Saturday, 15 August 2020

रिश्तों को जेबों में नहीं,दिलों में रखिए हुज़ूर

[7/31, 6:39 AM] Bansi Lal: रिश्तों को जेबों में नहीं,दिलों में रखिए हुज़ूर

वक़्त से शातिर कोई जेबक़तरा नहीं होता
[7/31, 6:39 AM] Bansi Lal: जिस धागे की गाँठे खुल सकतीं हैं 

उस धागे पर कैंची नहीं चलानी चाहिए ..
[7/31, 6:40 AM] Bansi Lal: रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे,

हर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे
[7/31, 6:44 AM] Bansi Lal: ज़िन्दगी में यही देखना ज़रूरी नहीं है,
कि कौन हमारे आगे हैया कौन हमारे पीछे

कभी यह भी देख लिया करो....
हम किसके साथ हैं, और कौन हमारे साथ है..!!
[7/31, 7:55 AM] Bansi Lal: " Our own existence is a sailing of life's incessant queries; hence this enables us to unfold the true character of our own being. This keeps each one's ship to sail with prudence and faith amidst all the whipping storms of life."

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