Saturday, 15 August 2020

तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें

[7/5, 11:46 AM] Bansi Lal: तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें 

हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया
[7/5, 1:10 PM] Bansi Lal: यही हासिल है हमारा उम्र भर के लिए
उसने रखा था हमें याद उम्र भर के लिए

ये क्या कम है के जीए हम ज़िंदा रहकर
कितने क़ातिल थे तैयार एक सर के लिए

कौन रखता है दिल में हमने देख लिया
कहीं से रास्ता तो निकले अपने घर के लिए
[7/6, 7:57 AM] Bansi Lal: ये बिछड़ना नहीं उजड़ना था।

जिस तरह से जुदा हुए हम तुम।
[7/6, 10:09 AM] Bansi Lal: “Worry is spiritual near-sightedness, a fumbling way of looking at little things and magnifying their value.”
[7/6, 11:32 AM] Bansi Lal: ज़रूरी नहीं कि मेरी कहानी का कोई ज़िक्र रखो,

कहीं भी रखो, तुम मेरे किरदार को ज़िंदा रखो.....!
[7/6, 11:33 AM] Bansi Lal: इश्क़ कर के देख ली जो बेबसी देखी न थी 
इस क़दर उलझन में पहले ज़िंदगी देखी न थी 

ये तमाशा भी अजब है उन के उठ जाने के बाद 
मैं ने दिन में इस से पहले तीरगी देखी न थी 

आप क्या आए कि रुख़्सत सब अंधेरे हो गए 
इस क़दर घर में कभी भी रौशनी देखी न थी

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