Wednesday, 15 April 2020

जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने


जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने 
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने 
★★★
शहरयार

ये ग़म नहीं है कि हम दोनों एक हो न सके,

ये रंज है कि कोई दरमियान में भी न था...

कभी  छू  भी  तू  मुझको........!

हम  भी  होने  का  गुमान  करें.....!!

उम्र नहीं थी इश्क़ करने की, 

बस एक चेहरा देखा और जवां हो गए!!

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