जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने
★★★
शहरयार
ये ग़म नहीं है कि हम दोनों एक हो न सके,
ये रंज है कि कोई दरमियान में भी न था...
कभी छू भी तू मुझको........!
हम भी होने का गुमान करें.....!!
उम्र नहीं थी इश्क़ करने की,
बस एक चेहरा देखा और जवां हो गए!!
No comments:
Post a Comment