एक किसान था. उसके खेत में एक पत्थर का एक हिस्सा ज़मीन से ऊपर निकला हुआ था जिससे ठोकर खाकर वह कई बार गिर चुका था और कितनी ही बार उससे टकराकर खेती के औजार भी टूट रोजाना की तरह आज भी वह सुबह-सुबह खेती करने पहुंचा और इस बार वही हुआ, किसान का हल पत्थर से टकराकर टूट गया. किसान क्रोधित हो उठा, और उसने निश्चय किया कि आज जो भी हो जाए वह इस चट्टान को ज़मीन से निकाल कर इस खेत के बाहर फ़ेंक देगा.
वह तुरंत गाँव से 4-5 लोगों को बुला लाया और सभी को लेकर वह उस पत्त्थर के पास पहुंचा और बोल, ” यह देखो ज़मीन से निकले चट्टान के इस हिस्से ने मेरा बहुत नुक्सान किया है, और आज हम सभी को मिलकर इसे आज उखाड़कर खेत के बाहर फ़ेंक देना है.” और ऐसा कहते ही वह फावड़े से पत्थर के किनार वार करने लगा, पर यह क्या ! अभी उसने एक-दो बार ही मारा था कि पूरा-का पूरा पत्थर ज़मीन से बाहर निकल आया. साथ खड़े लोग भी अचरज में पड़ गए और उन्ही में से एक ने हँसते हुए पूछा , “क्यों भाई , तुम तो कहते थे कि तुम्हारे खेत के बीच में एक बड़ी सी चट्टान दबी हुई है , पर ये तो एक मामूली सा पत्थर निकला ??”
किसान भी आश्चर्य में पड़ गया सालों से जिसे वह एक भारी-भरकम चट्टान समझ रहा था दरअसल वह बस एक छोटा सा पत्थर था ! उसे पछतावा हुआ कि काश उसने पहले ही इसे निकालने का प्रयास किया होता तो ना उसे इतना नुकसान उठाना पड़ता और ना ही दोस्तों के सामने उसका मज़ाक बनता .
दोस्तों कई बार हम भी यही करते है, हम किसी भी मुसीबत को बड़ा समझकर उससे निपटने की बजाये तकलीफ सहते रहते है| अगर आप पहले ही उस मुसीबत से निपट लें तो कोई दिक्कत ही नहीं रहेगी| मनुष्य की जिन्दगी में मुसीबतें आती ही रहती है फर्क इस बात का रहता है कि कोई तो उसका सामना करता है और कोई उसे ये समझकर कि मैं इस मुसीबत का सामना नहीं कर सकता, तकलीफ सहता रहता है| अब आपको ही देखना है कि आपको क्या करना है|
Monday, 30 May 2016
मुश्किलों का सीधा सामना करें:
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