Friday, 30 August 2019

हक़ की लड़ाई तन्हा ही लडनी पडती है


हक़ की लड़ाई तन्हा ही लडनी पडती है
सैलाब तो जीत जाने के बाद उमड़ता है..!!
एक तमाशा बनाया जाता है
दूसरी बर्बादी को छुपाने के लिए
सुकून कुछ तो मिला दिल का माजरा लिखकर
लिफाफा फाड़ दिया फिर तेरा पता लिखकर
 Understand that 99.9% of the opinions don’t matter.
खयालो की परतें उधेड़ कर देख ली...
सुकून का कोई लम्हा नही मिलता तेरे बिना...
Learn to manage your emotions. Bad attitude and success don’t go together.
हमने उन मगरूर दरख्तों को भी झुकते देखा है....
जो तौहीन समझते थे जरा-सा लचक जाने को......!!
सादगी अगर हो लफ्ज़ो मै,,
यकीन मानो..
इज्जत बेपनाह और दोस्त बेमिसाल मिल ही जाते है ..

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