Tuesday, 17 December 2019

आसान किस क़दर है समझ लो मिरा पता,

 आसान किस क़दर है समझ लो मिरा पता,
बस्ती के बाद पहला जो वीराना आएगा...

जिन्दगी इतनी भी मुश्किल नही जितनी हम समझ लेते हैं
बस चंद लोगो को नज़र अंदाज ही त़ो करना है

होती तो हैं ख़ताएँ, हर एक से मगर..।
कुछ जानते नहीं हैं, कुछ मानते नहीं..

रिश्ते चन्दन की तरह  रखने चाहिए,
चाहे टुकड़े हज़ार भी हो जाएं  पर सुगन्ध न जाए..

आपका मक़सद पुराना है मगर ख़ंजर नया 
मेरी मजबूरी है यह, लाऊं कहां से सर नया

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