आपकी उपस्थिति से कोई व्यक्ति स्वयं के दुख भूल जाए,
यही आपकी उपस्थिति की सार्थकता है..
आँखों की गली में कोई आवारा सा आँसू
पलकों से तेरे घर का पता पूछ रहा है
जब देखो तौलने बैठ जाते है रिश्तों को,
ये भी तो बताये दूसरे पलड़े में रखते क्या है..
संयम क्या है......?
एक युद्ध.........
अपने ही विरूद्ध....
"मत पूछ कि मेरा कारोबार क्या है
महोब्बत की छोटी सी दुकान है
नफ़रत के बाजार में...!!!"
शोहरत की बुलंदी भी, पल भर का तमाशा है
जिस डाल पे बैठे हो, वो टूट भी सकती है
~ बशीर बद्र
यही आपकी उपस्थिति की सार्थकता है..
आँखों की गली में कोई आवारा सा आँसू
पलकों से तेरे घर का पता पूछ रहा है
जब देखो तौलने बैठ जाते है रिश्तों को,
ये भी तो बताये दूसरे पलड़े में रखते क्या है..
संयम क्या है......?
एक युद्ध.........
अपने ही विरूद्ध....
"मत पूछ कि मेरा कारोबार क्या है
महोब्बत की छोटी सी दुकान है
नफ़रत के बाजार में...!!!"
शोहरत की बुलंदी भी, पल भर का तमाशा है
जिस डाल पे बैठे हो, वो टूट भी सकती है
~ बशीर बद्र
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