Tuesday, 21 January 2020

‘हमारे पास न तो आत्मा का प्रकाश है

 ‘हमारे पास न तो आत्मा का प्रकाश है
और न ही अंतःकरण का कोई आलोक :
यह हमारा विचित्र समय है!’

बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं

~फ़िराक़ गोरखपुरी

यही बहुत है कि उसने पलट के देख लिया,
ये लुफ्त भी मेरी उम्मीद से ज्यादा है

जाने क्या कशिश है उसकी मदहोंश आँखों में,
नजर अंदाज जितना करो नजर उस पे ही पड़ती है...!!

तुमने भी तो कोशिश नहीं की
       मुझे समझने की ,,
वरना ,,
       वजह कोई नहीं थी
तेरे और मेरे उलझने की,।।

गुमान ये है कि वो मेरे हैं,,
फिक्र ये कि आखिर कब तक...

मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका...

No comments:

Post a Comment

डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...