत
[9/14, 12:14 PM] Bansi Lal: सूखे पेड़ पर बारिश में भीगता बैठा रहा परिंदा ...

 खुश था,  की अब पेड़ हरा होगा ..
[9/14, 12:15 PM] Bansi Lal: आत्मा जो चाहती है वो पा लेती है .
[9/15, 7:44 AM] Bansi Lal: प्रशंसा अगर हो रही हो तो

तो प्रसन्न नहीं, सावधान रहने की ज़रूरत है
[9/15, 7:45 AM] Bansi Lal: ________

राह भूल जाने के भय से यदि
लंबी दूरीयाँ तय नहीं करोगे तुम

तो तुम कभी नहीं जान‌ पाओगे
कि जिस नदी को पार करना जीवनभर असंभव लगता रहा तुम्हें

एक निश्चित दूरी पर चलकर
उसपर‌ रस्सियों का एक पुल भी था ।।
[9/15, 7:48 AM] Bansi Lal: नज़रिए की कमज़ोरी चरित्र की कमज़ोरी बन जाती है।
[9/15, 7:48 AM] Bansi Lal: "असत्य अधिक आकर्षक होता है।"
[9/15, 7:51 AM] Bansi Lal: रिश्तों की डोरियां, कसमों के 

धागे से नही..

कोशिशों की रेशम से बंधनी चाहिये...!
[9/15, 7:51 AM] Bansi Lal: इससे पहले कि वो तुझको तुम से तू करदे ,

ये मशवरा है मेरा .. ख़त्म गुफ्तगू करदे ....
[9/15, 7:54 AM] Bansi Lal: उनके वास्ते हम जाने कितने काम बेशुमार कर गए

मामूली सा काम हमने कहा तो नजरअंदाज कर गए

ज़ाहिर में जो रस्ता सीधा लगता हो उस पर

[8/31, 7:44 AM] Bansi Lal: बात की गहराई में उतरे बिना प्रतिक्रिया दिखाना और बात का अर्थ समझे बिना उसको कोई रंग दे देना सदा हानिकारक होता है ॥

“सचेत रहें”
[8/31, 7:46 AM] Bansi Lal: ज़ाहिर में जो रस्ता सीधा लगता हो उस पर 
अपने पैर जमाए रखना कितना मुश्किल है...

आवाज़ों की भीड़ में इतने शोर-शराबे में 
अपनी भी इक राय रखना कितना मुश्किल है..
[8/31, 7:51 AM] Bansi Lal: रूह के रिश्तों की यही खासियत रही है....
महसूस हो ही जाती है जो बात अनकही है !!
[8/31, 7:52 AM] Bansi Lal: कोई वजह नही पुछेगा
पर इल्जाम बेशुमार लगेगें
सब्र करना ....
जवाब देने में वक़्त जाया न करना !
[8/31, 9:26 PM] Bansi Lal: अभी इतने अल्फ़ाज़ नही लिखे हमने 
जितना तुमने मुझे समझ लिया है ..... !!
[8/31, 9:26 PM] Bansi Lal: जिंदगी में एक दोस्त ऐसा भी होना चाहिए ,

जो बिना मतलब हालचाल पूछता रहता हो..!!!
[8/31, 9:27 PM] Bansi Lal: तुम्हारा मुझको ये कहना तुम्हारे साथ मैं हूँ ना 

किसी बंजर पे बारिश की तरह अहसास लगता है ।।
[8/31, 9:28 PM] Bansi Lal: अपना सा लगता है तेरा नजरअंदाज करना 

खुशी है कि तू अब भी पहचानता है हमे...
[8/31, 9:29 PM] Bansi Lal: पुरानी शाखों से पूछो जीना कितना मुश्किल है, 

नये पत्ते तो बस अपनी अदाकारी में रहते हैं!

“All truth passes through three stages.

[8/20, 8:14 AM] Bansi Lal: “All truth passes through three stages.

 First, it is ridiculed.

 Second, it is violently opposed.

 Third, it is accepted as being self-evident.”
[8/21, 12:17 PM] Bansi Lal: ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना-पन हो ,

लेकिन इक आहट जानी-पहचानी होती है !
[8/22, 7:46 AM] Bansi Lal: मूड हो जैसा वैसा मंज़र होता है

मौसम तो इंसान के अंदर होता है
[8/22, 7:48 AM] Bansi Lal: संयम संस्कृति का मूल है!

विलासिता निर्बलता और चाटुकारिता के वातावरण में न तो संस्कृति का उद्भव होता है और न विकास!
[8/22, 7:50 AM] Bansi Lal: दरिया थे जितने ग़म के वो मुझमें उतर गए...

मैं   चीखता   रहा.. कि   समंदर   नहीं   हूं   मैं...
[8/23, 8:35 AM] Bansi Lal: चीर कर दिल को दिल से निकली थी

आह को कामयाब होना था
[8/23, 8:49 AM] Bansi Lal: मूर्खता से पैदा हुआ आत्मविश्वास सबसे बड़ा होता है!
[8/23, 8:50 AM] Bansi Lal: गिरे हुए आदमी को उत्साहवर्धक भाषण देने की अपेक्षा, 
सहारे के लिए हाथ देना चाहिए!
[8/26, 10:19 AM] Bansi Lal: सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं

तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं
[8/26, 10:20 AM] Bansi Lal: हर शख़्स दौड़ता है यहाँ भीड़ की तरफ़,

फिर ये भी चाहता है उसे रास्ता मिले...
[8/26, 10:28 AM] Bansi Lal: "बुराई की खासियत, कभी हार नहीं मानती

और अच्छाई की खासियत, वो कभी हारती नहीं",,
[8/26, 10:29 AM] Bansi Lal: हमने ख़ुद अपना घर जलाया है,
ये हुनर मुश्किलों से आया है.

फिर हमें डूबना है साहिल पर,
फिर उसे ना-ख़ुदा बनाया है.
[8/27, 8:51 AM] Bansi Lal: ज़रूरत के पाँव चादर से बाहर निकल जाते है..

ढंकते ढांकते पाँव ज़िन्दगी
 यूँ....ही गुज़र जाती है !
[8/27, 8:06 PM] Bansi Lal: हमको अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तेरा

कोई तुझसा हो तो फिर नाम भी तुझ सा रखे।
[8/27, 8:06 PM] Bansi Lal: जो जाने के बहाने ढूंढते हैं ,
.
.
उनको दरवाजे तक छोड़कर आना चाहिए
[8/27, 8:10 PM] Bansi Lal: वक़्त मांगा तो वो हस के बोले,,
,
,वक़्त लगता है वक़्त पाने को,....!!
[8/29, 9:35 AM] Bansi Lal: सुना है मिट्टी पानी का अज़ल से एक रिश्ता है,
जड़ें मिट्टी में लगती हैं,
जड़ों में पानी रहता है...
[8/29, 9:37 AM] Bansi Lal: इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं,

मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है
[8/29, 9:39 AM] Bansi Lal: शब्द तो यदा-कदा चुभते ही रहते हैं सबके, 

पर जब मौन चुभ जाए किसी का तो  
बड़ी वेदना होने लगती है। |
[8/29, 10:01 AM] Bansi Lal: हल्के - हल्के बढ़ रही हैं चेहरे की लकीरें, 

नादानी और तजुर्बे में बटवारा हो रहा है..!!
[8/29, 10:02 AM] Bansi Lal: तुम वजह तो ज़ाहिर करो 
नाराज़गी की ....
मनाने का ज़िम्मा हम उठा लेंगे !
[8/29, 10:12 AM] Bansi Lal: लाजिम है अब उम्र भर सफर मेरा....
अपनी मंजिल जो मैंनें तुम्हें बनाया है !

"चिता" और "चिंता" में केवल एक बिंदु का ही फ़र्क़ है।

[8/18, 8:04 AM] Bansi Lal: "चिता" और "चिंता" में केवल एक बिंदु का ही फ़र्क़ है।

"चिता" निर्जीव को जलाती है,।
 और "चिंता" जीवित को जलाती है ।
[8/18, 8:19 AM] Bansi Lal: ये शहर वो है कि कोई ख़ुशी तो क्या देता

किसी ने दिल भी दुखाया नहीं बहुत दिन से!!!
[8/18, 8:29 AM] Bansi Lal: कितनी आसानी से मशहूर किया है ख़ुद को

मैं ने अपने से बड़े शख़्स को गाली दे कर
[8/18, 8:30 AM] Bansi Lal: आइना देख कर तसल्ली हुई
 
हम को इस घर में जानता है कोई
[8/18, 8:32 AM] Bansi Lal: "गूँजती वादी में आवाज़ अभी बाक़ी है

तार टूटे हैं तो क्या साज़ अभी बाक़ी है
[8/18, 8:33 AM] Bansi Lal: रिहा कर दे क़फ़स की क़ैद से घायल परिंदे को

किसी के दर्द को इस दिल में कितने साल पालेगा...
[8/18, 8:36 AM] Bansi Lal: फ़ासले बहुत हो चुके हैं दरमियाँ,

मेरी ख़ामोशी भी उसे अब शोर लगती है...
[8/18, 8:39 AM] Bansi Lal: गले से लगते ही जितने  गिले थे ...भूल गए

वरना याद थीं ...हम को शिकायतें क्या क्या
[8/19, 4:34 AM] Bansi Lal: सबसे पहले दूर होने वालों में वही शामिल थे।

शोर जिन्होंने बहुत मचाया हुआ था.......
[8/19, 4:42 AM] Bansi Lal: सबसे पहले दूर होने वालों में वही शामिल थे।

शोर जिन्होंने अपनेपन का बहुत मचाया हुआ था.......
[8/19, 5:42 AM] Bansi Lal: एक बाजार है ये दुनिया, सौदा संभलकर कीजिये...! 

मतलब के  होज़रे में, बेशुमार दिल मिलते है....!!
[8/19, 5:43 AM] Bansi Lal: वो भी दो क़दम साथ चल के थक सा गया 

आख़री छोर तक जो साथ आने वाला था
[8/19, 5:47 AM] Bansi Lal: मुझे सुखे हुए पत्तों ने सीखाया है

बोझ बन जाओगे तो अपने भी गिरा देंगे!!
[8/19, 7:36 PM] Bansi Lal: बुद्धिमान लोग हमेशा स्वेच्छा से ही सही रास्ते पर चलते हैं।
[8/19, 7:42 PM] Bansi Lal: फर्क होता है अकेले रहने में 

और अकेले हो जाने में

दरारों की अहमियत अंधेरे बेहतर समझते हैं ...!

[8/16, 9:38 PM] Bansi Lal: दरारों की अहमियत अंधेरे बेहतर समझते हैं ...!
[8/16, 9:40 PM] Bansi Lal: "मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ मगर इतना तो बता 

देखकर मुझको तेरे ज़ेहन में आता क्या है!"
[8/16, 9:42 PM] Bansi Lal: बड़ा घाटे का सौदा है 'सदा' ये सांस लेना भी 

बढ़े है उम्र ज्यूं-ज्यूं ज़िंदगी कम होती जाती है
[8/16, 9:44 PM] Bansi Lal: मैं अपने दिल को ये बात कैसे समझाऊँ फ़राज़,

कि किसी को चाहने से कोई अपना नहीं होता...
[8/16, 9:45 PM] Bansi Lal: ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता

एक ही शख़्स था जहान में क्या
[8/17, 8:54 AM] Bansi Lal: लहजे और आवाज़ में रक्खा जाता है

अब तो ज़हर अल्फ़ाज़ में रक्खा जाता है....
[8/17, 8:57 AM] Bansi Lal: अब इस राह से वो शख्स गुजरता भी नहीं 

अब किस उम्मीद पे दरवाजे से झांके कोई
[8/17, 8:58 AM] Bansi Lal: बहुत मुश्किल से बनते हैं अच्छे और सच्चे रिश्ते,

इससे पहले की टूट जाए, सम्भाल लेने चाहिए !!
[8/17, 9:00 AM] Bansi Lal: ग़म छुपाने के सौ तरीकों में....

मुस्कुराना ही सबसे मुश्किल है....
[8/17, 9:00 AM] Bansi Lal: "अहंकार स्वाभाविक है, विनय सीखना ही पड़ता है।"

Monday, 7 September 2020

Enjoy the humour:


A Professor started his class on a very serious Topic. The moment he turned towards the Blackboard, one of the students Whistled.

He turned, looked at the class and asked the Whistler's Name.? No one answered.

The Professor Peacefully kept the Pen in his pocket saying:-"Lecture ends here. I'll tell You a Story to Utilise the remaining time".

Everyone became interested.

"Yesterday Night I tried hard to sleep, but it was Miles away from my eyes, so I thought I'd better get petrol in my car, which will save my time next morning and might induce sleep.

After having my tank full, I started roaming in that area, Enjoying the peace of a Traffic free ride.

Suddenly, on the corner I saw a girl, who was as Young and Beautiful as the clothes she was wearing. Must have been returning from a party.

Out of courtesy, I turned my car towards her and asked- if I may be of any help. She asked me if I could drop her to her home, she'll be very obliged, to which I agreed.

She sat in the front seat with me. We started talking & to my Amazement she was very Intelligent, had control on many Topics which many Youngsters don't.

When we reached her address, she admitted my courteous Nature & Behavior and accepted that she had fallen in love with me. I also admitted her intelligence and Beauty and that I've also started liking her.

I told her about my job as a professor in the university. The girl asked my number, which I gave her willingly.

Then she asked me a favor, to which i couldn't have denied Naturally. She said that her Brother is a student in the same University, and asked me to take care of him, Since we'll be in a long Relationship Now..!

I asked the name of the student. She said that I'll recognise him with one of his very prominent quality..

He Whistles a lot .!!!

All eyes in the classroom turned towards the boy who had whistled..

The Professor said: "I didn't buy my Ph. D in Psychology.. I Earned it”.


Saturday, 5 September 2020

We all know that living under stressful conditions has serious emotional, even physical, consequences. So why do we have so much trouble taking action to reduce our stress levels and improve our lives?

Researchers at Yale University finally have the answer. They found that stress reduces the volume of grey matter in the areas of the brain responsible for self-control.

So experiencing stress actually makes it more difficult to deal with future stress because it diminishes your ability to take control of the situation, manage your stress and keep things from getting out of control.

A vicious cycle if there ever was one.

But don’t be disheartened. It’s not impossible to reduce your stress levels; you just need to make managing stress a higher priority if you want to reverse this effect. The sooner you start managing your stress effectively, the easier it will be to keep unexpected stress from causing damage in the future.

"The greatest weapon against stress is our ability to choose one thought over another." -William James

Luckily, the plasticity of the brain allows it to mold, change, and rebuild damaged areas as you practice new behaviors. So implementing healthy stress-relieving techniques can train your brain to handle stress more effectively and decrease the likelihood of ill effects from stress in the future.

Here are seven strategies to help you fix your brain and keep your stress under control:

Say No

Research conducted at the University of California, San Francisco, shows that the more difficulty that you have saying no, the more likely you are to experience stress, burnout, and even depression. Saying no is indeed a major challenge for many people. “No” is a powerful word that you should not be afraid to wield. When it’s time to say no, avoid phrases such as “I don’t think I can” or “I’m not certain.” Saying no to a new commitment honors your existing commitments and gives you the opportunity to successfully fulfill them.

Disconnect

Technology enables constant communication and the expectation that you should be available 24/7. It is extremely difficult to enjoy a stress-free moment outside of work when an email that will change your train of thought and get you thinking (read: stressing) about work can drop onto your phone at any moment.

Taking regular time off the grid helps you to keep your stress under control and to live in the moment. When you make yourself available to your work 24/7, you expose yourself to a constant barrage of stressors. Forcing yourself offline and even—gulp!—turning off your phone gives your body and mind a break. Studies have shown that something as simple as a weekend e-mail break can lower stress levels.

If detaching yourself from work-related communication on weekday evenings is too big a challenge, then how about the weekend? Choose blocks of time where you will cut the cord and go offline. You’ll be amazed by how refreshing these breaks are and how they reduce stress by putting a mental recharge into your weekly schedule.

If you are worried about the negative repercussions of taking this step, try first doing it at times you are unlikely to be contacted—maybe Sunday morning. As you grow more comfortable with this, and as your coworkers begin to accept the time you spend offline, gradually expand the amount of time you spend away from technology.

Neutralize Toxic People

Dealing with difficult people is frustrating, exhausting, and highly stressful for most. You can control your interactions with toxic people by keeping your feelings in check. When you need to confront a toxic person, approach the situation rationally. Identify your own emotions and don’t allow anger or frustration to fuel the chaos. Also, consider the difficult person’s standpoint and perspective so that you can find solutions and common ground. Even when things completely derail, you can take the toxic person with a grain of salt to avoid letting him or her bring you down.

Don’t Hold Grudges

The negative emotions that come with holding onto a grudge are actually a stress response. Just thinking about the event sends your body into fight-or-flight mode, a survival mechanism that forces you to stand up and fight or run for the hills when faced with a threat. When the threat is imminent, this reaction is essential to your survival, but when the threat is ancient history, holding onto that stress wreaks havoc on your body and can have devastating health consequences over time. In fact, researchers at Emory University have shown that holding onto stress contributes to high blood pressure and heart disease. Holding onto a grudge means you’re holding onto stress, and emotionally intelligent people know to avoid this at all costs. Letting go of a grudge not only makes you feel better now but can also improve your health.

Practice Mindfulness

Mindfulness is a simple, research-supported form of meditation that is an effective way to gain control of unruly thoughts and behaviors. People who practice mindfulness regularly are more focused, even when they are not meditating. It is an excellent technique to help reduce stress because it allows you to reduce the feeling of being out of control. Essentially, mindfulness helps you stop jumping from one thought to the next, which keeps you from ruminating on negative thoughts. Overall, it’s a great way to make it through your busy day in a calm and productive manner.

Put Things In Perspective

Our worries often come from our own skewed perception of events. So before you spend too much time dwelling on what your boss said during the last staff meeting, take a minute to put the situation in perspective. If you aren’t sure when you need to do this, try looking for clues that your anxiety may not be proportional to the stressor. If you are thinking in broad sweeping statements like “Everything is going wrong” or “Nothing will work out” then you need to reframe the situation. A great way to correct this unproductive thought pattern is to list the specific things that actually are going wrong or not working out. Most likely you will come up with just one or two things—not everything. The key to keeping your cool is to remember that your feelings are exaggerating the situation and the scope of the stressor is much more limited than it might appear.

Use Your Support System

It’s tempting, yet entirely ineffective, to attempt tackling everything by yourself. To be calm and productive you need to recognize your weaknesses and ask for help when you need it. This means tapping into your support system when a situation is challenging enough for you to feel overwhelmed.

Everyone has someone at work and/or outside work who is on their team, rooting for them, and ready to help them get the best from a difficult situation. Identify these individuals in your life and make an effort to seek their insights and assistance when you need it. Something as simple as talking about your worries will provide an outlet for your anxiety and stress and supply you with a new perspective on the situation. Most of the time, other people can see a solution that you can’t because they are not as emotionally invested in the situation. Asking for help will mitigate your anxiety and strengthen your relationships with those you rely upon.

Bringing It All Together

As simple as these strategies may seem, they are difficult to implement when your mind is clouded with stress. Force yourself to attempt them the next time your head is spinning, and you’ll reap the benefits that come with disciplined stress management.

How do you manage stress? Please share your thoughts in the comments section below, as I learn just as much from you as you do from me.


Saturday, 15 August 2020

ख़्वाबों में रहूँ ये मेरी लाचारियाँ हैं अब,

[8/14, 6:48 AM] Bansi Lal: एक आदत सी बन गई है तू

और आदत कभी नहीं जाती
[8/14, 6:48 AM] Bansi Lal: ख़्वाबों में रहूँ ये मेरी लाचारियाँ हैं अब,

आदत सी हो गयी है तेरे पास रहने की।
[8/14, 7:58 AM] Bansi Lal: हार हो जाती है जब मान लिया जाता है 

जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है

सफ़र में अब के अजब तजरबा निकल आया

[8/11, 7:49 AM] Bansi Lal: भाषाओं का अनुवाद हो सकता है...
भावनाओं का नहीं...

इन्हें समझना पड़ता है...
[8/11, 8:00 AM] Bansi Lal: सफ़र में अब के अजब तजरबा निकल आया

भटक गया तो नया रास्ता निकल आया
[8/11, 8:09 AM] Bansi Lal: " What we see when watching others depends on the purity of the window through which we look."
[8/11, 5:07 PM] Bansi Lal: बात करने से ही बात बनती है
बात न करने से,बातें ही बनती है
[8/12, 7:27 AM] Bansi Lal: ऐ हवा उस से ये कहना कि सलामत है अभी,

तेरे  फूलों  को  किताबों  में  छुपाने  वाला !!
[8/12, 7:29 AM] Bansi Lal: ‏جس جگہ ہم نے کیلنڈر میں جدائی لکھی 
اک ملاقات کی تاریخ وہاں باقی ہے 
شکیل اعظمی 

जिस जगह हमने कैलेन्डर में जुदाई लिक्खी 

इक  मुलाकात  की  तारीख  वहां  बाक़ी  है अभी
[8/12, 7:35 AM] Bansi Lal: ये हवाएँ उड़ न जाएँ ले के काग़ज़ का बदन 
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो

- राहत इंदौरी 
#RIP Rahat Sahib greatest shayar of urdu in our time. Great and different styles of recitation
Koe jabab nahi tha Rahat Sahib. Miss u may the soul rest in peace.
[8/12, 7:37 AM] Bansi Lal: हर किसी से तो निभाना मुश्किल था 

ख़ुद को इतना भी गिराना मुश्किल था
[8/12, 7:38 AM] Bansi Lal: Respect is for those who deserve it, not for those who demand it.
[8/12, 7:38 AM] Bansi Lal: दो गज़ सही मगर यह मेरी मिल्कियत तो है

ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया

#RahatIndori
[8/12, 7:40 AM] Bansi Lal: आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में 

कूच का ऐलान होने को है तय्यारी रखो

~ राहत इंदौरी
[8/12, 7:41 AM] Bansi Lal: “अधिक हर्ष और उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आती है।”
[8/12, 7:42 AM] Bansi Lal: एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो

दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो
[8/13, 7:50 AM] Bansi Lal: "Rejection is not a reflection of you but a reflection of what does not belong to you."

उस क्षण केवल मौन था हमारे बीच..

[8/8, 8:16 AM] Bansi Lal: जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में कह नहीं सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है।
[8/8, 8:18 AM] Bansi Lal: उस क्षण केवल मौन था हमारे बीच.. 
क्षणिक सुख और अथाह दु:ख मिश्रित मौन..
अविश्वसनीय आश्चर्य मिश्रित मौन... 
अपूरित अपेक्षाओं और ज्ञात परिणाम मिश्रित मौन... 
[8/9, 6:02 AM] Bansi Lal: पहले खुशबु के मिज़ाजों को समझ लो !!

फिर गुलिस्तां मे किसी गुल से मोहबत करना !!
[8/10, 7:49 AM] Bansi Lal: दिल भी पागल है कि उस शख़्स से वाबस्ता है,

जो किसी और का होने दे न अपना रक्खे...
[8/10, 7:52 AM] Bansi Lal: हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं  छोड़ा  करते 
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
[8/10, 7:55 AM] Bansi Lal: सबसे बड़ी मूर्खता है - इस विश्वास से लबालब भरे रहना कि लोग हमें वोही मान रहे हैं, जो हम उन्हें मनवाना चाहते हैं !
[8/10, 7:59 AM] Bansi Lal: किरदार को अपने यूं न बयां करो खुल कर

ये शरीफों का शहर है अदाकारी जरूरी है
[8/10, 8:05 AM] Bansi Lal: नाराजग़ी है तो ज़रा हक़ से जताइए
यूं फेर कर नज़रें ! 
ग़ैर क्यों करते हैं ?

: The best person in your life is the one who comes first in your mind after reading this sentence.

[8/8, 7:45 AM] Bansi Lal: The best person in your life is the one who comes first in your mind after reading this sentence.
[8/8, 7:54 AM] Bansi Lal: Faith allows things to happen. It is the power that comes from a fearless heart. And when a fearless heart believes, miracles happen.
[8/8, 7:57 AM] Bansi Lal: मेरा रुकना जरूरी नहीं यहाँ,  तुम्हारा ठहरना जरूरी है !
[8/8, 8:04 AM] Bansi Lal: Sometimes it takes the worst pain to bring about the best change.
[8/8, 8:08 AM] Bansi Lal: वक़्त ख़ुश ख़ुश काटने का मशवरा देते हुए
रो पड़ा वो आप मुझ को हौसला देते हुए
[8/8, 8:08 AM] Bansi Lal: मेरे दिल को छू लेते है अक्सर ख़ामोश चेहरे..
हँसते हुए चेहरों में मुझे फ़रेब नज़र आते है...

अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को

[8/6, 8:33 PM] Bansi Lal: True relationship are like mornings, u cant have them the whole day, but u can be sure, they will be there when u wakeup tomorrow, next year and forever.
[8/6, 8:46 PM] Bansi Lal: अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को 

मैं ने औरों से सुना है  कि परेशान  हूँ  मैं .
[8/6, 8:47 PM] Bansi Lal: Life doesn't always give you the people you want, and sometimes it takes away the people you need the most.
[8/6, 8:52 PM] Bansi Lal: तुम जरूरी थे 

जरूरत नही..!
[8/6, 8:56 PM] Bansi Lal: अगर रिश्तो में खामोशी आ जायें 

तो उस रिश्ते का कोई वजूद नहीं रहता ...!!
[8/6, 8:57 PM] Bansi Lal: मैं डूब के उभरा तो बस इतना ही देखा है,

औरों की तरह तू भी किनारे पे खड़ा था..

जिंदगी ने दिए थे अँधेरे तो क्या,

[8/1, 9:14 AM] Bansi Lal: "जिंदगी ने दिए थे अँधेरे तो क्या, 
तुम थे चाहते उजाले तो रुकते ज़रा, हम तो खुद जल जाते रौशनी के लिए"
[8/4, 7:49 AM] Bansi Lal: उस जगह मत जाओ...
जहां लोग तुम्हे बर्दाश्त करते हैं...

उस जगह जाओ..
जहां लोग तुम्हारा इंतजार करते हैं..
[8/4, 7:56 AM] Bansi Lal: मैं बोलता गया हूँ वो सुनता रहा ख़ामोश,

ऐसे भी मेरी हार हुई है कभी कभी...
[8/4, 7:59 AM] Bansi Lal: मैं बोलता गया हूँ वो सुनता रहा ख़ामोश,

ऐसे भी मेरी हार हुई है कभी कभी...
[8/4, 8:01 AM] Bansi Lal: शिकायतों मे जीने से बेहतर है 
.
.
माथा चूमकर महबूब को अलविदा कह दिजिए
[8/4, 8:05 AM] Bansi Lal: 99% of your biggest worries will never happen
[8/4, 10:19 AM] Bansi Lal: जरा जो पैर फिसला इल्जाम लगाया उसी चप्पल पर सबने,

महीनों तपती जमीन और कांटों से बचाया जिसने।

रिश्तों को जेबों में नहीं,दिलों में रखिए हुज़ूर

[7/31, 6:39 AM] Bansi Lal: रिश्तों को जेबों में नहीं,दिलों में रखिए हुज़ूर

वक़्त से शातिर कोई जेबक़तरा नहीं होता
[7/31, 6:39 AM] Bansi Lal: जिस धागे की गाँठे खुल सकतीं हैं 

उस धागे पर कैंची नहीं चलानी चाहिए ..
[7/31, 6:40 AM] Bansi Lal: रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे,

हर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे
[7/31, 6:44 AM] Bansi Lal: ज़िन्दगी में यही देखना ज़रूरी नहीं है,
कि कौन हमारे आगे हैया कौन हमारे पीछे

कभी यह भी देख लिया करो....
हम किसके साथ हैं, और कौन हमारे साथ है..!!
[7/31, 7:55 AM] Bansi Lal: " Our own existence is a sailing of life's incessant queries; hence this enables us to unfold the true character of our own being. This keeps each one's ship to sail with prudence and faith amidst all the whipping storms of life."

: What passes for optimism is most often the effect of an intellectual error.

[7/13, 7:15 AM] Bansi Lal: What passes for optimism is most often the effect of an intellectual error.
[7/13, 7:15 AM] Bansi Lal: “Life Become Useless And Insipid When We No Longer Have Either Friends Or Enemies”
[7/28, 11:08 AM] Bansi Lal: “Worry is spiritual near-sightedness, a fumbling way of looking at little things and magnifying their value.”
[7/29, 10:04 AM] Bansi Lal: The best way to appreciate someone is to imagine your life without them.
[7/29, 10:08 AM] Bansi Lal: थोड़ा डूबूँगा, मगर मैं 
फिर तैर आऊँगा... 

ऐ ज़िंदगी, तू देख, 
मै फिर जीत जाऊँगा...
[7/30, 7:51 AM] Bansi Lal: सत्य केवल उनके लिए कड़वा होता है, 

जो लोग झूठ में रहने के आदी हो चुके हो..!!

             🙏 सुप्रभात 🙏
[7/30, 9:21 PM] Bansi Lal: ज़ेहन अपना फ़र्ज़ निभाता है, काम अपना ज़बान करती है

मगर एक नज़र ही है, जो हमेशा हक़ीक़त बयान करती है
[7/30, 9:32 PM] Bansi Lal: अपना लड़ना भी मोहब्बत है, तुम्हें इल्म नहीं है----

चीख़ते तुम रहे और गला मेरा ही बैठ गया..!!
[7/30, 9:37 PM] Bansi Lal: जब तलक दूर है तू तेरी परस्तिश कर लें, 

हम जिसे छू न सकें उसको खुदा कहते हैं . 

(परस्तिश- इवादत, पूजा)
[7/30, 9:57 PM] Bansi Lal: दीपक का जीवन वंदनीय है, वह दूसरो के लिए 'जलता' है,

दूसरों से नहीं...

तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें

[7/5, 11:46 AM] Bansi Lal: तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें 

हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया
[7/5, 1:10 PM] Bansi Lal: यही हासिल है हमारा उम्र भर के लिए
उसने रखा था हमें याद उम्र भर के लिए

ये क्या कम है के जीए हम ज़िंदा रहकर
कितने क़ातिल थे तैयार एक सर के लिए

कौन रखता है दिल में हमने देख लिया
कहीं से रास्ता तो निकले अपने घर के लिए
[7/6, 7:57 AM] Bansi Lal: ये बिछड़ना नहीं उजड़ना था।

जिस तरह से जुदा हुए हम तुम।
[7/6, 10:09 AM] Bansi Lal: “Worry is spiritual near-sightedness, a fumbling way of looking at little things and magnifying their value.”
[7/6, 11:32 AM] Bansi Lal: ज़रूरी नहीं कि मेरी कहानी का कोई ज़िक्र रखो,

कहीं भी रखो, तुम मेरे किरदार को ज़िंदा रखो.....!
[7/6, 11:33 AM] Bansi Lal: इश्क़ कर के देख ली जो बेबसी देखी न थी 
इस क़दर उलझन में पहले ज़िंदगी देखी न थी 

ये तमाशा भी अजब है उन के उठ जाने के बाद 
मैं ने दिन में इस से पहले तीरगी देखी न थी 

आप क्या आए कि रुख़्सत सब अंधेरे हो गए 
इस क़दर घर में कभी भी रौशनी देखी न थी

रात को रात कह दिया मैं ने

[7/4, 8:51 AM] Bansi Lal: रात को रात कह दिया मैं ने

सुनते ही बौखला गई दुनिया
[7/4, 8:53 AM] Bansi Lal: तिनका हूँ तो क्या हुआ .. वजूद है मेरा
.
.
उड़ उड़ कर हवा का रुख तो बताता हूँ
[7/4, 8:54 AM] Bansi Lal: गजल तेरे हुस्न पे लिख तो दूँ मैं,

पर कोई दूसरा दोहराए तो मेरी जान जाती है !!
[7/4, 8:56 AM] Bansi Lal: मुख़्तसर सी ज़िन्दगी के अजीब से अफ़साने हैं!

यहाँ तीर भी चलाने हैं और परिंदे भी बचाने हैं!!
[7/4, 8:57 AM] Bansi Lal: "ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था

हमीं सो गए दास्ताँ कहते कहते
[7/4, 8:58 AM] Bansi Lal: The secret of your future is hidden in your daily routine.
[7/4, 8:59 AM] Bansi Lal: ये बिछड़ना नहीं उजड़ना था।

जिस तरह से जुदा हुए हम तुम।
[7/4, 6:01 PM] Bansi Lal: रुतबा तो "खामोशियों" का होता है, 

"अल्फाज" का क्या! वो तो मुकर जाते हैं, "हालात" देखकर!

ज़िन्दग़ी के अंजुमन का बस यही दस्तूर है,

[7/2, 8:26 AM] Bansi Lal: ज़िन्दग़ी के अंजुमन का बस यही दस्तूर है,

बढ़ के मिलिये और मिल कर दूर होते जाइये..!!
[7/2, 8:29 AM] Bansi Lal: तेरी आह, किस से ख़बर पाइए 

वही बेख़बर है जो आगाह है
[7/3, 7:03 AM] Bansi Lal: जिन्हें पता है कि अकेलापन क्या होता है..

वो लोग दूसरों के लिए हमेशा हाजिर रहते हैं..
[7/3, 7:45 AM] Bansi Lal: रफ़्तार कुछ जिंदगी की यू बनाये रखो यारों,

कि दुश्मन कोई आगे ना निकले और दोस्त कोई पीछे ना छुटे..
[7/3, 7:46 AM] Bansi Lal: इश्क़ की आख़री हदों में हूं साहब..!

राख़ हूं .....अब और नही जल सकती..!!
[7/3, 8:21 AM] Bansi Lal: नई सुब्ह पर नज़र है मगर आह ये भी डर है

ये सहर भी रफ़्ता रफ़्ता कहीं शाम तक न पहुँचे

Tuesday, 30 June 2020

महल:


Sunday, 28 June 2020

सूत्र:


Saturday, 27 June 2020

Karm karo phal ki icha mat rakho;

Bhagwad Gita says - "karm karo phal ki chinta mat karo"  Modern interpretation of the above saying - Control what you can control and no point deliberating what you cannot. You cannot control bad weather, tsunami, flood, hurricane - all you can do it to either make necessary preparations and minimise losses or let it pass Therefore what Rachit Raj IAS has put across is relevant in the current context- you have to be positive, you have no other choice. #You can choose to be positive or negative, it’s up to you - do not let the external factor(s) which is beyond your control, controls your emotions, feelings, motivation etc. which is internal and controllable

Always be positive:

There is nothing better than being motivated , being positive , being patient , being optimistic and being hopeful . No matter whatever and however the situation is , you need to act and react with patience and positivity. Always believe in “ whatever happens , happens for good only “ , there might be immediate sadness but hidden positive objective will be for sure . Always love yourself Always be happy Always be positive 

Sister love



A Sister is a perfect example of a best friend.

“Having a sister is like having a best friend you can’t get rid of. You know whatever you do, they’ll still be there.”—Amy Li

“I could never love anyone as I love my sisters.” —Little Women film adaptation (1994)

“A sister can be seen as someone who is both ourselves and very much not ourselves—a special kind of double.” —Toni Morrison

“Sister. She is your mirror, shining back at you with a world of possibilities. She is your witness, who sees you at your worst and best, and loves you anyway. She is your partner in crime, your midnight companion, someone who knows when you are smiling, even in the dark. She is your teacher, your defense attorney, your personal press agent, even your shrink. Some days, she’s the reason you wish you were an only child.” Barbara Alpert

When my sister, Joan, arrived I asked if I could swap her for a rabbit. When I think what a marvelous friend she’s been, I’m so glad my parents didn’t take me at my word.” —Maeve Binchy

“I grew up believing my sister was from the planet Neptune and had been sent down to Earth to kill me. I believed this because my sister Emily convinced me of it when I was a toddler…There’s a part of me that still believes it. I have moments when I think, ‘Hmm, could that be true?’ Occasionally I ask my sister about it and she responds by pulling an alien face, which only confuses matters.” —Zooey Desc

June implications:

[6/6, 8:31 AM] Bansi Lal: एक कतरा हूँ ऐसी सिफ़त दे मौला,

कोई प्यासा आ जाए तो दरिया हो जाऊँ
[6/6, 8:34 AM] Bansi Lal: बनावट हो तो ऐसी हो कि जिस से सादगी टपके
ज़ियादा हो तो असली हुस्न छुप जाता है ज़ेवर से
[6/6, 8:36 AM] Bansi Lal: किरदार जहां जाते हैं वहीं नयी कहानियाँ रच लेते हैं। सवाल ये है कि कहानियों का क्या होता है जब किरदार उनसे बिछड़ जाते हैं?
[6/11, 3:23 PM] Bansi Lal: मेरे हौसलों की सनोबरी यूँ सर झुका के न रहा करो,

बाक़ी हैं अभी शफ़क़ पर नक़्श ख़्वाब-ओ-ख़याल के !!
[6/21, 9:40 PM] Bansi Lal: *शिकायतों की पाई-पाई जोड़ कर रखी थी मैंने*

*सामने वाले ने गले  लगा कर सारा हिसाब बिगाड़ दिया*।
💐💐💐💐💐💐💐
[6/21, 9:44 PM] Bansi Lal: *किसी से रूठ कर..दरवाज़े भले बंद करिए..*

*पर ...एक खिड़की ज़रूर खुली रखिए,*
*गुंज़ाइश की.. उम्मीदों की.. !!*
[6/26, 7:40 AM] Bansi Lal: बहक कर ज़ो क़भी महफ़िल में,
मैं ले लू तेरा नाम
मुकर जाना तुम भी यूँ ही बस मुस्कुरा कर...
[6/26, 7:42 AM] Bansi Lal: Don’t try and rush success, greatness takes time. Be patient, take the time to put in the work, your time for success will be sooner than you expect.
[6/26, 7:42 AM] Bansi Lal: तो क्या हुआ.....
वो नहीं मिलते हमसे....
मिला तो रब भी नहीं हमे....
मगर इबादत तो बंद नहीं की......
[6/26, 7:43 AM] Bansi Lal: The secret of being happy is accepting where you are in life and making the most out of everyday.
[6/27, 5:45 AM] Bansi Lal: हमें  ना  बताइये  मोहब्बत  में  तहजीब

हमने  एक  उम्र  उन्हें  दूर  से  देखा  है
[6/27, 5:48 AM] Bansi Lal: चलती सांसों में कोई साथ ना था,

जनाजे में मेरे बारात सा जश्न था...
[6/27, 5:54 AM] Bansi Lal: अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे 

तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे
[6/27, 5:54 AM] Bansi Lal: Stop wasting your breath sharing your big dreams with small-minded people. Mix with the right crowd. The conversation will be much different. Hang with people that will support your dreams and ideas!

May renditions:

[5/1, 6:36 AM] Bansi Lal: मैं कुछ दिन से अचानक फिर अकेला पड़ गया हूँ

नए मौसम में इक वहशत पुरानी काटती है
[5/1, 6:43 AM] Bansi Lal: Hustle until your haters ask if you're hiring.
[5/1, 6:44 AM] Bansi Lal: जल्दी में था कोई शायद कहानी इश्क की अधूरी 
छोड़ गया ,

लफ्जों से बात ना बनी तो खामोशी से दिल
तोड़ गया
[5/1, 6:49 AM] Bansi Lal: रूकने के लिए तो मेरे पास पूर्णविराम भी था

पर तुम ज्यादा पूर्ण लगे मेरे विराम के लिए
[5/1, 6:50 AM] Bansi Lal: You can only reach your full potential when you are able to put your ego aside.
[5/1, 6:51 AM] Bansi Lal: हर बार दुआ के लिए हाथ उठेगा मेरा
ये बेकार की दूरियों से चाहत नहीं बदला करती..!!
[5/1, 6:52 AM] Bansi Lal: जो उसी के लफ़्ज़ों में बात की.. 

तो बात ही खत्म हो गई..!
[5/2, 9:02 AM] Bansi Lal: जो उसी के लफ़्ज़ों में बात की.. 

तो बात ही खत्म हो गई..!
[5/2, 9:08 AM] Bansi Lal: किताबें तक पढ़ने का शौक़ नहीं था हमें 

पर तेरे इश्क़ ने आंखें पढ़ना सिखा दिया
[5/23, 9:23 AM] Bansi Lal: हँसी यूँ ही नहीं आई है इस
ख़ामोश चेहरे पर....

कई "ज़ख्मों" को सीने में दबाकर रख दिया हमने !
[5/23, 9:35 AM] Bansi Lal: एक नफरत  है जिसको
पल भर में महसूस कर लिया जाता हैं

       एक प्रेम है जिसका यकीन दिलाने के लिए सारी जिंदगी भी कम पड़ जाती है....!!

Sunday, 14 June 2020

...According to psychologists, there are four types of intelligence:

IQ  ,  EQ  ,  SQ  ,  AQ

.....According to psychologists, there are four types of intelligence: 

1) Intelligence Quotient (IQ)
2) Emotional  Quotient (EQ)
3) Social Quotient (SQ)
4) Adversity Quotient (AQ)

1. Intelligence Quotient (IQ): this is the measure of your comprehension ability", solve maths; memorize things and recall subject matters.

2. Emotional Quotient (EQ): this is the measure of your ability to maintain peace with others; keep to time; be responsible; be honest; respect boundaries; be humble, genuine and considerate.

3. Social Quotient (SQ): 
This is the measure of your ability  to build a network of friends and maintain it over a long period of time.

People that have higher EQ and SQ tend to go farther in life than those with high IQ but low EQ and SQ. Most schools capitalize in improving IQ level while EQ and SQ are played down.

A man of high IQ can end up being employed by a man of high EQ and SQ even though he has an average IQ.

Your EQ represents your character; your SQ represents your charisma. Give in to habits that will improve these three Qs but more especially your EQ and SQ.

EQ and SQ make one manage better than the other. 

Pls don't teach children only to have higher IQ , but also to have higher EQ and SQ.

Now there is a 4th one :
A new paradigm

4. The Adversity Quotient (AQ): 
The measure of your ability to  go through a rough patch in life and come out without losing your mind.
AQ determines who will give up in face of troubles and may abandon their families. 

*To parents*:
Expose children to other areas of life than academic. They should adore manual work (never use work as a form of punishment), sport and art .

 Develop their EQ, SQ and AQ. They should become multifaceted human beings able to do things independently of the parents.

*Finally*, do not prepare the road for the children. Prepare the children for the road.

Never have I seen such a mess in life.

🤔
Never have I seen 
such a mess in life. 

The air is pure but 
wearing a mask is 
mandatory.

Roads are empty 
but it is impossible 
to go on long drive.

People have clean 
hands but there is a 
ban on shaking hands.

Friends have time to 
sit together but they 
cannot get together.

The cook inside you 
is crazy, but you cannot 
call anyone to lunch or 
dinner. 

On every Monday..
the heart longs for the 
office but the weekend 
does not seem to end. 

Those who have money 
have no way to spend it. 

Those who don't have 
money have no way to 
earn it.

There is enough time 
on hand but you can't 
fulfill your dreams. 

The culprit is all around 
but cannot be seen. 

A world full of irony! 

*So be positive but test negative.*

Thursday, 30 April 2020

सत्य हमेशा पानी में तेल की एक बूँद के समान होता है,

[4/25, 7:36 AM] Bansi Lal: “If you want to reach a state of bliss, then go beyond your ego and the internal dialogue. Make a decision to relinquish the need to control, the need to be approved, and the need to judge. Those are the three things the ego is doing all the time. It's very important to be aware of them every time they come up....
[4/30, 7:20 AM] Bansi Lal: सत्य हमेशा पानी में तेल की एक बूँद के समान होता है,

कितना भी असत्य का पानी डालें वह हमेशा ऊपर ही तैरता है..
[4/30, 8:27 AM] Bansi Lal: शब्दों में पीड़ा छुपाने की भी एक कला है...

लिखते रहिए और मुस्कुराइए

सत्य हमेशा पानी में तेल की एक बूँद के समान होता है,

[4/30, 7:20 AM] Bansi Lal: सत्य हमेशा पानी में तेल की एक बूँद के समान होता है,

कितना भी असत्य का पानी डालें वह हमेशा ऊपर ही तैरता है..
[4/30, 7:24 AM] Bansi Lal: मुक्कमल ना सही अधूरा ही रहने दो

ये इश्क़ है , कोई मकसद नहीं....!
[4/30, 7:27 AM] Bansi Lal: "एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा

#IrrfanKhan #RestInPeace
[4/30, 7:42 AM] Bansi Lal: जो गुज़र गया नादानियों मे..

वो वक़्त कमाल का था साहब..
[4/30, 7:45 AM] Bansi Lal: जब अपने ही परिंदे किसी और के दाने कि आदी हो जाएं

तो उन्हें आजाद कर देना चाहिए
[4/30, 8:24 AM] Bansi Lal: जब ज़िंदगी समंदर में गिरती है,

तब वक़्त तैरना सिखा देता है...

कुछ लोग जिनके पास चराग़ों के ढेर हैं,

[4/29, 7:29 AM] Bansi Lal: कुछ लोग जिनके पास चराग़ों के ढेर हैं,

वो लोग चाहते हैं बहुत लम्बी रात हो
[4/29, 7:30 AM] Bansi Lal: मैंने गले मे सारे ताबीज डाल के देखे है लेकिन, 

जो तेरी यादों को रोक सके वो धागा मिला ही नहीं..
[4/29, 7:32 AM] Bansi Lal: Stop complaining about the unfairness in life. Nobody cares. Make use of whatever you have and start with what you have and where you are. Never blame your circumstances, make the most out of it and succeed!
[4/29, 7:33 AM] Bansi Lal: आरज़ू है कि तू यहाँ आए

और फिर उम्र भर न जाए कहीं
[4/29, 7:35 AM] Bansi Lal: Don't rush anything. When the time is right, it'll happen

practice is the essence of life

Once, Lord Indra got upset with Farmers, he announced there will be no rain for 12 years & you won’t be able to produce crops.

Farmers begged for clemency from Lord Indra , who then said , Rain will be possible only if Lord Shiva plays his Damru. But he secretly requested Lord Shiva not to agree to these Farmers & when Farmers reached Lord Shiva he repeated the same thing that he will play Damru after 12 years.

Disappointed Farmers decided to wait till 12 years.

But one Farmer regularly was digging, treating & putting manure in the soil & sowing the seeds even with no crop emerging.

Other Farmers were making fun of that Farmer . After 3 years all Farmers asked that Farmer why are you wasting your time n energy when you know that rains will not come before 12 years.

He replied _“I know that crop won’t come out but I’m doing it as a matter of “ *practice* ”. After 12 years I will forget the process of growing crops and working in the field so I must keep it doing so that I’m fit to produce the crop the moment there is rain after 12 years.”_ 

Hearing his argument Goddess Parvati praised his version before Lord Shiva & said _“You may also forget playing the Damru after 12 years!”_ 

The innocent Lord Shiva in his anxiety just tried to play the Damru, to check if he could….and hearing the sound of Damru immediately there was rain and the farmer who was regularly working in the field got his crop emerged immediately while others were disappointed.

It is the practice which keeps on making you perfect.

We become even diseased or old just because we don’t practice.

*Practice is the essence of quality survival.*

*So, let lockdown lift after 2 weeks, 2 months or 2 years. Whatever trade or profession we are in, keep sharpening our skills, practice with what we have, upgrade our knowledge.*

Don’t wait for rain , that is the lock down to be lifted and then start something .... *focus on our skills today, upskill yourself so that you are ready to meet the challanges.*

Good Morning 🌹

Tuesday, 28 April 2020

20 things to be new :

  1. Life has already begun. There is no interlude. Nor is there a trial version. Your every decision matters.
  2. Your online friends are fake friends. Unfortunately, it's true. Most of them do not care about you and will not come in your hour of need.
  3. If you fall in love, be ready to get your heart broken. It is tough and it hurts.
  4. Your studying career does not end after prom. Knowledge is crucial. If you are not willing to be left behind, keep studying.
  5. Your family members are the most important people in your life. They are the only ones who care about you. Treat them well and appreciate them.
  6. Your weaknesses do not matter. Learn to accept this. The only things that matter are your strengths. Improve them.
  7. Everything worth doing takes years. Do not expect to reach your goals too quickly. It will probably take much longer than you imagine.
  8. All the opportunities for growth are beyond your comfort zone. Make leaving it a habit. Find your discomfort zone. Enter it.
  9. Broken relationships are not worth staying in. Do not waste your time on things you cannot fix anymore. Let them go and move ahead.
  10. The world is full of injustice. There are plenty of unjust things you are likely to face within your lifetime. Be ready!
  11. Luck comes to those who work hard. Good things do not come to those who wait. Persistence and hard work are the only prerequisites for luck.
  12. There is no perfect moment to start. If you want to start doing something, act now. Do not wait for a better moment. It will never come.
  13. You cannot be everywhere and have everything. Learn to make the right choices and commit to the things that matter most.
  14. Every person in your life should be appreciated. Do not take people for granted.
  15. Experience and emotions are your best investments. The traditional measures of success -- fancy cars and houses -- are no longer relevant. Emotions, memories, experience, knowledge. These are the things that matter.
  16. Later often means never. Do not postpone anything. Live now!
  17. Success equals perseverance. Do not give up. Stay dedicated to your dreams. Chasing them is difficult, but it's worth the struggle.
  18. Regular workouts are crucial. Take care of your health and body. Exercise regularly and make sure you are in a good shape.
  19. Your failures do not matter. Only wins count. Therefore, do not be afraid to fail.
  20. Nobody will help you. You have to help yourself.

Saturday, 25 April 2020

इंसान कैद क्या हुएं......

इंसान कैद क्या हुएं......

धरती सांस लेने  लगीं हैं........

A true friend sees the first tear, catches the second, and stops the third.

बख़्श देगा वो,यह सोच के गुनाह करता गया 
उस चौखट पे हर जुर्म के बाद सर झुकता गया


Be happy with the little that you have. There are people with nothing that still manage to smile.

People come and go in your life, but the right ones will always stay.

दया और प्रेम भरे शब्द छोटे हो सकते हैं

लेकिन वास्तव में उनकी गूँज की कोई सीमा नहीं है


हदें सरहदों की होती हैं...
सोच की नहीं...

बातें नज़रों से भी होती हैं...
सिर्फ़ ज़ुबान से नहीं..

हमेशा समाधान का हिस्सा बनिये
समस्या का नही..................!

Strong people don't put others down, they lift them up.

ये जो ज़िंदगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है
कहीं इक हसीन सा ख़्वाब है कहीं जान-लेवा अज़ाब है
~ राजेश रेड्डी

“If you want to reach a state of bliss, then go beyond your ego and the internal dialogue. Make a decision to relinquish the need to control, the need to be approved, and the need to judge. Those are the three things the ego is doing all the time. It's very important to be aware of them every time they come up....

वाक़िये तो अनगिनत हैं मेरी ज़िंदग़ी के

 दया और प्रेम भरे शब्द छोटे हो सकते हैं

लेकिन वास्तव में उनकी गूँज की कोई सीमा नहीं है
 Humble on the outside, confident on the inside.

हदें सरहदों की होती हैं...
सोच की नहीं...

बातें नज़रों से भी होती हैं...
सिर्फ़ ज़ुबान से नहीं..


वाक़िये तो अनगिनत हैं मेरी ज़िंदग़ी के 

सोच रही हूं किताब लिखूं या हिसाब लिखूं।

किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
अल्फ़ाज़ से भरपूर मगर ख़ामोश

कौन से रिशतों मे तकलीफे नहीं होती,

उसनें जरा सा सहा भी नहीं....!

ज़ाहिर न होने देना, ये बात जहां भर में,
मैं तुमसे खफ़ा हूं, ये आपस की बात हैं


बस एक शाम का हर शाम इंतज़ार रहा

मगर वो शाम किसी शाम भी नही आई।

ऐसा नही था की तुम्हारे सवालो के जवाब मेरे पास नही होते थे... 
पर 
तुमसे हार जाना मुझे बेहद पसंद था

इंसान कैद क्या हुएं......

 इंसान कैद क्या हुएं......

धरती सांस लेने  लगीं हैं........

A true friend sees the first tear, catches the second, and stops the third.

वक्त ने बदल दी,
तेरे मेरे रिश्ते की परिभाषा..
पहले दोस्ती, फिर अपनापन 
और अब.......

अजनबी सा अहसास......... !!

बख़्श देगा वो,यह सोच के गुनाह करता गया 
उस चौखट पे हर जुर्म के बाद सर झुकता गया

तू भी कभी महसूस कर क्या है बिखरने
की तड़प ….

एक रोज़ बाज़ी यूँ सजे, शीशा तेरा पत्थर मेरा ..!!

Wednesday, 15 April 2020

कुछ जुदा सा है मेरे महबूब का अंदाज,


कुछ जुदा सा है मेरे महबूब का अंदाज,
नजर भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ही !

कितनी आसानी से मशहूर किया है ख़ुद को
मैं ने अपने से बड़े शख़्स को गाली दे कर
~ ज़फ़र गोरखपुरी

हालात-ए-हाज़िरा पर ताज्जुब है गर, तो यही है 

वो हर एक बात पर कहना उसका कि सब सही है

"निकले है वो लोग मेरी शख़्सियत बिगाड़ने,

 किरदार जिनके खुद मरम्मत माँग रहे है"!!!

ये अलग बात के खामोश खड़े रहते हैं,
फिर भी जो लोग बड़े हैं, वो बड़े रहते हैं.

पाँव रखने पर भी चीख उठते हैं...
खुश्क पत्तों में भी कितनी अना होती है!!

“रौशनी है अगर तो किसी के होने से है

“रौशनी है अगर तो किसी के होने से है 

 वरना बुनियाद तो अँधेरा ही था....!!”
 खामोशी से जब तुम भर जाओगे

थोड़ा चीख लेना वरना मर जाओगे

""खबर नही थी तुझे........

कि...तेरी सब खबर थी मुझें"......

कोई देख न सका उसकी बेबसी, 
जो बेच रहा है साँसें, गुब्बारे में डालकर..!!

अपने अहम को

अपने अहम को 
थोड़ा झुका कर तो देखो 

सब अपने लगेगें 
थोड़ा मुस्कुरा कर तो देखो......

एक वो है जो समझता नही, 

और यहाँ जमाना मेरी कलम पढ़ कर दीवाना हुआ जा रहा है

लिख देने से नहीं...

तुम्हारे पढ़ लेने से मुकम्मल हैं
लफ्ज मेरे...

शर्त थी रिश्तों को बचाने की,

“और” यही वजह थी मेरे हार जाने की…

कुछ रिश्तो मे नजदीकी तो होती है....
लेकिन....

.‘वो’ ...........फ़ासले कभी खतम नही होते !

जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने


जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने 
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने 
★★★
शहरयार

ये ग़म नहीं है कि हम दोनों एक हो न सके,

ये रंज है कि कोई दरमियान में भी न था...

कभी  छू  भी  तू  मुझको........!

हम  भी  होने  का  गुमान  करें.....!!

उम्र नहीं थी इश्क़ करने की, 

बस एक चेहरा देखा और जवां हो गए!!

जो लब्जो से बयां हो वो एहसास ही क्या ?

जो लब्जो से बयां हो वो एहसास ही क्या ?
.
हम ख़ामोशी से ही सहते हैं
दर्द - ऐ - इश्क़... !! 

Sunday, 5 April 2020

जो लब्जो से बयां हो वो एहसास ही क्या ?

जो लब्जो से बयां हो वो एहसास ही क्या ?
.
हम ख़ामोशी से ही सहते हैं
दर्द - ऐ - इश्क़... !! 

Saturday, 4 April 2020

आज अगर बच पाए ‘दिल’बरम’ कल के नज़ारे देखेंगे,
वक़्त भला हो चाहे बुरा ये वक़्त गुज़र ही जाएगा !! #दिलबरम

हवा के वार पे अब वार करने वाला है...

हवा के वार पे अब वार करने वाला है...
चिराग़ बुझने से इनकार करने वाला है..

    

मुहब्बत की रूहानियत ताउम्र रहती है..

मुहब्बत की रूहानियत ताउम्र रहती है..
तुम्हे लिखना तुम्हे पढ़ना.... हक़ है मेरा ...!

🌼🍃💛
सूराख उनकी दिवारों में भी हैं, 
जो दूसरों के छरोखे से झांकते हैं,

अक्सर जरूरत में पीछे मिलेंगे,
जो भीड़ में खड़े बड़ी-बड़ी हाँकते हैं।

Monday, 30 March 2020

सुनाता रहा जिसे मैं दर्द अपना
.
.
वो कमबख्त दुश्मन का ही दोस्त निकला
उसे चाहिए  भी सलाह मुझसे
वो मेरी बात भी नही मानता है

कौन कहता हैं कि दूरियां हमेशा..

कौन कहता हैं कि दूरियां हमेशा..
किलोमीटरों में नापी जाती हैं..

कभी  कभी "ख़ुद" से मिलने में भी
जिन्दगी  गुजर  जाती हैं..

बहुत खास हो"तुम"

जिक्र हर बार जरूरी नहीं....!!


झूठ बोलकर भरोसा तोड़ने से अच्छा है 

सच बोलकर रिश्ता तोड़ लिया जाए..

 रिश्ता फिर जुड़ जायेगा लेकिन 

भरोसा कभी नहीं जुड़ेगा..

बदले  हैं  मिज़ाज़  उनके  कुछ  दिनों  से

वो बात तो करते हैं , ' मगर , बातें नहीं करते

तराशीदम ,, परस्तीदम ,, शिकस्तम ,,,


तराशीदम ,, परस्तीदम ,, शिकस्तम ,,,

मैंने तराशा , मैंने पूजा , मैंने तोड़ दिया ..!!!

इंतज़ार क्या है ?

“आँखों की बारिश में भीगती, दिल की दहलीज़!”

हुआ फिर यूँ कि उठकर नींद में चलने लगा था मैं

बताया था किसी ने ख़्वाब में तेरा पता मुझको

तुम मेरी तरफ़ देखना छोड़ो तो बताऊँ 

हर शख़्स तुम्हारी ही तरफ़ देख रहा है ।

उसे ये शिकवा के मैं उसे समझ न सका..

और मुझे ये नाज़ के मैं जानता बस उसको था..!!

मेरे टूटे हौसले के पर निकलते देख कर

मेरे टूटे हौसले के पर निकलते देख कर 
उस ने दीवारों को अपनी और ऊँचा कर दिया 


जो व्यस्त थे...वो व्यस्त ही निकले,

वक्त पर " फालतू " लोग ही काम आए...


" लिखना तो ये था की खुश हूँ तेरे बगैर भी

  पर कलम से पहले आंसू कागज़ पर गिर गया "......!!


अपने वो नहीं होते जो 
तस्वीरों में साथ खड़े होते है..
अपने तो वो होते हैं जो
तकलीफों में साथ खड़े होते हैं... !


वोह कच्चा रिश्ता.....पक्के रंग छोड़ गया !


"निशानी क्या बताऊँ तुझे अपनें घर की

  जहाँ की गलियां उदास लगे वहीं चले आना "


रंग उसी का चढ़ा है अब तक,
जिसने रंग नहीं लगाया अभी तक


“वक़्त ने गुज़रते हुए तजुर्बे के कान मे हौले से कहा, 

ये ख्वाहिशें ही हैं जो झुर्रियो में तब्दील हो गईं।”


जुल्फें  बांधा  मत  करो  तुम ,

              हवाएं  नाराज  रहती  है ।


"चादर"  से "पैर" तभी बाहर आते हैं,..

जब  "उसूलों"  से बड़े  "ख्वाब" हो जाते हैं !

When silence can speak

 When silence can speak
Words has no worth


गज़ब

होंठ सी कर भी कहां बात बनी 

खामोशी के भी वही तेवर हैं सदाओं वाले।

लफ्ज़ ही होते है इंसान का आईना,

शक्ल का क्या है ? वो तो उम्र और हालात के साथ,
अक्सर बदल जाती है..


दिल भी आज मुझे ये कह कर डरा रहा है...

करो याद उसे वरना मै भी धडकना छोड़ दूंगा...


"जानने का अवसर सिर्फ़ एक बार आता है
बाक़ी मुलाक़ातें तो महज़ रवायत हैं..."


बग़ैर पूछे जो अपनी सफ़ाई देता है
नहीं भी हो .. तो भी मुजरिम दिखाई देता है

झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं…

 झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं…

 बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती..

#होली मुबारक हो आप औऱ आपके सपरिबार को
💐💐💐🌹🌹🌹💐💐💐


तेरे प्यार की हिफाजत कुछ इस तरह से की है हमने...

जब भी कभी किसी ने प्यार से देखा तो नज़रे झुका ली हमने...


हज़ार बार ली है तुमने तलाशी मेरे दिल की,

बताओ कभी कुछ मिला है इसमें आपके सिवा..|


मजबूरी है साहब

मुस्कुराना पड़ता है


माना लफ्जो के घाव बड़े चुभते है,
तो खामोशियां क्या कम ज़हर होती है..!!


पलकों की हद को तोड़ के दामन पे आ गिरा 
इक अश्क मेरे सब्र की तौहीन कर गया

अगर रिश्तों की पाठशाला बनाई रखनी है


अगर रिश्तों की पाठशाला बनाई रखनी है
.
.
तो गणित का विषय कमजोर होना बहुत जरुरी है

Distance doesn't matter if two hearts are loyal to each other.


"शब्द" चाहे जितने हो मेरे पास..
जो तुम तक न

 पहुचे.....सब "व्यर्थ" है......


सारी दुनिया से बेखबर हो जाते...

जब दो पल तेरे साथ के मिल जाते..!!

वो ज़हर देता तो सब की निगह में आ जाता

वो ज़हर देता तो सब की निगह में आ जाता 
सो ये किया कि मुझे वक़्त पे दवाएँ न दीं


बेनाम आरजू की वजह ना पूछिए,

कोई अजनबी था रूह का दर्द बन गया..!!!!


Joy starts when you realize your happiness does not depend on circumstances.


जब समाज टूट रहा होगा 
तो कुछ लोग 
उसे बचाने नहीं 

उसमें अपना हिस्सा लेने आएंगे...!!

किसी को ठीक-ठीक पहचानना है तो उसे दूसरों की बुराई करते सुनो। ध्यान से सुनो।

सब कुछ जब सही लगने लगे तो 
समझ जाना कही गलत हो रहा है

यादों में बड़ी ताकत होती है,


यादों में बड़ी ताकत होती है,
वो कल को..आज में जिंदा रखती है..!!

" वक़्त रहते ही देख लो वरनां

  ख़्वाब आँख़ें बदल भी लेते हैं ".....!!

वक़्त बता देता है के लोग क्या थे

और आप क्या समझते थे .....

‏ज़ेहन ओ दिल के फ़ासले थे हम जिन्हें सहते रहे
एक ही घर में बहुत से अजनबी रहते रहे

"सृष्टि की अनछुई देह पर
पहला प्रेम स्पर्श ‘मौन’ का था
जो भाषा से असहमत था..."

मंदिर तक पहुँचना तन का विषय है,


ईश्वर तक पहुँचना 
मन का विषय है..

धन तभी सार्थक हैं, जब "धर्म" भी साथ हो
विशिष्टता तभी सार्थक हैं, जब "शिष्टता" भी साथ हो 

सुंदरता तभी सार्थक हैं, जब "चरित्र" भी शुद्ध हो 

रिश्तों का होना तभी सार्थक हैं,
जब उसमे "प्यार और विश्वास" हो।

केवल बल का होना
आपको पुरुष नहीं बनाता...

केवल सौन्दर्य 
आपको स्त्री नहीं बनाता...

लोहे का स्वाद
लोहार से मत पूछो

उस घोड़े से पूछो
जिसके मुँह में लगाम है.

काश तुम से हज़ार बातें करूँ
और हर बात अधूरी रह जाए

नदी के किनारो की तरह शायद हम तुम कभी मिल ना पाये....


नदी के किनारो की तरह शायद हम तुम कभी मिल ना पाये.....
पर समन्दर में मिलने तक................ तुम मेरे साथ तो चलो  !

जिस पर तुमको यक़ीन ज्यादा हो
.
.
उससे उम्मीद कम से कम रखना

“हमारे सुख का सबसे बड़ा रक्षक
दुख ही था!”

यूँ तो हसरतें बहुत थीं, मुहब्बत में मर मिटने की...
पर लौट कर आ गए हम उन अजीब रास्तों से...

कौन कहता हैं कि दूरियां हमेशा..

कौन कहता हैं कि दूरियां हमेशा..
किलोमीटरों में नापी जाती हैं..

कभी  कभी "ख़ुद" से मिलने में भी
जिन्दगी  गुजर  जाती हैं..


बहुत खास हो"तुम"

जिक्र हर बार जरूरी नहीं....!!


झूठ बोलकर भरोसा तोड़ने से अच्छा है 

सच बोलकर रिश्ता तोड़ लिया जाए..

 रिश्ता फिर जुड़ जायेगा लेकिन 

भरोसा कभी नहीं जुड़ेगा..


बदले  हैं  मिज़ाज़  उनके  कुछ  दिनों  से

वो बात तो करते हैं , ' मगर , बातें नहीं करते


The virus has a very big ego, he will not come to your house unless you go out and invite.

Stay home,  don't go out.


"कई बुरे दौर गुजरे हैं जिंदगी के
यह दौर भी गुजर जायेगा,

थाम लो अपने पांव को घरों में..
ये मंज़र भी थम जाएगा...!!!"


अब नहीं कोई बात खतरे की

अब सभी को सभी से खतरा है।


टिके रहना खाट पर

वरना कोई छोड़ने भी नहीं जाएगा 
घाट पर ,


एक जरूरत छूपी होती है
जब कोई कहता है 
.
.
मुझे अकेला छोड़ दो

अब टूट गया दिल तो

अब टूट गया दिल तो
बवाल क्या करें,,

खुद ही किया था पंसद तो
सवाल क्या करें...!!

अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूं
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूं

: मोहब्बत के रास्ते पे इतराते चलते गए,

अब लौटना है,रास्ता तो देखा ही नहीं मैंने।।

वो सज़ा देके दूर जा बैठे 
किससे

पूछूँ मेरी खता
क्या है ....!!

कहते कुछ है,गुजरता दिल पे कुछ और है
जिंदगी मेरी बस यूँ ही कहने-सहने में गुजर रही है !!


एहसास की सब बंदिशें भी तो तुमसे ही हैं...

ना तुम ख्वाहिश होते ना हम तुम्हें लिखते ...!!


आप कहते थे कि रोने से न बदलेंगे नसीब 
उम्र भर आप की इस बात ने रोने न दिया

आग भी कया चीज है..

बातों से भी लग जाती है....


विश्वास रखें साहब,

सिकंदर भी भारत में ही हारा था !!


बहुत पसंद है मुझे वो लोग जो मेरे कुछ नही लगते ..

पर मेरे अपनो से ज़्यादा मेरी परवाह करते है


अच्छा हुआ अकेले रहने की आदत हो गई थी 

वरना न जाने क्या होता इन दिनों...!!!


सिर्फ तेरे ख्याल भर से 
फिजा का रंगीन हो जाना... 
   
महज ये इत्तफाक नहीं है 
सबूत - ए - इश्क है ये...


ज़िंदगी जैसे..

खोई खोई है..

हैरां हैरां है...


नफ़रत करने से बढ़ जाती है एहमियत किसी की

क्यों ना माफ करके उनको शर्मिंदा कर दिया जाए


गुस्से का आना, मर्द होने की निशानी है..
मगर..

गुस्से को पी जाना पति होने की निशानी है।


गुनाहों से हर कोई भर गया था......!! 

तभी आज कोई चेहरा दिखाने के काबिल नहीं है......!!!!

Friday, 14 February 2020

वो बेहिसी थी लम्हा ए रुख़सत न पूछिये

वो बेहिसी थी लम्हा ए रुख़सत न पूछिये
उसको गले  लगाये बिना  लौट आये हम

ढूँढ सको तो मेरी खामोशी में भी वो लफ्ज़ है
"जिसे अक्सर तुम सुनने की जिद्द करते थें "

बेहिसी - insensitivity


अकड़
शब्द में कोई मात्रा नहीं है,
पर ये अलग अलग मात्रा में हर एक इन्सान में मौजूद है..


“एकांत की अपनी ज़िदें होती हैं।”


बातें बड़ी नही होती
आप
सोच कर उन्हें बड़ा बना देते हो..


तुम्हारे शहर के सारे दिए तो सो गए कब के,
हवा से पूछना दहलीज़ पे ये कौन जलता है


परिवार और समाज
दोनों ही बर्बाद होने लगते हैं

जब समझदार मौन
और
नासमझ बोलने लगते हैं.....!


"लहज़ा" शिकायत का था...
               मगर,

सारी "महफिल" समझ गई..
मामला "मोहब्बत" का हैं...


तुम्हारा मिलना महज़ कोई इत्तिफ़ाक़ नहीं,
उम्र भर की इबादतों का मुआवज़ा हो तुम


लहरें देखती रहती हैं
दरिया देखने वालों को

यूँ ही सस्ते में नहीं बिक गये तुम,

यूँ ही सस्ते में नहीं बिक गये तुम,
तुम्हारी औकात का पता
था खरीददारों को..


“स्मृति भी आँख बन जाती है
जब अँधेरा हो घना
और जाना हो आगे...”

कभी बे सबब भी बात कर....
हर बार कोई वजह हो जरूरी नहीं ?

हमारी राह से पत्थर उठा कर फेंक मत देना,
लगी हैं ठोकरें तब जा के चलना सीख पाए हैं

“एक समाज को
अगर मारना हो
तो सबसे पहले उसके युवाओं को
सभ्य भाषा व सहनशील संस्कृति से दूर करो
और ध्यान रहे
यथासंभव इतिहास उसे बताया ही न जाये।”

बदलें हैं मिज़ाज, कुछ दिनों से उनके ..

बदलें हैं मिज़ाज, कुछ दिनों से उनके ..
‘बात’ तो करते हैं वो, मगर बातें नहीं करते


फूलों का बिखरना तो, मुक़द्दर ही था लेकिन,
कुछ इस में हवाओं की, सियासत भी बहुत थी


कलम लिख नहीं पाती हर उदास लम्हें को
कुछ जज़्बात दिल की गहराइयों में डूब जाते हैं!!


ज़िन्दगी की किताब के हर पन्ने को कुछ इस तरह लिखना
अगर कभी महफ़िल में पढ़ी जाये तो शोर गज़ब का हो


मूँह में जुबान सब रखते हैं मगर कमाल वो करते हैं
जो सम्भाल के रखते हैं..


तेज़ हवा से टकराने में एक हुनर था कश्ती का
लोग तमाशा देख रहे थे बैठे दूर किनारों से


संघर्ष प्रकृति का आमन्त्रण है..
जो स्वीकार करता है, वही आगे बढ़ता है...


“सुख सहना सब को नहीं आता
फूल जानते हैं
कैसे ख़ामोशी, आनंद से खिलना है

नदी समझती है
कैसे भरी बरसात को सहेजना है!

डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...