Saturday, 3 October 2020

न जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रही

[9/27, 5:47 AM] Bansi Lal: न जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रही

जिसे क़रीब से देखा वो दूसरा निकला
[9/27, 5:49 AM] Bansi Lal: •
किसी दूसरे को नीचा दिखाने के लिए नहीं, 

ख़ुद को ऊपर उठाने के लिए मेहनत करो।
[9/27, 5:50 AM] Bansi Lal: बनाना पड़ता था अक्सर बिगाड़ कर खुद को..

सो मैने रख ही दिया तोड़ ताड कर खुद को..!!
[9/27, 5:50 AM] Bansi Lal: किसी ने हँस कर बुलाया तो मरमिटे उस पर...

हमें किसी को परखने का फन नहीं आया!!!
[9/27, 5:51 AM] Bansi Lal: तुम चाहते हो तुमसे बिछड़कर भी खुश रहूँ..

यानि हवा भी चलती रहे और दीया जलें..!
[9/27, 5:52 AM] Bansi Lal: ... मनुष्य कितना भी बड़ा क्यों न बन जाए उसे हमेशा अपना अतीत याद करते रहना चाहिए!

- ईश्वरचंद्र विद्यासागर
[9/27, 5:53 AM] Bansi Lal: The less you know, 
the more you speak.

The more you know, 
the less you speak.
[9/27, 5:53 AM] Bansi Lal: मुझ पे लाज़िम है... मैं उसे देखूँ,

उसकी मरज़ी है वो जिधर देखे!!!
[9/27, 5:54 AM] Bansi Lal: सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी 

तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी 
[9/27, 5:54 AM] Bansi Lal: रुठ  तो  एक  दिन  सांसे  भी  जाती  है

फिर  अपनों  से  क्या  शिकायत.
[9/27, 5:55 AM] Bansi Lal: कमियाँ  ढूंढोगे  तो  मिल  ही  जायेगी  जनाब

रब  दे  बन्दे  हैं ' रब  तो  नहीं
[9/27, 7:18 AM] Bansi Lal: ख़ामोशियाँ पढ़ लिया करते थे जो कभी !!!!!!!

आज वही शब्दों के मानी ढूँढते हैं..............
[9/27, 7:25 AM] Bansi Lal: बड़ा मुश्किल होता है जवाब देना
जब कोई खामोश रहकर सवाल कर लेता है …
[9/27, 7:47 AM] Bansi Lal: नाज़ुक लगते थे जो हसीन लोग,

वास्ता पड़ा तो पत्थर निकले..!!
[9/27, 10:56 AM] Bansi Lal: जिहाल-ए -मिस्कीन मकुन बा रंजिश,
बहाल-ए -हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन,
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है।

{मुझ गरीब (मिस्कीन) को रंजिश से भरी इन निगाहों से ना देखो, क्योंकि मेरा बेचारा दिल जुदाई (हिजरा) के मारे यूँ ही बेहाल है।}

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