Sunday, 15 May 2016

नीद तो दर्द के बिस्तर पे आ सकती है:

मेरे जख्मों को हमेशा उनसे ही मोहब्बत हुई _जो शख्स नमक का कारोबार करते हैं ||

Happiness comes when we stop complaining about the troubles we have and offer thanks for all the troubles we don't have.

मेरे नसीब ने जब मुझसे इंतिकाम लिया
कहाँ कहाँ तेरी यादों ने हाथ थाम लिया

फजां की आँख भर आयी, हवा का रंग उड़ा
सुकूते शाम ने चुपके से तेरा नाम लिया

नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है...
उनके आगोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं...

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