Tuesday, 15 September 2020

दरारों की अहमियत अंधेरे बेहतर समझते हैं ...!

[8/16, 9:38 PM] Bansi Lal: दरारों की अहमियत अंधेरे बेहतर समझते हैं ...!
[8/16, 9:40 PM] Bansi Lal: "मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ मगर इतना तो बता 

देखकर मुझको तेरे ज़ेहन में आता क्या है!"
[8/16, 9:42 PM] Bansi Lal: बड़ा घाटे का सौदा है 'सदा' ये सांस लेना भी 

बढ़े है उम्र ज्यूं-ज्यूं ज़िंदगी कम होती जाती है
[8/16, 9:44 PM] Bansi Lal: मैं अपने दिल को ये बात कैसे समझाऊँ फ़राज़,

कि किसी को चाहने से कोई अपना नहीं होता...
[8/16, 9:45 PM] Bansi Lal: ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता

एक ही शख़्स था जहान में क्या
[8/17, 8:54 AM] Bansi Lal: लहजे और आवाज़ में रक्खा जाता है

अब तो ज़हर अल्फ़ाज़ में रक्खा जाता है....
[8/17, 8:57 AM] Bansi Lal: अब इस राह से वो शख्स गुजरता भी नहीं 

अब किस उम्मीद पे दरवाजे से झांके कोई
[8/17, 8:58 AM] Bansi Lal: बहुत मुश्किल से बनते हैं अच्छे और सच्चे रिश्ते,

इससे पहले की टूट जाए, सम्भाल लेने चाहिए !!
[8/17, 9:00 AM] Bansi Lal: ग़म छुपाने के सौ तरीकों में....

मुस्कुराना ही सबसे मुश्किल है....
[8/17, 9:00 AM] Bansi Lal: "अहंकार स्वाभाविक है, विनय सीखना ही पड़ता है।"

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