हम चराग़ों की मदद करते रहे
और उधर सूरज बुझा डाला गया
चींटिया कितनी ही जमा हो जाये
गन्ना घसीटकर नही ले जा सकती.....
जिसकी अनुपस्थिति में भी तुम जिससे मानसिक संवाद करते हो,
उसके साथ तुम्हारा प्रेम होना तय है।
बेहतरीन होते हैं वो रिश्ते ,जो तकरार होने के बाद भी,
सिर्फ़ एक मुस्कुराहट से पहले जैसे हो जाए..
इक बार उसने देखा था, मुस्कुराते हुए,
इतनी सी हकीकत है, बाकी सब कहानियां...
और उधर सूरज बुझा डाला गया
चींटिया कितनी ही जमा हो जाये
गन्ना घसीटकर नही ले जा सकती.....
जिसकी अनुपस्थिति में भी तुम जिससे मानसिक संवाद करते हो,
उसके साथ तुम्हारा प्रेम होना तय है।
बेहतरीन होते हैं वो रिश्ते ,जो तकरार होने के बाद भी,
सिर्फ़ एक मुस्कुराहट से पहले जैसे हो जाए..
इक बार उसने देखा था, मुस्कुराते हुए,
इतनी सी हकीकत है, बाकी सब कहानियां...
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