Thursday, 4 July 2019

तमाम शहर जिसे छोड़ने को आया है

तमाम शहर जिसे छोड़ने को आया है
 वो शख़्स कितना अकेला सफ़र पे निकलेगा 

वक़्त के कितने ही रंगों से गुज़रना है अभी, 
ज़िंदगी है तो कई तरह से मरना है अभी..

वो जो दिल के करीब होते हैं......!! 
उन के पत्थर भी फूल होते हैं......!!!!

No comments:

Post a Comment

डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...