Tuesday, 15 September 2020

ज़ाहिर में जो रस्ता सीधा लगता हो उस पर

[8/31, 7:44 AM] Bansi Lal: बात की गहराई में उतरे बिना प्रतिक्रिया दिखाना और बात का अर्थ समझे बिना उसको कोई रंग दे देना सदा हानिकारक होता है ॥

“सचेत रहें”
[8/31, 7:46 AM] Bansi Lal: ज़ाहिर में जो रस्ता सीधा लगता हो उस पर 
अपने पैर जमाए रखना कितना मुश्किल है...

आवाज़ों की भीड़ में इतने शोर-शराबे में 
अपनी भी इक राय रखना कितना मुश्किल है..
[8/31, 7:51 AM] Bansi Lal: रूह के रिश्तों की यही खासियत रही है....
महसूस हो ही जाती है जो बात अनकही है !!
[8/31, 7:52 AM] Bansi Lal: कोई वजह नही पुछेगा
पर इल्जाम बेशुमार लगेगें
सब्र करना ....
जवाब देने में वक़्त जाया न करना !
[8/31, 9:26 PM] Bansi Lal: अभी इतने अल्फ़ाज़ नही लिखे हमने 
जितना तुमने मुझे समझ लिया है ..... !!
[8/31, 9:26 PM] Bansi Lal: जिंदगी में एक दोस्त ऐसा भी होना चाहिए ,

जो बिना मतलब हालचाल पूछता रहता हो..!!!
[8/31, 9:27 PM] Bansi Lal: तुम्हारा मुझको ये कहना तुम्हारे साथ मैं हूँ ना 

किसी बंजर पे बारिश की तरह अहसास लगता है ।।
[8/31, 9:28 PM] Bansi Lal: अपना सा लगता है तेरा नजरअंदाज करना 

खुशी है कि तू अब भी पहचानता है हमे...
[8/31, 9:29 PM] Bansi Lal: पुरानी शाखों से पूछो जीना कितना मुश्किल है, 

नये पत्ते तो बस अपनी अदाकारी में रहते हैं!

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