Tuesday, 15 September 2020

तुम थोड़ा नज़रअंदाज़ तो कर के देखो

[9/8, 8:27 AM] Bansi Lal: तुम थोड़ा नज़रअंदाज़ तो कर के देखो

हम तुम्हें पहचानने से ही इनकार कर देंगे।
[9/8, 8:28 AM] Bansi Lal: अकेले ही तय करने होते हैं कुछ सफर..!

हर सफर पर हमसफर नही होते..!!
[9/8, 8:28 AM] Bansi Lal: मेरा लिखना मुझे खुशी देता है 
इसलिए ये तुम्हारा एक फर्ज है कि तुम इसे पढ़ के मुस्कुरा दिया करो !!
[9/8, 8:29 AM] Bansi Lal: ताउम्र चलने वाली दोस्ती थी हमारी 

अगर अहं बीच में न आता...
[9/9, 9:05 AM] Bansi Lal: तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है

तुम्हारे बा'द ये मौसम बहुत सताएगा
[9/9, 9:06 AM] Bansi Lal: वो जो प्यासा लगता था सैलाब-ज़दा था

पानी पानी कहते कहते डूब गया है
[9/9, 9:06 AM] Bansi Lal: बहुत वक़्त में बने रिश्ते को भी टूटने के लिए 

एक लम्हे की ज़रूरत होती है!
[9/9, 9:08 AM] Bansi Lal: ताक़त आवाज़ में नहीं अपने विचारो में रखो

 क्योंकि फ़सल बारिश से होती है, बाढ़ से नहीं !!!
[9/9, 4:01 PM] Bansi Lal: बहुत ज़ोर से हँसे थे हम .....
बड़ी मुद्दतों के बाद आज फ़िर कहा किसी ने....

मेरा ऐतबार कीजिये....!
[9/10, 8:11 AM] Bansi Lal: वहाँ से एक पानी की बूँद ना निकल सकी फ़राज़,,,,

 तमाम उम्र जिन आँखो को हम झील कहते रहे !!
[9/10, 8:12 AM] Bansi Lal: "Never try to teach a pig to sing; 

it wastes your time and it annoys the pig."
[9/10, 8:15 AM] Bansi Lal: The real art of conversation is not to say the right thing at the right time…

but also to leave the wrong thing unsaid at the most tempting moment..
[9/10, 8:21 AM] Bansi Lal: "जिंदगी में उम्मीद का जुआ तो खेलना ही पड़ता है"
[9/10, 8:21 AM] Bansi Lal: बोलने का हक़ छीना जा सकता है

मगर ख़ामोशी का नहीं...!!
[9/11, 10:11 AM] Bansi Lal: रोज बदलते है हम
फिर भी
कहां बदलते है हम..
[9/11, 10:12 AM] Bansi Lal: तकदीर-ए-मोहब्बत थी.. मर मर के जिए जाना

जीना ही मुकद्दर था.. हम मर के भी क्या करते...
[9/11, 10:13 AM] Bansi Lal: People are like music, some speak the truth and others are just noise.
[9/11, 8:07 PM] Bansi Lal: लक्ष्य सही होना चाहिए

काम तो दीमक भी दिन रात करती है, 

पर वो निर्माण नहीं विनाश करती है।
[9/14, 12:09 PM] Bansi Lal: अब जिस तरफ़ से चाहे गुज़र जाये कारवाँ .........

वीरानियाँ तो , सब मेरे दिल में उतर गयीं  !
[9/14, 12:09 PM] Bansi Lal: भूलने वाली बात "याद" हैं...

इसलिए तो संबंघो में "विवाद" हैं.
[9/14, 12:10 PM] Bansi Lal: किसी शाम सा था तेरा मेरी ज़िन्दगी में ठहरना 

बेशक जरा सा मगर बेहद खुबसूरत
[9/14, 12:14 PM] Bansi Lal: सूखे पेड़ पर बारिश में भीगता बैठा रहा परिंदा ...

 खुश था,  की अब पेड़ हरा होगा ..
[9/14, 12:15 PM] Bansi Lal: आत्मा जो चाहती है वो पा लेती है .
[9/15, 7:44 AM] Bansi Lal: प्रशंसा अगर हो रही हो तो

तो प्रसन्न नहीं, सावधान रहने की ज़रूरत है
[9/15, 7:45 AM] Bansi Lal: ________

राह भूल जाने के भय से यदि
लंबी दूरीयाँ तय नहीं करोगे तुम

तो तुम कभी नहीं जान‌ पाओगे
कि जिस नदी को पार करना जीवनभर असंभव लगता रहा तुम्हें

एक निश्चित दूरी पर चलकर
उसपर‌ रस्सियों का एक पुल भी था ।।
[9/15, 7:48 AM] Bansi Lal: नज़रिए की कमज़ोरी चरित्र की कमज़ोरी बन जाती है।
[9/15, 7:48 AM] Bansi Lal: "असत्य अधिक आकर्षक होता है।"
[9/15, 7:51 AM] Bansi Lal: रिश्तों की डोरियां, कसमों के 

धागे से नही..

कोशिशों की रेशम से बंधनी चाहिये...!
[9/15, 7:51 AM] Bansi Lal: इससे पहले कि वो तुझको तुम से तू करदे ,

ये मशवरा है मेरा .. ख़त्म गुफ्तगू करदे ....
[9/15, 7:54 AM] Bansi Lal: उनके वास्ते हम जाने कितने काम बेशुमार कर गए

मामूली सा काम हमने कहा तो नजरअंदाज कर गए

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