Saturday, 25 April 2020

इंसान कैद क्या हुएं......

 इंसान कैद क्या हुएं......

धरती सांस लेने  लगीं हैं........

A true friend sees the first tear, catches the second, and stops the third.

वक्त ने बदल दी,
तेरे मेरे रिश्ते की परिभाषा..
पहले दोस्ती, फिर अपनापन 
और अब.......

अजनबी सा अहसास......... !!

बख़्श देगा वो,यह सोच के गुनाह करता गया 
उस चौखट पे हर जुर्म के बाद सर झुकता गया

तू भी कभी महसूस कर क्या है बिखरने
की तड़प ….

एक रोज़ बाज़ी यूँ सजे, शीशा तेरा पत्थर मेरा ..!!

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