Monday, 30 March 2020

नदी के किनारो की तरह शायद हम तुम कभी मिल ना पाये....


नदी के किनारो की तरह शायद हम तुम कभी मिल ना पाये.....
पर समन्दर में मिलने तक................ तुम मेरे साथ तो चलो  !

जिस पर तुमको यक़ीन ज्यादा हो
.
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उससे उम्मीद कम से कम रखना

“हमारे सुख का सबसे बड़ा रक्षक
दुख ही था!”

यूँ तो हसरतें बहुत थीं, मुहब्बत में मर मिटने की...
पर लौट कर आ गए हम उन अजीब रास्तों से...

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