Tuesday, 28 January 2020

हम चराग़ों की मदद करते रहे

हम  चराग़ों  की  मदद  करते रहे
और उधर सूरज बुझा डाला गया


चींटिया कितनी ही जमा हो जाये
गन्ना घसीटकर नही ले जा सकती.....


जिसकी अनुपस्थिति में भी तुम जिससे मानसिक संवाद करते हो,
उसके साथ तुम्हारा प्रेम होना तय है।


बेहतरीन होते हैं वो रिश्ते ,जो तकरार होने के बाद भी,

सिर्फ़ एक मुस्कुराहट से पहले जैसे हो जाए..


इक बार उसने देखा था, मुस्कुराते हुए,

इतनी सी हकीकत है, बाकी सब कहानियां...

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