Monday, 30 May 2016

उमर:

*आज मुलाकात हुई*
*जाती हुई उम्र से*

*मैने कहा जरा ठहरो तो*
*वह हंसकर इठलाते हुए बोली*
*मैं उम्र हूँ ठहरती नहीं*
*पाना चाहते हो मुझको*
*तो मेरे हर कदम के संग चलो*

*मैंने मुस्कराते हुए कहा*
*कैसे चलूं मैं बनकर तेरा हमकदम*
*संग तेरे चलने पर छोड़ना होगा*
*मुझको मेरा बचपन*
*मेरी नादानी, मेरा लड़कपन*
*तू ही बता दे कैसे समझदारी की*
*दुनियां अपना लूँ*
*जहाँ हैं नफरतें, दूरियां,*
*शिकायतें और अकेलापन*

*उम्र ने कहा*
*मैं तो दुनियां ए चमन में*
*बस एक “मुसाफिर” हूँ*
*गुजरते वक्त के साथ*
*इक दिन यूं ही गुजर जाऊँगी*
*करके कुछ आँखों को नम*
*कुछ दिलों में यादें बन बस जाऊँगी*

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