Tuesday 31 January 2017

प्रेरक कथा:

"प्रेरक कथा"...

एक मित्र नेअपनी बीवी की अलमारी खोली और एक सुनहरे कलर का पेकेट निकाला,

उसने कहा कि
"ये कोई साधारण पैकेट नहीं है..!"

उसने पैकेट खोला
और उसमें रखी बेहद खूबसूरत सिल्क की साड़ी और उसके साथ की ज्वेलरी को एकटक देखने लगा।

ये हमने लिया था 8-9 साल पहले, जब हम पहली बार न्युयार्क गए थे,
परन्तु उसने ये कभी पहनी नहीं क्योंकि वह इसे किसी खास मौके पर पहनना चाहती थी,
और इसलिए इसे बचा कर रखा था।

उसने उस पैकेट को भी दूसरे और कपड़ों के साथ अपनी बीवी की अर्थी के पास रख दिया,
उसकी बीवी की मृत्यु अभी अचानक ही हुई थी।

उसने रोते हुए मेरी और देखा और कहा-
किसी भी खास मौके के लिए कभी भी कुछ भी मत बचा के रखना,
जिंदगी का हर एक दिन खास मौका है,
कल का कुछ भरोसा नहीं है।

मुझे लगता है,
उसकी उन बातों ने मेरी जिंदगी बदल दी।

मित्रों अब मैं किसी बात की ज्यादा चिंता नहीं करता,

अब मैं अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताता हूँ,
और काम का कम टेंशन लेता हूँ।

मुझे अब समझ में आ चुका है कि जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम है,
डर-डर के,
रूक-रूक के बहुत ज्यादा विचार करके चलने में समय आगे निकल जाता है,
और हम पिछड़ जाते हैं।

अब मैं कुछ भी बहुत बहुत संभाल-संभाल के नहीं रखता, हर एक चीज़ का बिंदास और भरपूर उपयोग जी भर के करता हूँ।

अब मैं घर के शोकेस में रखी महँगी क्रॉकरी का हर दिन उपयोग करता हूँ..

अगर मुझे पास के सुपर मार्केट में या नज़दीकी माॅल में मूवी देखने नए कपड़े पहन के जाने का मन है,
तो मैं जाता हूँ।

अपने कीमती खास परफ्यूम को विशेष मौकों के लिए संभाल कर बचा के नहीं रखता,
मैं उन्हें जब मर्जी आए तब उपयोग करता हूँ,

'एक दिन'
'किसी दिन'
'कोई ख़ास मौका' जैसे शब्द अब मेरी डिक्शनरी से गुम होते जा रहे हैं..।

अगर कुछ देखने,
सुनने या करने लायक है,
तो मुझे उसे अभी देखना सुनना या करना होता है।

मुझे नहीं पता मेरे दोस्त की बीवी क्या करती,
अगर उसे पता होता कि वह अगली सुबह नहीं देख पाएगी,

शायद वह अपने नज़दीकी रिश्तेदारों और खास दोस्तों को बुलाती।
शायद वह अपने पुराने रूठे हुए दोस्तों से दोस्ती और शांति की बातें करती।

अगर मुझे पता चले
कि मेरा अंतिम समय आ गया है तो क्या मैं,
इन इतनी छोटी-छोटी चीजों को भी नहीं कर पाने के लिए अफसोस करूँगा।

नहीं..

इन सब इच्छाओं को तो
आज ही आराम से पूरा कर सकता हूँ..!

हर दिन,
हर घंटा,
हर मिनट,
हर पल विशेष है,
खास है...बहुत खास है।

🌹प्यारें दोस्तों..!
जिंदगी का लुत्फ उठाइए,
आज में जिंदगी बसर कीजिये।

*क्या पता कल हो न हो*,
वैसे भी कहते हैं न कल तो कभी आता ही नहीं।

*अगर आपको ये मेसेज मिला है*,
इसका मतलब है,
*कि कोई आपकी परवाह करता है*,
केयर करता है,

*क्योंकि शायद आप भी किसी की परवाह करते हैं*,
ध्यान रखते हैं।

*अगर आप*
अभी बहुत व्यस्त हैं,
और,
इसे किसी "अपने" को बाद में या,
*किसी और दिन भेज देंगे*..

*तो याद रखिये*
कोई और दिन बहुत दूर है,
और शायद कभी आए भी नहीं..।

इसलिये
ज़िन्दगी के हर पल को
जियें जी भर के..॥💪👍🏽🇮🇳🇮🇳🎈🎈

तू झूठ बोल के आंसू निकल लेता है:

जो कहा मैं ने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर

हँस के कहने लगा और आप को आता क्या है
🙏🏻🌹🙏🏻

मैं इस लिए भी तेरे फ़न की क़द्र करता हूँ,

तू झूट बोल के आँसू निकाल लेता है

🙏🏻🌹🙏🏻बन्सी🙏🏻🌹🙏🏻

मंज़र ही हादसे का अजीबो ग़रीब था....
वो आग से जला जो नदी के क़रीब था....
🌹🙏🏻🌹

"किसी काम को करने के बारे में बहुत देर तक सोचते रहना अक़सर उसके बिगड़ जाने का कारण बनता है।"
🌹🙏🏻🌹
हम को ये बात समझने में भी उम्र लगी

बात तो सच्च थी मगर मुँह पे नहीं कहनी थी
🌹🙏🏻🌹

Wednesday 25 January 2017

मोहब्बत में नज़र- अंदाज़ ज़रूरी है:

मोहब्बत में नज़र-अंदाज़ करना भी ज़रूरी है
ज़ियादा आबयारी से भी पौधा सूख जाता है

फ़ासला इतना न रखना था ख़ुदा
इस ज़मीं को आसमाँ देते हुए

जिस को तुम भूल गए याद करे कौन उस को
जिस को तुम याद हो वो और किसे याद करे
🌺🙏🏻🌺

उसे दुआओं की ज़रूरत नहीं.... उसकी बेटियाँ रोज़ उसका हाल पूछती हैं...
🌺🙏🏻🌺

"Death is so terribly final, while life is full of possibilities."
🙏🏻🌺🙏🏻

जिस को तुम भूल गए याद करे कौन उस को
जिस को तुम याद हो वो और किसे याद करे

"कौन इस घर की देख-भाल करे
रोज़ इक चीज़ टूट जाती है"
🌺🙏🏻🌺

अगर तुमने मुझे लाखों में चुना है,तो मेरा भी वादा है तुमसे
कि करोडों की भींड में , खोने नही दूंगा तुमको
🌺🙏🏻🌺

*गुफ्तगू करते रहिये थोड़ी थोड़ी सभी दोस्तो से....*
*जाले लग जाते है अक्सर बंद मकानों में भी....*
🌺🙏🏻🌺

अनजाने लोग:

अनजाने लोगों को हर सू चलता फिरता देख रहा हूँ
कैसी भीड़ है फिर भी ख़ुद को तन्हा तन्हा देख रहा हूँ

इस राज़ को क्या जानें साहिल के तमाशाई
हम डूब के समझे हैं दरिया तेरी गहराई

*ताश का जोकर और अपनों की ठोकर*
*अक्सर बाजी घुमा देती है*

*अपनी सहनशीलता को बढाइए*
*छोटी मोटी घटना से हताश मत होइए*

*जो चंदन घिस जाता है वह भगवान के मस्तक  पर लगाया जाता है*
*और जो नही घिसता वह तो सिर्फ मुर्दे जलाने के काम ही आता है*

घर से निकल कर जाता हूँ:

घर से निकल कर जाता हूँ मैं रोज़ कहाँ
इक दिन अपना पीछा कर के देखा जाए

जो कहा मैं ने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर
हँस के कहने लगा और आप को आता क्या है

मैं इस लिए भी तेरे फ़न की क़द्र करता हूँ,
तू झूट बोल के आँसू निकाल लेता है

मंज़र ही हादसे का अजीबो ग़रीब था....
वो आग से जला जो नदी के क़रीब था....

"किसी काम को करने के बारे में बहुत देर तक सोचते रहना अक़सर उसके बिगड़ जाने का कारण बनता है।"

हम को ये बात समझने में भी उम्र लगी
बात तो सच्च थी मगर मुँह पे नहीं कहनी थी

Tuesday 24 January 2017

You want you get:

ये भूल है उसकी के आगाज़ -ए -गुफ़्तगू हम करेंगे ..
हम तो खुद से रूठ जाए तो सदियों ख़ामोश रहते हैं

You want & you get ... That's Luck ... You want & you wait ... That's Time .... You want but you compromise ... That's Life ... & finally ... You want, You wait & You do not compromise .... That's SUCCESS !!!!!

काफिले रेत हुए दश्त-ए-जुनूं में कितने |
फिर भी आवारा मिजाजों का सफर जारी है ||

दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे.....
उदासियों से भी चेहरा खिला-खिला ही लगे......

"चरित्र को बनाए रखना आसान है, उसके भ्रष्ट हो जाने के बाद उसे सुधारना कठिन है।"

जिंदगी की हक़ीक़त:

👉एक बार एक संत ने अपने दो
     भक्तों को बुलाया और कहा आप
     को यहाँ से पचास कोस जाना है।
👉एक भक्त को एक बोरी खाने के
     समान से भर कर दी और कहा जो
     लायक मिले उसे देते जाना
👉और एक को ख़ाली बोरी दी उससे
      कहा रास्ते मे जो उसे अच्छा मिले
      उसे बोरी मे भर कर ले जाए।
👉दोनो निकल पड़े जिसके कंधे पर
     समान था वो धीरे चल पा रहा था
👉ख़ाली बोरी वाला भक्त आराम से
      जा रहा था
👉थोड़ी दूर उसको एक सोने की ईंट
     मिली उसने उसे बोरी मे डाल
     लिया
👉थोड़ी दूर चला फिर ईंट मिली उसे
     भी उठा लिया
👉जैसे जैसे चलता गया उसे सोना
     मिलता गया और वो बोरी मे भरता
     हुआ चल रहा था
👉और बोरी का वज़न। बड़ता गया
      उसका चलना मुश्किल होता गया
     और साँस भी चढ़ने लग गई
👉एक एक क़दम मुश्किल होता
     गया ।
👉दूसरा भक्त जैसे जैसे चलता गया
     रास्ते मै जो भी मिलता उसको
     बोरी मे से खाने का कुछ समान
     देता गया धीरे धीरे बोरी का वज़न
     कम होता गया
👉और उसका चलना आसान होता
     गया।
👉जो बाँटता गया उसका मंज़िल
     तक पहुँचना आसान होता गया
👉जो ईकठा करता रहा वो रास्ते मे
     ही दम तोड़ गया
👉दिल से सोचना हमने जीवन मे
     क्या बाँटा और क्या इकट्ठा किया
     हम मंज़िल तक कैसे पहुँच पाएँगे।

👉जिन्दगी का कडवा सच...👈
👉आप को 60 साल की उम्र के बाद
     कोई यह नहीं पूछेंगा कि आप का
     बैंक बैलेन्स कितना है या आप के
     पास कितनी गाड़ियाँ हैं....?

👉दो ही प्रश्न पूछे जाएंगे ...👈
     1-आप का स्वास्थ्य कैसा है.....?
         और
     2-आप के बच्चे क्या करते हैं....?

Monday 23 January 2017

You start Dying Slowly:

नोबेल पुरस्कार विजेता स्पेनिश कवि पाब्लो नेरुदा की कविता 
*"You  Start  Dying  Slowly"*

1) आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं, अगर आप :
- करते नहीं कोई यात्रा,
- पढ़ते नहीं कोई किताब,
- सुनते नहीं जीवन की ध्वनियाँ,
- करते नहीं किसी की तारीफ़।

2) आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं, जब आप :
- मार डालते हैं अपना स्वाभिमान,
- नहीं करने देते मदद अपनी और न ही करते हैं मदद दूसरों की।

3) आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं, अगर आप :
- बन जाते हैं गुलाम अपनी आदतों के,
- चलते हैं रोज़ उन्हीं रोज़ वाले रास्तों पे,
- नहीं बदलते हैं अपना दैनिक नियम व्यवहार,
- नहीं पहनते हैं अलग-अलग रंग, या
- आप नहीं बात करते उनसे जो हैं अजनबी अनजान।

4) आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं, अगर आप :
- नहीं महसूस करना चाहते आवेगों को, और उनसे जुड़ी अशांत भावनाओं को, वे जिनसे नम होती हों आपकी आँखें, और करती हों तेज़ आपकी धड़कनों को।

5) आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं, अगर आप :
- नहीं बदल सकते हों अपनी ज़िन्दगी को, जब हों आप असंतुष्ट अपने काम और परिणाम से,
- अग़र आप अनिश्चित के लिए नहीं छोड़ सकते हों निश्चित को,
- अगर आप नहीं करते हों पीछा किसी स्वप्न का,
- अगर आप नहीं देते हों इजाज़त खुद को, अपने जीवन में कम से कम एक बार, किसी समझदार सलाह से दूर भाग जाने की...।
*तब आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं...!!!*

बुरी नज़र से न देख:

बुरी नजर से ना देख मुझे यूँ देखने वाले...!!
मैं लाख बुरा सही तू अपना नजरिया खऱाब न कर...!!

दर्द तो अकेले ही सहते हैं सभी,
भीड़ तो बस फ़र्ज़ अदा करती है!

बेवकूफों का भी तू कर शुक्रिया
उन्ही में तू अकलमंद लगता है

जिन्दगी जब देती है तो, एहसान नहीं करती....
और जब लेती है तो, लिहाज नहीं करती....

थक गया दर्द भी अपनी अदाकारी करते-करते..
ऐ खुशी कभी तू भी अपना किरदार निभा दे!!

"किसी को राय देने की तुलना में किसी अच्छी राय से फ़ायदा उठाने के लिये अधिक बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होती है।"

तू छोड़ रहा है तो ख़ता इस में तेरी क्या
हर शख़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता
~वसीम बरेलवी

बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता
~बशीर बद्र

*व्यायाम करना ,शराब न पीना,* *शाकाहारी होना आपकी उम्र में कुछ और साल तो जोड़ सकता है*

  *पर ध्यान रहे ये साल आपके*
*बुढ़ापे के जुड़ेंगे ना की जवानी के।*

"चिंगारी का खौफ न दो हमें,
दिल में आग का दरिया बसाये बैठे हैं......

सांसों का रुकना तो आम बात है ...
जब अपने ही बदल जाएँ "मौत" तो उसे कहते हैं ...!!

ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब है ....
कमबख्त गुजरता वही से है जहाँ रास्ते नहीं होते ..!!

आस पास तेरा एहसास अब भी लिये बैठें हैं;
तू ही नज़र अंदाज़ करे तो हम शिकवा किससे करें!

सैट बार गिरें तो आठ वॉर उठें:

"यदि आप सात बार गिरते हैं, तो आठ बार खड़ें हों!"

खंडरों में पत्थरों की नमी सा तेरा नाम ..
आसमान में ठहरी ज़मीं सा तेरा नाम..

बिखरने दो होठों पर हँसी की फुहारों को,
प्यार से बात कर लेने से कोई दौलत कम नहीं होती !!!

मुझे सिर्फ़ तुझ पर ऐतबार रहा मालिक़,
तक़दीर के भरोसे वक़्त को बदलते हुए नहीं देख़ा मैनें!

कोई कैसा भी रिश्ता हो नमी बेहद ज़रूरी है
ज़मीं सूखी रहेगी तब तो पौधा सूख जाता है!

वो हमारा   है   ,हमारे नाम से मंसूब है
उसके बारे में ये खुशफहमी है लेकिन खूब है

ये रात तुम्हारी है चमकते रहो तारो
वो आएँ न आएँ मगर उम्मीद न हारो

Sunday 22 January 2017

प्यार क्या है:

प्यार क्या है ?

एक छोटी लड़की पूरी लगन से पिताजी के सिर की मालिश करती है और उन्हें अपनत्व का अहसास होता है !!

यह प्यार है ,

एक पत्नी पति के लिए चाय बनाती है और उससे पहले एक घूंट पी लेती है ताकि पति को चाय का taste अच्छा लगे !!

यह प्यार है …

एक माँ अपने बेटे को केक का सबसे अच्छा टुकड़ा देती है.

यह प्यार है ….

एक दोस्त अपने दोस्त को फिसलन पे सड़क पर कस कर उसका हाथ पकड़ता है. ताकि वह गिरने से बच जाये !!

यह प्यार है ….

एक भाई अपनी बहन को msg भेजता है और पूछता है की ” वह घर पहुची की नहीं ????

प्यार सिर्फ एक लड़का एक लड़की का हाथ पकड़ कर पूरा शहर घुमाता है इसी का नाम नही !!

प्यार तो आप अपने दोस्त को एक छोटा सा msg भेजते है सिर्फ इसलिए की उसे पढ़ कर उसके चेहरे पे छोटी सी एक मुस्कान आये !!

दोस्तों प्यार तो वास्तव में एक दुसरे की देखभाल करने का नाम है !!

Saturday 21 January 2017

बुरी नज़र से न मुझे देख:

*"जिसके लिये पूरी दुनिया कम पड़ती थी उसके लिये एक समाधि भी अब पर्याप्त है।"*
*:सिकन्दर महान के लिए समाधिलेख*

"हम को पाला था जिस पेड़ ने उसके पत्ते ही दुश्मन हुए,
कह रही है डालियाँ, आशियां बदल दीजिए!!"

जो हसंता है वो खुदा की इबबादत करता है,
जो दूसरों को हँसाते है, खुदा उनकी इबबादत करता हैं।

तेरी मोहब्बत की तलब थी इस लिए हाथ फैला दिए
वरना हमने तो कभी अपनी ज़िंदगी की दुआ भी नही माँगी।

प्यार इतना ही रखो की दिल सम्भल जाये..
अब इस कदर भी ना चाहो की दम निकल जाये..

बुरी नजर से ना देख मुझे यूँ देखने वाले...!!
मैं लाख बुरा सही तू अपना नजरिया खऱाब न कर...!!

Friday 20 January 2017

गुजरने को तो हजारों काफिले:

गुज़रने को तो हज़ारों ही क़ाफ़िले गुज़रे
ज़मीं पे नक़्श-ए-क़दम बस किसी किसी का रहा....

"It is more important to do right thing than to do things right."

पता नहीं क्या रिश्ता था, टहनी से उस पंछी का...

उसके उड़ जाने पर वो कितनी देर कांपती रही....!

तूने कोशिश की और कामयाब हुआ
हम तो बस कोशिश में कामयाब हुए

परिंदों की पर्वाज़ क़ाएम रहे
कई ख़्वाब शामिल उड़ानों में हैं

बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो !

ले दे के अपने पास फ़क़त इक नज़र तो है
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नज़र से हम

मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में..
बस हम गिनती उसी की करते हैं..
जो हासिल ना हो सका..

"When there is the necessary technical skill to move mountains, there is no need for the faith that moves mountains."

*मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ , हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !*
*मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं , जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !*

*भरोसा ” ईश्वर ” पर है, तो जो लिखा है तकदीर में, वो ही पाओगे !*

*मगर , भरोसा अगर ” खुद ” पर है ,तो ईश्वर वही लिखेगा , जो आप चाहोगे !!!*

"समय बरबाद करें और अपने भविष्य को भी साथ ही बरबाद होता देखें।"

अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी
हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का

तू रूठा रूठा सा लगता है...
कोई तरकीब बता मनाने की
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा
तू क़ीमत बता मुस्कुराने की"

A true relation is not like Rain.,which comes and goes seasonaly.. it is just like the AiR, which is sometimes silent but it is always around You !!!

“If you awake every morning with the thought that something wonderful will happen in your life today, you’ll often find that you’re right.” ―Nancy Sathre-Vogel

"कोई भी महान व्यक्ति अवसरों की कमी की शिकायत नहीं करता।"

*वो रिश्ते क्या होते हैं*?

*जिनमें न हक़ हो, न शक हो*.
*न अपना हो, न पराया हो,*
*न दूर हो, न पास हो..*
*न जात हो, न जज़बात हो*,
*सिर्फ अपनेपन का*      
*एहसास ही एहसास हो*

मैं कोई छोटी सी कहानी नहीं था....
बस पन्नें ही जल्दी पलट दिए तुमने

When god pushes you to the edge, only two things can happen; either He will catch you when you fall or He will teach you how to fly.

चाहे वो तकलीफ कितनी भी दे..
फिर भी सुकून उसी के पास मिलता है.

मैं झुकता हुँ हमेशा आसमान बनके..
जानता हुँ कि ज़मीन को..उठने कि आदत नहीं..

इश्क 'महसूस' करना भी ...इबादत से कम नहीं,...!
ज़रा बताइये छू कर' खुदा को किसने देखा है..!

समझने वाले समझ जाते है दुनिया में,
नही समझने वाले नही समझते ये आपको समझने की जरूरत है।

Thursday 19 January 2017

Prepare Children for the road and not the road:

Do Read... its beautiful !🐛🐝

The best message I have read
in a while

A man, an avid Gardener saw a small Butterfly laying few eggs in one of the pots in his garden.

Since that day he looked at the egg with ever growing curiosity and eagerness.

The egg started to move and shake a little.

He was excited to see a new life coming up right in front of his eyes.

He spent hours watching the egg now.

The egg started to expand and develop cracks.

A tiny head and antennae started to come out ever so slowly.

The man's excitement knew no bounds.

He got his magnifying glasses and sat to watch the life and body of a pupa coming out.

He saw the struggle of the tender pupa and couldn't resist his urge to "HELP".

He went and got a tender forceps to help the egg break, a nip here, a nip there to help the struggling life and the pupa was out.

The man was ecstatic!

He waited now each day for the pupa to grow and fly like a beautiful butterfly, but alas that never happened.

The larvae pupa had a oversized head and kept crawling along in the pot for the full 4 weeks and died!

Depressed the man went to his Entymologist (insect specialist) friend and asked the reason.

His friend told him the struggle to break out of the egg helps the larvae to send blood to its wings and the head push helps the head to remain small so that the tender wings can support it thru its 4 week life cycle.

In his eagerness to help, the man destroyed a beautiful life!

Struggles help all of us, that's why a bit of effort goes a long way to develop our strength to face life's difficulties!

As parents, we sometimes go too far trying to help and protect our kids from life's harsh realities and disappointments.

We don't want our kids to struggle like we did.

Harvard psychiatrist Dr. Dan Kindlon says that over-protected children are more likely to struggle in relationships and
with challenges.

We're sending our kids the message that they're not capable of helping themselves.

To quote clinical psychologist,
Dr. Wendy 's Moral:

"It  is  Our Job  to  prepare  Our  Children  for  the  Road & Not  prepare  the  Road for  Our Children"

Some time pretend to be blind:

A man married a beautiful girl. He loved her very much. One day she developed a skin disease. Slowly she started to lose her beauty. It so happened that one day her husband left for a tour. While returning he met with an accident and lost his eyesight. However their married life continued as usual. But as days passed she lost her beauty gradually. Blind husband did not know this and there  was not any difference in their married life. He continued to love her and she also loved him very much.
One day she died. Her death brought him great sorrow.
He finished all her last rites and wanted to leave that town.
A man from behind called and said, now how will you be able to walk all alone? All these days your wife used to help you.
He replied, I am not blind. I was acting,  because if she knew l could see her ugliness it would have pained her more than her disease. So I pretended to be blind. She was a very good wife. I only wanted to keep her happy.

Moral:- Some times it is good for us to act blind and ignore one another's short comings, in order to be happy.

Tuesday 17 January 2017

रेत की तरह फिसल गया वो:

हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह, वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे...

पढ़नेवाले की कमी है ..... वरना ..... गिरते आँसू भी एक किताब है ...

वो जब भी खुल के हँसते है, पपीहा गाने लगता है, छाती है कहीं बदली, नशा सा आने लगता है।

Sometimes its dumb to be wise and sometimes its wise to be dumb. but more often than not, we are the opposite of what it is wise to be.

रेत की तरह हाथों से फिसल गया वो
बीते कल की तरह कहीं गुम गया वो
ना मिला, ढूँढा बहुत ज़माने भर में कमबख्त को
जब दिल में झाँका....तो मिल गया वो :)

Monday 16 January 2017

दुनियां के दुखों में भी:

"दुनिया के दुखों में भी खुशी से भाग लें। हम दुनिया को दुखों से मुक्त तो नहीं कर सकते, लेकिन खुशी से जीने का निर्णय तो कर सकते हैं। "

तू परिंदों की तरह उड़ने की ख़्वाहिश छोड़ दे
बे-ज़मीं लोगों के सर पर आसमाँ रहता नहीं

लोग देखेंगे तो अफसाना बना देंगे,
कुछ युँ चले आओ मेरे दिल में की आहट भी ना हो ।

गुज़रने को तो हज़ारों ही क़ाफ़िले गुज़रे
ज़मीं पे नक़्श-ए-क़दम बस किसी किसी का रहा....

"It is more important to do right thing than to do things right."

पता नहीं क्या रिश्ता था, टहनी से उस पंछी का...
उसके उड़ जाने पर वो कितनी देर कांपती रही....!

तूने कोशिश की और कामयाब हुआ
हम तो बस कोशिश में कामयाब हुए

परिंदों की पर्वाज़ क़ाएम रहे
कई ख़्वाब शामिल उड़ानों में हैं

बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो !

Saturday 7 January 2017

Incredible India:

किसी मंदिर में एक पंडित रहते थे। पंडित के पास 1गधा भी था

सैकड़ों भक्त उस मंदिर पर आकर दान-दक्षिणा चढ़ाते थे❗

उन भक्तों में एक बंजारा भी था।
वह बहुत गरीब था ,
फिर भी, नियमानुसार आकर माथा टेकता,

पंडित की सेवा करता,
और
फिर अपने काम पर जाता,

उसका कपड़े का व्यवसाय था,
कपड़ों की भारी पोटली कंधों पर लिए सुबह से लेकर शाम तक गलियों में फेरी लगाता,
कपड़े बेचता❗

एक दिन उस पंडित को उस
पर दया आ गई,
उसने अपना गधा उसे भेंट कर दिया❗

अब तो बंजारे की आधी समस्याएं हल हो गईं।

वह सारे कपड़े गधे पर लादता और जब थक जाता
तो
खुद भी गधे पर बैठ जाता

इसी बीच गधा भी अपने नये मालीक से काफी घूलमील गया था

यूं ही कुछ महीने बीत गए,,
एक दिन गधे की मृत्यु हो गई❗

बंजारा बहुत दुखी हुआ,
उसने गधे को उचित स्थान पर दफनाया,
और उसकी समाधी बनाई
और
फूट-फूट कर रोने लगा❗

समीप से जा रहे किसी व्यक्ति ने
जब यह दृश्य देखा,
तो सोचा
जरूर किसी संत की समाधी होगी❗
तभी यह
बंजारा यहां बैठकर अपना दुख रो रहा है❗

यह सोचकर उस व्यक्ति ने समाधी पर
माथा टेका और अपनी मनोकामना हेतु वहां प्रार्थना की कुछ पैसे चढ़ाकर वहां से चला गया❗

कुछ दिनों के उपरांत ही उस
व्यक्ति की कामना पूर्ण हो गई❗

उसने
खुशी के मारे सारे गांव में
डंका बजाया कि अमुक स्थान पर एक पूर्ण संत की समाधी है❗

वहां जाकर जो मनोकामना मांगो वह पूर्ण होती है।
मनचाही मुरादे बख्शी जाती हैं

उस दिन से उस समाधी पर
भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया❗

दूर-दराज से भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु आने लगे।

बंजारे की तो चांदी हो गई,
बैठे-बैठे उसे कमाई
का साधन मिल गया था❗

और धीरे धीरे वह समाधी भी पूरी तरह से मंदिर का आकार ले चुकी थी❗

एक दिन वही पूराने पंडित
जिन्होंने बंजारे
को अपना गधा भेंट स्वरूप
दिया था वहां से गुजर रहे थे❗

उन्हें देखते ही बंजारे ने उनके चरण पकड़ लिए और बोला-
"आपके गधे ने
तो मेरी जिंदगी बना दी❗

जब तक जीवित था
तब तक मेरे रोजगार में मेरी मदद करता था
और
मरने के बाद
मेरी जीविका का साधन उसका मंदिर बन
गया है❗"

पंडित हंसते हुए बोले,
"बच्चा!
जिस मंदिर में
तू नित्य माथा टेकने आता था,
वह मंदीर इस गधे की मां का था❗"

बस ऐसे ही चल रहा है मेरा महान भारत ❗
Incredible India.

हज़ार खूबसूरत भने थे:

हजार खूबसूरत से बहाने थे पास मेरे जिन्दगी जीने के लिए,
और मै बेवजह यूँ ही वक़्त का मजाक बनता रहा

बात मुक़द्दर पे आ रुकी है वर्ना ....
कोई क़सर तो ना छोड़ी थी,तुझे चाहने में

"सुधारक वे हैं जो लोगों को उनकी
आवश्यकताएं आंकने की शिक्षा दें।"

ये कौन सा मुक़ाम है, फलक नहीं, ज़मीं नहीं
कि शब नहीं, सहर नहीं, कि ग़म नहीं, ख़ुशी नहीं
कहाँ ये लेके आ गयी, हवा तेरे दयार की

था इरादा तेरी फ़रियाद करें हाकिम से
वो भी ऐ शोख़ तेरा चाहने वाला निकला

बहुत नज़दीक आती जा रही हो
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या

"नैतिकता के बारे में जानना ही पर्याप्त नहीं होता, इसे ग्रहण करना, अपनाना तथा स्वयं को अच्छा बनाने के लिये अन्य कोई भी कदम उठाना भी आवश्यक है। "

मुझे क्या उस हस्ती से जो मिट चले,
दरक़ार उस वजूद से है जो मेरे बाद भी ज़िंदा रहे !

ऐ नौजवां तू इक अलग पहचान बन के चल ।
जो भर दे जोश मुर्दों में वो जान बन के चल ।।

यादों में लिपटी है हर रात उस पर सन्नाटे की धुल उडाता क्यों है
हर पल कोशिश है उससे भूलने की पर भूलकर भी याद आता क्यों है

रात तो वक्त की पाबंद है ढल जायेगी,
देखना ये है कि चराग़ों का सफ़र कितना है

पेड़ काटने वालों को ये मालूम तो था,
जिस्म जल जायेंगे जब सर पे न साया होगा

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है,
भूल जाता है, ज़मीं से ही नज़र आता है

डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...