Friday, 6 May 2016

हमारी दुआओं का असर है:

वो अपने फ़ायदे के लिए आ मिले थे हमसे,
हम नादान समझे के हमारी दुआओं का असर है..

खुद मसीहा,खुद कातिल हैं तो वे भी क्या करें?
ज़ख्मे दिल पैदा करें या ज़ख्मे दिल अच्छा करें !

"जिनको मिली है, ताक़त दुनिया सँवारने की...
खुदगर्ज आज उनका ईमान हो रहा है...!!"

साहिल के लब से पूछो दरिया के दिल से पूछो,
इक मौज-ए-तह-नशीं का मुद्दत के बाद उठना............

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