Friday, 2 August 2019

"ठीक लगने ‌लगा है सबकुछ,

इश्क इतने करीब से गुजरा...
मैं ये समझा कि, हो गया मुझको..!!!
"ठीक लगने ‌लगा है सबकुछ, 
कुछ तो ठीक नहीं है शायद।।"
शर्तें लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथ,
कीजे मुझे क़ुबूल मेरी हर कमी के साथ
मैं भी उसे खोने का हुनर सीख न पाया,
उस को भी मुझे छोड़ के जाना नहीं आता
सबसे ज्यादा अर्थ उन शब्दों के निकाले जाते है,
जो कहे ही नही गए होते,
फ़ासला,  इस लिए रखा था हमने..
वो, "क़रीब" था..  हर शख़्स के...
तू ये मत देख कोई शख़्स गुनहगार है कितना,
बस यह देख, तेरे साथ वफ़ादार है कितना?
इसी पे शहर की सारी हवाएँ बरहम थीं
कि इक दिया मिरे घर की मुंडेर पर भी था
इच्छाओं के अनुरूप जीने के लिए जुनून चाहिए
वरना परिस्थितियां तो सदैव विपरीत रहती हैं..

 As long as you worry about what others think of you, you are owned by them. You own your life only when you don’t need approval from others.

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