Thursday, 26 December 2019

मयख़ाने की बात न कर वाइज़ मुझ से

 मयख़ाने की बात न कर वाइज़ मुझ से
आना जाना तेरा भी है मेरा भी.....

गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है 
राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं

गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है 
राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं

ये न थी हमारी क़िस्मत के विसाले यार होता 
अगर और  जीते  रहते  यही  इन्तज़ार  होता 

वो जो उड़ जाते हैं तेरी पलकों की छत से....
वो कई ख्वाब मेरी आँखों मे आ बैठे हैं..

"हर रोज गिरकर भी, मुक्कमल खड़े हैं...!
ए जिंदगी देख, मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं ...!!"

हमे कहाँ मालूम था कि इश्क़ होता क्या है 
बस, एक तुम मिले ओर जिंदगी मोहब्बत बन गई..

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