Tuesday, 15 September 2020

“All truth passes through three stages.

[8/20, 8:14 AM] Bansi Lal: “All truth passes through three stages.

 First, it is ridiculed.

 Second, it is violently opposed.

 Third, it is accepted as being self-evident.”
[8/21, 12:17 PM] Bansi Lal: ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना-पन हो ,

लेकिन इक आहट जानी-पहचानी होती है !
[8/22, 7:46 AM] Bansi Lal: मूड हो जैसा वैसा मंज़र होता है

मौसम तो इंसान के अंदर होता है
[8/22, 7:48 AM] Bansi Lal: संयम संस्कृति का मूल है!

विलासिता निर्बलता और चाटुकारिता के वातावरण में न तो संस्कृति का उद्भव होता है और न विकास!
[8/22, 7:50 AM] Bansi Lal: दरिया थे जितने ग़म के वो मुझमें उतर गए...

मैं   चीखता   रहा.. कि   समंदर   नहीं   हूं   मैं...
[8/23, 8:35 AM] Bansi Lal: चीर कर दिल को दिल से निकली थी

आह को कामयाब होना था
[8/23, 8:49 AM] Bansi Lal: मूर्खता से पैदा हुआ आत्मविश्वास सबसे बड़ा होता है!
[8/23, 8:50 AM] Bansi Lal: गिरे हुए आदमी को उत्साहवर्धक भाषण देने की अपेक्षा, 
सहारे के लिए हाथ देना चाहिए!
[8/26, 10:19 AM] Bansi Lal: सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं

तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं
[8/26, 10:20 AM] Bansi Lal: हर शख़्स दौड़ता है यहाँ भीड़ की तरफ़,

फिर ये भी चाहता है उसे रास्ता मिले...
[8/26, 10:28 AM] Bansi Lal: "बुराई की खासियत, कभी हार नहीं मानती

और अच्छाई की खासियत, वो कभी हारती नहीं",,
[8/26, 10:29 AM] Bansi Lal: हमने ख़ुद अपना घर जलाया है,
ये हुनर मुश्किलों से आया है.

फिर हमें डूबना है साहिल पर,
फिर उसे ना-ख़ुदा बनाया है.
[8/27, 8:51 AM] Bansi Lal: ज़रूरत के पाँव चादर से बाहर निकल जाते है..

ढंकते ढांकते पाँव ज़िन्दगी
 यूँ....ही गुज़र जाती है !
[8/27, 8:06 PM] Bansi Lal: हमको अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तेरा

कोई तुझसा हो तो फिर नाम भी तुझ सा रखे।
[8/27, 8:06 PM] Bansi Lal: जो जाने के बहाने ढूंढते हैं ,
.
.
उनको दरवाजे तक छोड़कर आना चाहिए
[8/27, 8:10 PM] Bansi Lal: वक़्त मांगा तो वो हस के बोले,,
,
,वक़्त लगता है वक़्त पाने को,....!!
[8/29, 9:35 AM] Bansi Lal: सुना है मिट्टी पानी का अज़ल से एक रिश्ता है,
जड़ें मिट्टी में लगती हैं,
जड़ों में पानी रहता है...
[8/29, 9:37 AM] Bansi Lal: इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं,

मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है
[8/29, 9:39 AM] Bansi Lal: शब्द तो यदा-कदा चुभते ही रहते हैं सबके, 

पर जब मौन चुभ जाए किसी का तो  
बड़ी वेदना होने लगती है। |
[8/29, 10:01 AM] Bansi Lal: हल्के - हल्के बढ़ रही हैं चेहरे की लकीरें, 

नादानी और तजुर्बे में बटवारा हो रहा है..!!
[8/29, 10:02 AM] Bansi Lal: तुम वजह तो ज़ाहिर करो 
नाराज़गी की ....
मनाने का ज़िम्मा हम उठा लेंगे !
[8/29, 10:12 AM] Bansi Lal: लाजिम है अब उम्र भर सफर मेरा....
अपनी मंजिल जो मैंनें तुम्हें बनाया है !

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