Thursday 30 November 2017

Gila Nahin:

ज़िन्दगी दर्द दे उसका ग़िला नहीं ;

मुद्दआ ये कि ग़मों की दवा नहीं करती.
🌹🌺🌹
जिस से मुंह फेर के रस्ते की हवा गुजरी है

किसी उजड़े हुए आँगन का दिया लगता है
🌹🌸🌹
न जाने कितने चराग़ों को मिल गई शोहरत

इक आफ़ताब के बे-वक़्त डूब जाने से
🌸🌺🌸
कुछ नहीं इल्म-ओ-हुनर रुतबा-ओ-फ़न दुनिया में

सभी को नाप का मिलता है कफ़न दुनिया में
🌺🌹🌺
अपने खिलाफ बाते, खामोशी से सुन लो....

यकीन मानो, वक्तबेहतरीन जवाब देगा....
🌸🌹🌸
नींद भी नीलाम हो जाती है बाज़ार -ए- इश्क में,

किसी को भूल कर सो जाना, आसान नहीं होता !
🌹🌺🌹
इन चराग़ों में तेल ही कम था...

क्यूँ गिला फिर हमें हवा से रहे...
🌸🌺🌸
मेहरबानी ना सही इक ज़ख़्म ही दे दे मोहसीन,

मेसूस तो हो की कोई हमें भुला नहीं अभी...
🌺🌹🌺

Badlon keep darmiyan:

न जाने बादलो के दरमिया क्या साजिश हुई,

जिसका घर मिट्टी का था उसी के घर बारिश हुई !
🌺🌸🌺
ख़्वाहिश तो है मुझे भी कि मंज़िल मिले मगर

यूँ दूसरों की राह पे चलना नहीं पसंद
🌸🌹🌸
क्यों ग़रीब समझते हैं हमें ये जहाँ वाले फ़राज़ ,

हज़ारों दर्द की दौलत से मालामाल हैं हम.
🌺🌹🌺
No, you cannot stop the birds of sorrow from flying over your head, but you can stop them from building nests in your hair. - D.B. Patterson
न जाने कितने चराग़ों को मिल गई शोहरत

इक आफ़ताब के बे-वक़्त डूब जाने से
🌸🌺🌸

Sunday 26 November 2017

A Jindgi:

जी रहे है तेरी शर्तो के मुताबिक़ ए जिंदगी,

दौर आएगा कभी, हमारी फरमाइशो का भी...
🌹🌺🌹
कहते है हो जाता है संगत का असर....

पर काँटों को आज तक नहीं आया, महकने का सलीका... !!!!
🌺🌸🌺
खाली पन्ने और मुस्कुराता हुआ कवर....

कुछ यही कहानी है, जिन्दगी की किताब की....
🌹🌸🌹
कल की कल है कल जब आएगा तो समझा जाएगा

आज तो साक़ी ने दिल का बोझ हल्का कर दिया
🌸🌺🌸
जरा सा वक़्त लगता है कहीं से उठ के जाने में

मगर फिर लौटकर आने में कितनी देर लगती है
🌹🌺🌹
बच्चों को पैरों पर,खड़ा करना था,

पिता के घुटने,इसी में जवाब दे गये...!

🌸🌺🌸
लमहों में क़ैद कर दे जो सदियों की चाहतें,

हसरत रही के ऐसा कोई अपना तलबगार हो...
🌺🌹🌺
एक दो रोज़ का सदमा हो तो रो लें ‘फ़ाकिर’,

हम को हर रोज़ के सदमात ने रोने न दिया

🌸🌹🌸
झट से बदल दूं, इतनी न हैसियत न आदत है मेरी,

रिश्ते हों या लिबास, मैं बरसों चलाता हूँ...

🌹🌺🌹
"मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता है, तभी तो

"मतलब" निकलते ही रिश्ते हल्के हो जाते है.।।
🌺🌸🌺

Wednesday 22 November 2017

Suraj ko slam :

वो ही करते रहे चढ़ते हुए सूरज को सलाम

जो किसी ढलती हुई शाम से वाक़िफ़ नहीं थे
🌹💐🌹
लहरो पे एक दिन तेरी तस्वीर आएगी

काग़ज़ को हमने आज नदी में बहा दिया
💐🌹💐
सबक़ "ज़िंदगी" से बस इतना लिया

यूँ तो "साहिल" पर चले निरन्तर सदा , पर

"समन्दर" की "लहरों" संग समझौता किया

💐🌹💐
मैं ख़ुद भी एहतियातन उस गली से कम गुज़रता हूँ,

कोई मासूम क्यों मेरे लिये बदनाम हो जाये...

🌹💐🌹
ख्वाब तो सब मीठे देखे थे,
ताज्जुब है,

आँखों का पानी खारा कैसे हो गया ?
🌹🌹bansi🌹🌹

Don't have ton of friends :

हारने जीतने से कुछ नहीं होता
खेल हर साँस पे है दाँव लगाते रहना

As we grow up, we realize it becomes less important to have a ton of friends, and more important to have real ones.
🌹🍃🌹
लर्ज़िश लबों पे इश्क़ के तलफ़्फ़ुज़ नहीं आते,

दरिया भेजते हैं समंदर से मिलने पहाड़ ख़ुद नहीं जाते।
💐🥀💐
उसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थी मुसाफ़िरों की तरह,

उसने तनहायीयों इक शहर मेरे नाम कर दिया...

🌹🌾🌹
इस सलीक़े से मुझे क़त्ल किया है उस ने

अब भी दुनिया ये समझती है कि ज़िंदा हूँ मैं
🌹🌾🌹
ये जो मुस्कराहटों का लिबास पहना है मैंने,

दरअसल खामोशियों को रफ़ू करवाया है मैंने!
🌺🍃🌺

Monday 20 November 2017

Suraj :

वो ही करते रहे चढ़ते हुए सूरज को सलाम

जो किसी ढलती हुई शाम से वाक़िफ़ नहीं थे
🌹💐🌹
लहरो पे एक दिन तेरी तस्वीर आएगी

काग़ज़ को हमने आज नदी में बहा दिया
💐🌹💐
सबक़ "ज़िंदगी" से बस इतना लिया

यूँ तो "साहिल" पर चले निरन्तर सदा , पर

"समन्दर" की "लहरों" संग समझौता किया

💐🌹💐
मैं ख़ुद भी एहतियातन उस गली से कम गुज़रता हूँ,

कोई मासूम क्यों मेरे लिये बदनाम हो जाये...

🌹💐🌹

Fiza :

बहुत खामोश है फिज़ा, कोई कारवां गुजरा हैं,

अपनों के इन्त़जार मे ,कोई अपना गुजरा हैं।

🌹💐🌹
ख़्वाहिशें हैं घर से बाहर दूर जाने की बहुत

शौक़ लेकिन दिल में वापस लौट कर आने का था
🌹💐🌹
ख्वाहिशें आज भी “खत” लिखती हे मुझे....

बेखबर इस बात से कि, जिंदगी अब अपने “पते” पर नही रहती....
🌹💐🌹
यूँ तो दुनिया में जीने के बहाने हैं बहुत

रह रह के उन्हीं का ख़्याल आए तो कोईक्या करे
💐🌹💐
एहसासों के पांव नहीं होते फिर भी दिल तक पहुंच ही जाते हैं..
💐🌹💐

Wednesday 8 November 2017

Jindgi :

जिंदगी, दोस्तों से नापी जाती है,

तरक्की, दुश्मनों से...

💐🌺💐
तुम्हें ग़ैरों से कब फ़ुर्सत, हम अपने ग़म से कम ख़ाली
चलो बस हो चुका मिलना, न तुम ख़ाली, न हम ख़ाली
🐩🐩🐩

ख़ाक थी और हम जिस्मो जान कहते रहे,
चन्द ईंटो को हम ता'उम्र मकान कहते रहे,,
🌺💐🌺
उन से मिलते थे तो सब कहते थे क्यूँ मिलते हो

अब यही लोग न मिलने का सबब पूछते हैं
🌺💐🌺
यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है,

हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है
🌺💐🌺

Kimat Buland :

इंकार कर रहा हूँ तो क़ीमत बुलंद है

बिकने पे आ गया तो गिरा देंगे दाम लोग
💐💐🙏🙏🙏💐💐
मैं एक ज़र्रा बुलंदी को छूने निकला था

हवा ने थम के ज़मीं पर गिरा दिया मुझ को
💐🌺💐
ऐसा कहाँ कि शहर के मंज़र बदल गए,

मंज़र वही हैं सिर्फ़ सितमगर बदल गए...

💐🌺💐
साहिल से सुना करते हैं लहरों की कहानी
ये ठहरे हुए लोग बग़ावत नहीं करते
💐🌺💐

Saturday 4 November 2017

Sukarat :

#भीतर_के_मैं_का_मिटना_ज़रूरी_है 🌿
सुकरात समुन्द्र तट पर टहल रहे थे. उनकी नजर तट पर खड़े एक रोते बच्चे पर पड़ी. उसके पास गए और प्यार से बच्चे के सिर पर हाथ फेरकर पूछा-''तुम क्यों रो रहे हो?''

लड़के ने कहा- ''ये जो मेरे हाथ में प्याला है मैं उसमें इस समुन्द्र को भरना चाहता हूँं,पर यह मेरे प्याले में समाता ही नहीं...,''

बच्चे की बात सुनकर सुकरात विस्माद में चले गये और स्वयं रोने लगे. अब पूछने की बारी बच्चे की थी.

बच्चा कहने लगा- आप भी मेरी तरह रोने लगे पर आपका प्याला कहाँ है?'
सुकरात ने जवाब दिया- बालक, तुम छोटे से प्याले में समुन्द्र भरना चाहते हो, मैं अपनी छोटी सी बुद्धि में सारे संसार की जानकारी भरना चाहता हूँ. आज तुमने सिखा दिया कि समुन्द्र प्याले में नहीं समा सकता. मैं व्यर्थ ही बेचैन रहा.''

यह सुनके बच्चे ने प्याले को दूर समुन्द्र में फेंक दिया और बोला- 'सागर अगर तू मेरे प्याले में नहीं समा सकता तो मेरा प्याला तो तुम्हारे में समा सकता है.'

इतना सुनना था कि सुकरात बच्चे के पैरों में गिर पड़े और बोले- बहुत कीमती सूत्र हाथ में लगा है. हे परमात्मा आप तो सारा का सारा मुझ में नहीं समा सकते पर मैं तो सारा का सारा आपमें लीन हो सकता हूँ.

ईश्वर की खोज में भटकते सुकरात को ज्ञान देना था तो भगवान उस बालक में समा गए. सुकरात का सारा अभिमान ध्वस्त कराया. जिस सुकरात से मिलने के सम्राट समय लेते थे वह सुकरात एक बच्चे के चरणों में लोट गए थे. ईश्वर जब आपको अपनी अनुकंपा में लेते हैं तब आपके अंदर का मैं सबसे पहले मिटता है. शायद मैंने उलटी बात कह दी. जब आपके अंदर का "मैं" मिटता है तभी ईश्वर की अनुकंपा होती है.

Friday 3 November 2017

Aaj ka vichar :

वो बख़्शे उजाले किसी सुब्ह को

कोई शाम रौशन सुहानी करे
💐🌺💐
सुनी हिकायत-ए-हस्ती तो दरमियाँ से सुनी

न इब्तिदा की ख़बर है न इंतिहा मालूम
🌺💐🌺
हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है

नई नई सी है कुछ तेरी रहगुज़र फिर भी
💐🌺💐
रिश्ता कुछ यूँ उनसे बढने लगा...

हम उन्हें लिखने लगे और वो हमें पढने लगा...

🌺💐🌺
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर हो छुपायें कैसे,

तेरी मर्ज़ी के मुताबिक ऩज़र आयें कैसे
💐🌺💐
वक्त के साथ गर न चल पाए,

भीड़ पीछे की, रौंद डालेगी..!

🌺💐🌺
जो हाथ बढ़ाकर भी “कोशिश” न मयस्सर हो

हाथों को वो फैलाकर हासिल नहीं हो सकता
💐🌺💐
गर कुछ भी ख़बर होती अंजाम-ए-गुलिस्ताँ की

हम अपने नशेमन को ख़ुद आग लगा देते
🌺💐🌺
बस यही सोचकर किसी से शिकवा ना किया मैंने...

कि अपनी जगह हर इंसान सही हुआ करता है...
💐🌺💐
घर सजाने का तसव्वुर तो बहुत बाद का है,

पहले यह तय हो कि इस घर को बचायें कैसे
🌺💐🌺
उम्र भर सीखते रहे लहरों से लड़ने का हुनर,

मालूम ना था कि कातिल तो किनारे पर हैं l

💐🌺💐

डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...