रात तो हो पर अंधेरा नहीं होना चाहिए
तु बनकर चांदनी फैली रहें मेरे जीवन में
ख़ुद मझधार में होकर भी, जो औरों का साहिल होता है
ईश्वर जिम्मेदारी उसी को देता हैं, जो निभाने के क़ाबिल होता है..
बैठे हैं यूं ही बेकार से, वक्त के कतरे उठा रहे हैं
ना किसीको याद कर रहे हैं ना किसीको याद आ रहें हैं
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