मयख़ाने की बात न कर वाइज़ मुझ से
आना जाना तेरा भी है मेरा भी.....
गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है
राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं
गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है
राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं
ये न थी हमारी क़िस्मत के विसाले यार होता
अगर और जीते रहते यही इन्तज़ार होता
वो जो उड़ जाते हैं तेरी पलकों की छत से....
वो कई ख्वाब मेरी आँखों मे आ बैठे हैं..
"हर रोज गिरकर भी, मुक्कमल खड़े हैं...!
ए जिंदगी देख, मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं ...!!"
हमे कहाँ मालूम था कि इश्क़ होता क्या है
बस, एक तुम मिले ओर जिंदगी मोहब्बत बन गई..
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