Monday 29 April 2019

न जाने कितने चिराग:

न जाने कितने चरागौ को मिल गई शोहरत,
एक आफताब के बे वक्त डूब जाने से.....

बर्ताव तो वो ऐसे कर रहे हमारे साथ

जैसे उन्हें खुशी हो इस बात की ......
चलो पीछा छूटा

There is a purpose for everyone you meet. Some people come into your life to test you, some to teach you & some to use you. Some will bring out the very best in you, keep them close.

वो जो तेरा कुछ नहीं लगता
तेरे बिना परेशान रहता है ।

क्यों डरें जिंदगी में क्या होगा,
कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा

मोहब्बत आम सा इक वाक़िआ था,
हमारे साथ पेश आने से पहले !!

ग़रीब  के  घर  खुशियाँ  उतनी  ही  आयी,
जितने  को  अमीर  ख़रीद  ही  नही  पाये !!

बात इतनी सी थी की तुम अच्छे लगते हो ....

बात इतनी बढ़ गई की अब तुम बिन कोई अच्छा नहीं लगता ....!

Saturday 27 April 2019

अरसा हुआ किसे से:

अर्सा हुआ किसी ने पुकारा नहीं मुझे

शायद किसी को मेरी ज़रूरत नहीं रही

गलतीयाँ होती तो माफ भी किया जा सकता है,

साजिशों को माफ करना बहुत मुश्किल होता है..

वो दिल ले के ख़ुश हैं मुझे ये ख़ुशी है
कि पास उन के रहता हूँ मैं दूर हो कर

You can’t play it safe your whole life and expect to reach your highest potential. You’ve got to be willing to take some risks. Be courageous, don't shortchange your future.

Resentment is like drinking poison and expecting the other person to get sick. Forgive, let go, focus on what you want.

Studies show babies can’t survive without interaction with other humans. You may be able to survive on your own but if you want to grow, stay connected.

यूँ तो बहुत कुछ:

युँ तो बहुत कुछ है कहने को लेकिन,
  सोचते है जब आप सामने आओगे तो क्या करेंगे बात

जो व्यक्ति शिष्ट नहीं है,
वह कभी विशिष्ट नहीं बन सकता..!!

अपने हौसलों को ये, खबर करते रहो.....!
ज़िंदगी मंज़िल नहीं, सफर है, चलते रहो....!!

फ़ासला रख के भी क्या हासिल हुआ,
आज भी उसका ही कहलाता हूँ मैं.
Don't ever wait for something to happen. 
Go and make it happen. Act now and you will begin to see the results you want.

You are worthy and capable and you will be able to overcome whatever challenges that you are facing in your life. Trust in yourself and stay positive! Don't lose faith
इरादा हो अटल तो मोजज़ा* ऐसा भी होता है

दिए को ज़िंदा रखती है हवा ऐसा भी होता है

*चमत्कार

कामयाबी:

कामयाबी के सफ़र में धूप  का बड़ा महत्व होता हैं

क्योंकि छांव मिल जाती तो क़दम रुक जाते हैं..

लम्हों   के  एहसासों  को  ज़रा
महसूस  करना  तो सीखो

"Undoubtedly, we become what we envisage." - Claude M. Bristol

उस से गिले शिकायतें शिकवे भी छोड़ दो,
दर उस का छुट गया तो दरीचे भी छोड़ दो,

दरिया से दूर रहना ही बेहतर है अब
धारे से कट गए तो किनारे भी छोड़ दो...

न जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रही

जिसे क़रीब से देखा वो दूसरा निकला

एक को थामो अगर, दूसरा हाथ से छूट जाता है 

किनारों से कितनी आसानी से रिश्ता टूट जाता है

Being a male is a matter of birth, being a man is a matter of age, but being a GENTLEMAN, that's a matter of choice.

मेरे करीब ना रहे कोई, मै खुद ही कहता हूँ

ख़बर उड़ी है कि मैं सबको दगा देता  हूँ

Two things to remember in life: Take care of your thoughts when you are alone, and take care of your words when you are with people.

Sunday 21 April 2019

डाक विभाग:

भारतीय डाक विभाग को इस स्थिति में लाने के लिए ,,सरकार ही जिम्मेदार है ,,,,जितने प्रयोग डाक विभाग पर किये गये   उतने तो  पैथोलॉजी लेब में भी नहीं किये जाते  ,            1,,आरएमएस बंद ,,MNOP  लागू  , सेंट्रल  सॉर्टिंग  हब ,,  2,,,वीसेट  से  मनीऑर्डर  भेजना करोड़ों के सेटअप  देश भर में  योजना  फेल              3,,,बिज़नेस डेवलोपमेन्ट  ,  इसमें स्पीड पोस्ट  केवल  सफल रही बाकी    9  सेवाएं fail    ,क्योंकि  रेट  फ़िक्स होते महानगर के हिसाब से ,काम करना होता   C  ग्रेड  सिटी में ,,
4,,,,फिर लाए  ,, फिनेकल   जो  नेट   आधारित   सिस्टम  है   ,,इसके  लिए  BSNL  के नेटवर्किंग  के स्थान  पर,,,,सिफी  ,कम्पनी,,, से   एग्रीमेंट  किया    जो  BSNL.   से ही   सेवा  लेता है , सिफी   की शिकायत  सुनने वाला  कोई नहीँ
5,,,,फिर लाए   C S I   प्रोग्राम  ,इंफोसिस  से करोड़ो  में बनवाया ,, जो इतना कठिन है कि बैंकों ने  रिफ्यूज कर दिया था
6   ,,,फिर लाये BPM के लिए  हैंड डिवाइस  करोड़ों  की खरीद  , प्राप्ती कुछ नहीँ  ,BO का बिज़नेस खत्म  ,गाँव मे  नेटवर्क नही  मिलता
7,,  ,इसके अलावा  मोबाइल मनी ट्रांसफर  की हैंड डिवाइस,  करोड़ों  की खरीदारी  ,नतीज़ा  शून्य  डिवाइस  धूल  खा रही हैं
8  ,,,, रिमोट  कन्ट्रोल  फ़्रेंकिंग मशीन   करोड़ो की  खरीदारी 
कमाई  नाम मात्र   ,  कइयों को ऑपरेट  करना नहीँ आता
9,,,,माय स्टेम्प  ,,करोड़ो  की मशीन  अन्य सेटअप  विशेष कलर प्रिंटर  ,,  विशेष, पेपर,,, कमाई  नाममात्र
10,,,अन्त में लाए इण्डियन पोस्ट पेमेन्ट  बैंक  ,,,बिल्डिंग  विभाग की कर्मचारी  विभाग के   मज़े लूटते ,,,,IPPB  के  अधिकारी  जिनकी  पेमेन्ट  लाखों मे ,,काम कुछ नहीँ
    विभाग  बन्द  करने  की  तैयारी  25 सालों  से चल रही है
घाटा  अब  बताया है रहा है ।
     आउटडेटेड  कॉम्प्यूटर , सस्ते प्रिंटर  ,सडी   गली स्टेशनरी,  ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पहले काम लाद दो  बाद में ट्रेनिंग वो भी दिखावे के लिये 
1  आदमी से  10 प्रकार के  काम
😡😡😡😡😡😡😡😡😡
सबसे पहले तो यह तय करो कि  डाक  ,,सेवा  ,,है  या  ,,व्यापार,,
😡😡😡😡😡😡😡😡
कहते हैं  ,,अहर्निशं सेवा महे,,

तो  सेवा  में  कैसा  घाटा

यदि व्यापार मानते हो तो     

बन्द करो  ,,,,,,,,,,,,,,,5 नये पैसे मे 200 ग्राम के अखबार   भेजना

4 रुपये मे  50  ग्राम की बुकपोस्ट  पूरे  देश में

वन इंडिया वन रेट  में 41 रु में पूरे देश मे 50ग्राम की स्पीड पोस्ट

कोरियर जैसा पैसा लो ,, बैंक जैसा  लोन  बाँटो  ब्याज  वसूली करो

फ़िर देखो कहाँ  का  घाटा  😡😡😡😡😡 

फ़िर  देखो

Saturday 20 April 2019

दृष्टान्त:

एक बहुत बढ़िया दृष्टांत
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टालस्टाय ने एक छोटी सी कहानी लिखी है। मृत्यु के देवता ने अपने एक दूत को भेजा पृथ्वी पर। एक स्त्री मर गयी थी, उसकी आत्मा को लाना था। देवदूत आया, लेकिन चिंता में पड़ गया। क्योंकि तीन छोटी-छोटी लड़कियां जुड़वां–एक अभी भी उस मृत स्त्री के स्तन से लगी है। एक चीख रही है, पुकार रही है। एक रोते-रोते सो गयी है, उसके आंसू उसकी आंखों के पास सूख गए हैं–तीन छोटी जुड़वां बच्चियां और स्त्री मर गयी है, और कोई देखने वाला नहीं है। पति पहले मर चुका है। परिवार में और कोई भी नहीं है। इन तीन छोटी बच्चियों का क्या होगा?
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उस देवदूत को यह खयाल आ गया, तो वह खाली हाथ वापस लौट गया। उसने जा कर अपने प्रधान को कहा कि मैं न ला सका, मुझे क्षमा करें, लेकिन आपको स्थिति का पता ही नहीं है। तीन जुड़वां बच्चियां हैं–छोटी-छोटी, दूध पीती। एक अभी भी मृत स्तन से लगी है, एक रोते-रोते सो गयी है, दूसरी अभी चीख-पुकार रही है। हृदय मेरा ला न सका। क्या यह नहीं हो सकता कि इस स्त्री को कुछ दिन और जीवन के दे दिए जाएं? कम से कम लड़कियां थोड़ी बड़ी हो जाएं। और कोई देखने वाला नहीं है।
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मृत्यु के देवता ने कहा, तो तू फिर समझदार हो गया; उससे ज्यादा, जिसकी मर्जी से मौत होती है, जिसकी मर्जी से जीवन होता है! तो तूने पहला पाप कर दिया, और इसकी तुझे सजा मिलेगी। और सजा यह है कि तुझे पृथ्वी पर चले जाना पड़ेगा। और जब तक तू तीन बार न हंस लेगा अपनी मूर्खता पर, तब तक वापस न आ सकेगा।
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इसे थोड़ा समझना। तीन बार न हंस लेगा अपनी मूर्खता पर–क्योंकि दूसरे की मूर्खता पर तो अहंकार हंसता है। जब तुम अपनी मूर्खता पर हंसते हो तब अहंकार टूटता है।
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देवदूत को लगा नहीं। वह राजी हो गया दंड भोगने को, लेकिन फिर भी उसे लगा कि सही तो मैं ही हूं। और हंसने का मौका कैसे आएगा?
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उसे जमीन पर फेंक दिया गया। एक मोची, सर्दियों के दिन करीब आ रहे थे और बच्चों के लिए कोट और कंबल खरीदने शहर गया था, कुछ रुपए इकट्ठे कर के। जब वह शहर जा रहा था तो उसने राह के किनारे एक नंगे आदमी को पड़े हुए, ठिठुरते हुए देखा। यह नंगा आदमी वही देवदूत है जो पृथ्वी पर फेंक दिया गया था। उस को दया आ गयी। और बजाय अपने बच्चों के लिए कपड़े खरीदने के, उसने इस आदमी के लिए कंबल और कपड़े खरीद लिए। इस आदमी को कुछ खाने-पीने को भी न था, घर भी न था, छप्पर भी न था जहां रुक सके। तो मोची ने कहा कि अब तुम मेरे साथ ही आ जाओ। लेकिन अगर मेरी पत्नी नाराज हो–जो कि वह निश्चित होगी, क्योंकि बच्चों के लिए कपड़े खरीदने लाया था, वह पैसे तो खर्च हो गए–वह अगर नाराज हो, चिल्लाए, तो तुम परेशान मत होना। थोड़े दिन में सब ठीक हो जाएगा।
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उस देवदूत को ले कर मोची घर लौटा। न तो मोची को पता है कि देवदूत घर में आ रहा है, न पत्नी को पता है। जैसे ही देवदूत को ले कर मोची घर में पहुंचा, पत्नी एकदम पागल हो गयी। बहुत नाराज हुई, बहुत चीखी-चिल्लायी।
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और देवदूत पहली दफा हंसा। मोची ने उससे कहा, हंसते हो, बात क्या है? उसने कहा, मैं जब तीन बार हंस लूंगा तब बता दूंगा।
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देवदूत हंसा पहली बार, क्योंकि उसने देखा कि इस पत्नी को पता ही नहीं है कि मोची देवदूत को घर में ले आया है, जिसके आते ही घर में हजारों खुशियां आ जाएंगी। लेकिन आदमी देख ही कितनी दूर तक सकता है! पत्नी तो इतना ही देख पा रही है कि एक कंबल और बच्चों के कपड़े नहीं बचे। जो खो गया है वह देख पा रही है, जो मिला है उसका उसे अंदाज ही नहीं है–मुफ्त! घर में देवदूत आ गया है। जिसके आते ही हजारों खुशियों के द्वार खुल जाएंगे। तो देवदूत हंसा। उसे लगा, अपनी मूर्खता–क्योंकि यह पत्नी भी नहीं देख पा रही है कि क्या घट रहा है!
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जल्दी ही, क्योंकि वह देवदूत था, सात दिन में ही उसने मोची का सब काम सीख लिया। और उसके जूते इतने प्रसिद्ध हो गए कि मोची महीनों के भीतर धनी होने लगा। आधा साल होते-होते तो उसकी ख्याति सारे लोक में पहुंच गयी कि उस जैसा जूते बनाने वाला कोई भी नहीं, क्योंकि वह जूते देवदूत बनाता था। सम्राटों के जूते वहां बनने लगे। धन अपरंपार बरसने लगा।
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एक दिन सम्राट का आदमी आया। और उसने कहा कि यह चमड़ा बहुत कीमती है, आसानी से मिलता नहीं, कोई भूल-चूक नहीं करना। जूते ठीक इस तरह के बनने हैं। और ध्यान रखना जूते बनाने हैं, स्लीपर नहीं। क्योंकि रूस में जब कोई आदमी मर जाता है तब उसको स्लीपर पहना कर मरघट तक ले जाते हैं। मोची ने भी देवदूत को कहा कि स्लीपर मत बना देना। जूते बनाने हैं, स्पष्ट आज्ञा है, और चमड़ा इतना ही है। अगर गड़बड़ हो गयी तो हम मुसीबत में फंसेंगे।
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लेकिन फिर भी देवदूत ने स्लीपर ही बनाए। जब मोची ने देखे कि स्लीपर बने हैं तो वह क्रोध से आगबबूला हो गया। वह लकड़ी उठा कर उसको मारने को तैयार हो गया कि तू हमारी फांसी लगवा देगा! और तुझे बार-बार कहा था कि स्लीपर बनाने ही नहीं हैं, फिर स्लीपर किसलिए?
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देवदूत फिर खिलखिला कर हंसा। तभी आदमी सम्राट के घर से भागा हुआ आया। उसने कहा, जूते मत बनाना, स्लीपर बनाना। क्योंकि सम्राट की मृत्यु हो गयी है।
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भविष्य अज्ञात है। सिवाय उसके और किसी को ज्ञात नहीं। और आदमी तो अतीत के आधार पर निर्णय लेता है। सम्राट जिंदा था तो जूते चाहिए थे, मर गया तो स्लीपर चाहिए। तब वह मोची उसके पैर पकड़ कर माफी मांगने लगा कि मुझे माफ कर दे, मैंने तुझे मारा। पर उसने कहा, कोई हर्ज नहीं। मैं अपना दंड भोग रहा हूं।
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लेकिन वह हंसा आज दुबारा। मोची ने फिर पूछा कि हंसी का कारण? उसने कहा कि जब मैं तीन बार हंस लूं…।
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दुबारा हंसा इसलिए कि भविष्य हमें ज्ञात नहीं है। इसलिए हम आकांक्षाएं करते हैं जो कि व्यर्थ हैं। हम अभीप्साएं करते हैं जो कि कभी पूरी न होंगी। हम मांगते हैं जो कभी नहीं घटेगा। क्योंकि कुछ और ही घटना तय है। हमसे बिना पूछे हमारी नियति घूम रही है। और हम व्यर्थ ही बीच में शोरगुल मचाते हैं। चाहिए स्लीपर और हम जूते बनवाते हैं। मरने का वक्त करीब आ रहा है और जिंदगी का हम आयोजन करते हैं।
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तो देवदूत को लगा कि वे बच्चियां! मुझे क्या पता, भविष्य उनका क्या होने वाला है? मैं नाहक बीच में आया।
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और तीसरी घटना घटी कि एक दिन तीन लड़कियां आयीं जवान। उन तीनों की शादी हो रही थी। और उन तीनों ने जूतों के आर्डर दिए कि उनके लिए जूते बनाए जाएं। एक बूढ़ी महिला उनके साथ आयी थी जो बड़ी धनी थी। देवदूत पहचान गया, ये वे ही तीन लड़कियां हैं, जिनको वह मृत मां के पास छोड़ गया था और जिनकी वजह से वह दंड भोग रहा है। वे सब स्वस्थ हैं, सुंदर हैं। उसने पूछा कि क्या हुआ? यह बूढ़ी औरत कौन है? उस बूढ़ी औरत ने कहा कि ये मेरी पड़ोसिन की लड़कियां हैं। गरीब औरत थी, उसके शरीर में दूध भी न था। उसके पास पैसे-लत्ते भी नहीं थे। और तीन बच्चे जुड़वां। वह इन्हीं को दूध पिलाते-पिलाते मर गयी। लेकिन मुझे दया आ गयी, मेरे कोई बच्चे नहीं हैं, और मैंने इन तीनों बच्चियों को पाल लिया।
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अगर मां जिंदा रहती तो ये तीनों बच्चियां गरीबी, भूख और दीनता और दरिद्रता में बड़ी होतीं। मां मर गयी, इसलिए ये बच्चियां तीनों बहुत बड़े धन-वैभव में, संपदा में पलीं। और अब उस बूढ़ी की सारी संपदा की ये ही तीन मालिक हैं। और इनका सम्राट के परिवार में विवाह हो रहा है।
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देवदूत तीसरी बार हंसा। और मोची को उसने कहा कि ये तीन कारण हैं। भूल मेरी थी। नियति बड़ी है। और हम उतना ही देख पाते हैं, जितना देख पाते हैं। जो नहीं देख पाते, बहुत विस्तार है उसका। और हम जो देख पाते हैं उससे हम कोई अंदाज नहीं लगा सकते, जो होने वाला है, जो होगा। मैं अपनी मूर्खता पर तीन बार हंस लिया हूं। अब मेरा दंड पूरा हो गया और अब मैं जाता हूं।

वह यह कह रहे हैं कि तुम अगर अपने को बीच में लाना बंद कर दो, तो तुम्हें मार्गों का मार्ग मिल गया। फिर असंख्य मार्गों की चिंता न करनी पड़ेगी। छोड़ दो उस ईश्वर पर। वह जो करवा रहा है, जो उसने अब तक करवाया है, उसके लिए धन्यवाद।
जो अभी करवा रहा है, उसके लिए धन्यवाद। जो वह कल करवाएगा, उसके लिए धन्यवाद। तुम बिना लिखा चेक धन्यवाद का उसे दे दो। वह जो भी हो, तुम्हारे धन्यवाद में कोई फर्क न पड़ेगा। अच्छा लगे, बुरा लगे, लोग भला कहें, बुरा कहें, लोगों को दिखायी पड़े दुर्भाग्य या सौभाग्य, यह सब चिंता तुम मत करना।

क्योंकि वो ही करता है तुम केवल निमित्त मात्र हो।

वही शोर:

अख़बार में रोज़ाना वही शोर है यानी,

अपने से ये हालात सँवर क्यूँ नहीं जाते

Things go wrong for everyone. A bad day is not a bad life. Everything passes. Stay focused on what you want and keep doing your thing. Your best time is still to come.

एक पत्थर की भी तक़दीर सँवर सकती है
शर्त ये है कि...........सलीक़े से तराशा जाए

तूँ देख या ना देख , तेरे ना देखने का गम नहीं...!!
पर तेरी ये देख कर ना देखने की अदा भी देखने से कम नहीं....!!

You never really know yourself until you see yourself under pressure.

Working hard is good. Working smart is good. Working hard AND smart is magic. Smart people aren’t born smart. Learning makes you smart. Never stop learning.

हमें तो नहीं, पर उसे जरुर हमारी वाह-वाही की दरकार है
बस, इत्ता-सा फर्क है , आम और ख़ास में !

नज़रअंदाज़:

“In business as in life, you don’t get what you deserve, you get what you negotiate.” Chester L Karrass

मुझे नजरअंदाज करना है
  तो शिद्दत से करना,
  कहीं नजर मिल गई
तो अंदाज बदल जाएंगे!!!

कुछ तअल्लुक़ भी नहीं रस्म-ए-जहाँ से आगे
उस से रिश्ता भी रहा वहम ओ गुमाँ से आगे

दयार-ए-इश्क़ की शमएँ जला तो सकते हैं,
ख़ुशी मिले न मिले मुस्कुरा तो सकते हैं

अब क्या बताएँ टूटे हैं कितने कहाँ से हम
ख़ुद को समेटते हैं यहाँ से वहाँ से हम https:

मुझसे खुलेआम दुश्मनी कर लेना
पर दिखावे की दोस्ती मत करना

बेहतर दिनों की आस लगाते हुए 'हबीब'
हम बेहतरीन दिन भी गँवाते चले गए

*कहीं पर गम कहीं सरगम ये कुदरत के ही तो नज़ारे हैं*
*प्यासे तो वो भी रह जाते हैं जिनके घर दरिया किनारे हैं*
[4/17, 7:18 PM] Bansi Lal: ना जाने कौन सी दौलत है तेरे लहजे में
बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो

पत्थर की ठोकर:

कभी  पत्थर  की  ठोकर  से  भी  आती  नही  खरोंच
कभी  एक  ज़रा सी  बात  पे  इन्सान  बिखर  जाता है ..!!

न पूछो वक़्त की रफ्तार हम से,
गुज़रता है मगर दिखता नहीं है...

Fight for that life that you want. It's your life, you deserve to live it the way you want to. Don’t let anyone or anything take that away from you.

ये तो अच्छा किया तन्हाई की आदत रक्खी
तब इसे छोड़ दिया होता तो अब क्या करते

कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए..
मै सही तुम गलत के खेल में न जाने कितने रिश्ते ढह गए..

Friday 12 April 2019

बातें होती है:

बातें अक्सर होती है हम दोनों के बीच
मगर किसी तीसरे की.....

मुद्दतें हो गई हैं चुप रहते,
कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते...

हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं

ज़ाया ना कर अपने अल्फ़ाज़ हर किसी के लिये....
बस ख़ामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है....

सफर के साथी है सब,
अपनी अपनी मंजिल पे बिछड़ जाने हैं सभी

Story:

An Inspirational Story
(Dr GM Singh)
Daddy, how much do you make an hour?
With a timid voice and idolizing eyes, the little boy greeted his Father as he returned from work, "Daddy, how much do you make an hour?" Greatly surprised, but giving his boy a glaring look, the Father said: "Look, son, not even your mother knows that. Don't bother me now, I’m tired." "But Daddy, just tell me please!? How much do you make an hour," the boy insisted.

The Father finally giving up replied: "Twenty dollars per hour." "Okay, Daddy? Could you loan me ten dollars?" the boy asked. Showing restlessness and positively disturbed, the Father yelled: "So that was the reason you asked how much I earn, right?? Go to sleep and don't bother me anymore!"

It was already dark and the Father was meditating on what he had said and was feeling guilty. Maybe he thought, his son wanted to buy something. Finally, trying to ease his mind, the Father went to his son’s room.

"Are you asleep son?" asked the Father. "No, Daddy. Why?" replied the boy partially asleep. "Here’s the money you asked for earlier," the Father said. "Thanks, Daddy!" rejoiced the son, while putting his hand under his pillow and removing some money. "Now I have enough! I have twenty dollars!" the boy said to his Father.

The Father sat there, gazing at his son, confused at what his son just said. "Now Daddy could you sell me one hour of your time?"

Thursday 4 April 2019

बातें अक्सर होती है :

 बातें अक्सर होती है हम दोनों के बीच
मगर किसी तीसरे की.....
मुद्दतें हो गई हैं चुप रहते,
कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते...
हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं
ज़ाया ना कर अपने अल्फ़ाज़ हर किसी के लिये....
बस ख़ामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है....
सफर के साथी है सब,
अपनी अपनी मंजिल पे
बिछड़ जाने हैं सभी

डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...