[8/18, 8:04 AM] Bansi Lal: "चिता" और "चिंता" में केवल एक बिंदु का ही फ़र्क़ है।
"चिता" निर्जीव को जलाती है,।
और "चिंता" जीवित को जलाती है ।
[8/18, 8:19 AM] Bansi Lal: ये शहर वो है कि कोई ख़ुशी तो क्या देता
किसी ने दिल भी दुखाया नहीं बहुत दिन से!!!
[8/18, 8:29 AM] Bansi Lal: कितनी आसानी से मशहूर किया है ख़ुद को
मैं ने अपने से बड़े शख़्स को गाली दे कर
[8/18, 8:30 AM] Bansi Lal: आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई
[8/18, 8:32 AM] Bansi Lal: "गूँजती वादी में आवाज़ अभी बाक़ी है
तार टूटे हैं तो क्या साज़ अभी बाक़ी है
[8/18, 8:33 AM] Bansi Lal: रिहा कर दे क़फ़स की क़ैद से घायल परिंदे को
किसी के दर्द को इस दिल में कितने साल पालेगा...
[8/18, 8:36 AM] Bansi Lal: फ़ासले बहुत हो चुके हैं दरमियाँ,
मेरी ख़ामोशी भी उसे अब शोर लगती है...
[8/18, 8:39 AM] Bansi Lal: गले से लगते ही जितने गिले थे ...भूल गए
वरना याद थीं ...हम को शिकायतें क्या क्या
[8/19, 4:34 AM] Bansi Lal: सबसे पहले दूर होने वालों में वही शामिल थे।
शोर जिन्होंने बहुत मचाया हुआ था.......
[8/19, 4:42 AM] Bansi Lal: सबसे पहले दूर होने वालों में वही शामिल थे।
शोर जिन्होंने अपनेपन का बहुत मचाया हुआ था.......
[8/19, 5:42 AM] Bansi Lal: एक बाजार है ये दुनिया, सौदा संभलकर कीजिये...!
मतलब के होज़रे में, बेशुमार दिल मिलते है....!!
[8/19, 5:43 AM] Bansi Lal: वो भी दो क़दम साथ चल के थक सा गया
आख़री छोर तक जो साथ आने वाला था
[8/19, 5:47 AM] Bansi Lal: मुझे सुखे हुए पत्तों ने सीखाया है
बोझ बन जाओगे तो अपने भी गिरा देंगे!!
[8/19, 7:36 PM] Bansi Lal: बुद्धिमान लोग हमेशा स्वेच्छा से ही सही रास्ते पर चलते हैं।
[8/19, 7:42 PM] Bansi Lal: फर्क होता है अकेले रहने में
और अकेले हो जाने में
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