[9/27, 5:47 AM] Bansi Lal: न जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रही
जिसे क़रीब से देखा वो दूसरा निकला
[9/27, 5:49 AM] Bansi Lal: •
किसी दूसरे को नीचा दिखाने के लिए नहीं,
ख़ुद को ऊपर उठाने के लिए मेहनत करो।
[9/27, 5:50 AM] Bansi Lal: बनाना पड़ता था अक्सर बिगाड़ कर खुद को..
सो मैने रख ही दिया तोड़ ताड कर खुद को..!!
[9/27, 5:50 AM] Bansi Lal: किसी ने हँस कर बुलाया तो मरमिटे उस पर...
हमें किसी को परखने का फन नहीं आया!!!
[9/27, 5:51 AM] Bansi Lal: तुम चाहते हो तुमसे बिछड़कर भी खुश रहूँ..
यानि हवा भी चलती रहे और दीया जलें..!
[9/27, 5:52 AM] Bansi Lal: ... मनुष्य कितना भी बड़ा क्यों न बन जाए उसे हमेशा अपना अतीत याद करते रहना चाहिए!
- ईश्वरचंद्र विद्यासागर
[9/27, 5:53 AM] Bansi Lal: The less you know,
the more you speak.
The more you know,
the less you speak.
[9/27, 5:53 AM] Bansi Lal: मुझ पे लाज़िम है... मैं उसे देखूँ,
उसकी मरज़ी है वो जिधर देखे!!!
[9/27, 5:54 AM] Bansi Lal: सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी
तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी
[9/27, 5:54 AM] Bansi Lal: रुठ तो एक दिन सांसे भी जाती है
फिर अपनों से क्या शिकायत.
[9/27, 5:55 AM] Bansi Lal: कमियाँ ढूंढोगे तो मिल ही जायेगी जनाब
रब दे बन्दे हैं ' रब तो नहीं
[9/27, 7:18 AM] Bansi Lal: ख़ामोशियाँ पढ़ लिया करते थे जो कभी !!!!!!!
आज वही शब्दों के मानी ढूँढते हैं..............
[9/27, 7:25 AM] Bansi Lal: बड़ा मुश्किल होता है जवाब देना
जब कोई खामोश रहकर सवाल कर लेता है …
[9/27, 7:47 AM] Bansi Lal: नाज़ुक लगते थे जो हसीन लोग,
वास्ता पड़ा तो पत्थर निकले..!!
[9/27, 10:56 AM] Bansi Lal: जिहाल-ए -मिस्कीन मकुन बा रंजिश,
बहाल-ए -हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन,
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है।
{मुझ गरीब (मिस्कीन) को रंजिश से भरी इन निगाहों से ना देखो, क्योंकि मेरा बेचारा दिल जुदाई (हिजरा) के मारे यूँ ही बेहाल है।}
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