सिर्फ लफ़्ज़ों को न सुनो कभी आँखें भी पढ़ो,
कुछ सवाल बड़े खुद्दार हुआ करते हैं
लफ्जों के वजन से थक जाती है जुबान कभी कभी...
पता नहीं खामोशी...मजबूरी है या समझदारी..
सबको खुश रखने की चाह में,
अक्सर हम अपनी खुशियों को भी खो देते है...!!
[8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...
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