[11/25, 7:56 AM] Bansi Lal: इरादा हो अटल तो, मोजज़ा ऐसा भी होता है
दिए को ज़िंदा रखती है हवा ऐसा भी होता है
[11/25, 7:57 AM] Bansi Lal: “बाद में पछतावा करने से अच्छा है,
एक बार जी जान लगाकर कोशिश कर ली जाए”
[11/25, 7:58 AM] Bansi Lal: दुनिया बड़ी भुलक्कड़ है। केवल उतना ही याद रखती है, जितने से उसका स्वार्थ सधता है!
बाकी को फेंककर आगे बढ़ जाती है!
[11/25, 7:28 PM] Bansi Lal: कौन सीखा है सिफॅ बातों से
सब को एक हादसा ज़रूरी है!!
[11/25, 7:33 PM] Bansi Lal: सहनशील जनता न्याय-संगत नहीं होती।
[11/25, 7:38 PM] Bansi Lal: चढते सूरज के पूजारी तो लाखों हैं .....
डूबते वक़्त हमने सूरज को भी तन्हा देखा..
[11/25, 7:39 PM] Bansi Lal: रंग जब आईने ने बदला तो
ज़िन्दगी देर तक उदास रही
No comments:
Post a Comment