गरमी का मौसम था, मैने सोचा काम पे जाने से पहले गन्नेका रस पीकर काम पर जाता हूँ।एक छोटे से गन्ने की रस की दुकान पर गया !!
वह काफी भीड-भाड का इलाका था, वहीं पर काफी छोटी-छोटी फूलो की, पूजा की सामग्री ऐसी और कुछ दुकानें थीं। और सामने ही एक बडा मंदिर भी था , इसलिए उस इलाके में हमेशा भीड रहती है !
मैंने रस का आर्डर दिया , मेरी नजर पास में ही फूलों की दुकान पे गयी , वहीं पर एक तकरीबन 37 वर्षीय सज्जन व्यक्ति ने 500 रूपयों वाले फूलों के हार बनाने का आर्डर दिया , तभी उस व्यक्ति के पिछे से एक 10 वर्षीय गरीब बालक ने आकर हाथ लगाकर उसे रस की पिलाने की गुजारिश की !!
पहले उस व्यक्ति का बच्चे के तरफ ध्यान नहीं था , जब देखा....तब उस व्यक्ति ने उसे अपने से दूर किया और अपना हाथ रूमाल से साफ करते हुए" चल हट ...."कहते हुए भगाने की कोशिश की !!
उस बच्चे ने भूख और प्यास का वास्ता दिया !!
वो भीख नहीं मांग रहा था , लेकिन उस व्यक्ति के दिल में दया नहीं आयी !!
बच्चे की आँखें कुछ भरी और सहमी हुई थी, भूख और प्यास से लाचार दिख रहा था !!
इतने में मेरा आर्डर दिया हुआ रस आ गया !!
मैंने और एक रस का आर्डर दिया उस बच्चे को पास बुलाकर उसे भी रस पीलाया !!
बच्चे ने रस पीया और मेरी तरफ बडे प्यार से देखा और मुस्कुराकर चला गया !!
उस की मुस्कान में मुझे भी खुशी और संतोष हुआ.......लेकिन. ....वह व्यक्ति मेरी तरफ देख रहा था, जैसे कि उसके अहम को चोट लगी हो !!
फिर मेरे करीब आकर कहा"आप जैसे लोग ही इन भिखारियों को सिर चढाते है"मैंने मुस्कराते हुए कहा आपको मंदिर के अंदर इंसान के व्दारा बनाई पत्थर की मूर्ति में ईश्वर नजर आता है, लेकिन ईश्वर द्वारा बनाए इंसान के अंदर ईश्वर नजर नहीं आता है..........मुझे नहीं पता आपके 500 रूपये के हार से मंदिर में बैठा आपका भगवान मुस्करायेगा या नहीं, लेकिन मेरे 10 रूपये के चढावे से मैंने मेरे भगवान को मुस्कराते हुए देखा है ।
Monday, 16 May 2016
इंसान में भगवान को देखो:
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा
[8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...
-
" जहाँ रौशनी की ज़रूरत हो चिराग वहीँ जलाया करो, सूरज के सामने जलाकर उसकी औकात ना गिराया करो...!" सहमी हुई है झोपड़ी, बार...
-
[6:38 AM, 9/16/2022] Bansi lal: छाता लगाने का मतलब ये नहीं कि आप बच गये, डुबाने वाला पानी सिर से नहीं हमेशा पैर से आता है। [7:10 AM, 9/16/...
-
[8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...
No comments:
Post a Comment