बस ताअल्लुक का इन्तेकाल हुआ है,,,
ज़िन्दा दोनों तरफ मोहब्बत है...!
हो जाने दीजिए ना इश्क़....
धूप की किताबें.....
धूप की किताबें.....
"बारिशों" में भीग कर ,
और भी खूबसूरत हो जाती हैं !!
और भी खूबसूरत हो जाती हैं !!
मोड़ कैसा ये वक़्त ने लिया है
तुम्हें मिल के भी तुम्हें खोने का
तुम्हें मिल के भी तुम्हें खोने का
गम कुछ और भी गहरा हो गया ..!!
Don’t change so that people will like you.
Be yourself and the right people will love you.
Be yourself and the right people will love you.
जाया करो ग़रीबों की बस्ती में भी कभी,
कुछ भी नही तो शुक्र-ए-ख़ुदा सीख जाओगे
गुज़र जाएगी सारी ज़िन्दगी उम्मीद में,
न जीने देगी ये जीने की तैयारी मुझे!
Happiness is the highest level of success.
Strive for happiness always
Strive for happiness always
तुम जो बिछड़े हो जल्दबाज़ी में
मेरी जान तुम रूठ भी तो सकते थे !!
मेरी जान तुम रूठ भी तो सकते थे !!
टूटते रिश्तों से बढ़ कर रंज था इस बात का
दरमियाँ कुछ दोस्त थे और दोस्त भी ऐसे कि बस !
दरमियाँ कुछ दोस्त थे और दोस्त भी ऐसे कि बस !
Brain science says what your mind thinks is changing the structure of your brain. Your thoughts matter. You can because you think you can.
फाज़िल बता रहे हमें इबादत की तरक़ीब......!!
कोई ख़ुदा मिला है इन्हें ज़रूर......!!!!
“मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग...
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता.”
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता.”
मुद्दतों से तुझे बेपनाह ही चाहा है मैंने
ताज्जुब तो तुम्हारे आज भी परखने से है ..!!
बोसा-ए-रुख़्सार पर तकरार रहने दीजिए
लीजिए या दीजिए इंकार रहने दीजिए...
लीजिए या दीजिए इंकार रहने दीजिए...
ज़ख़्म कितने तिरी चाहत से मिले हैं मुझ को
सोचता हूँ कि कहूँ तुझ से मगर जाने दे।
मैं बोलता गया हूँ वो सुनता रहा ख़ामोश
ऐसे भी मेरी हार हुई है कभी कभी।
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए
तू आज भी बेखबर है कल की तरह
तू आज भी बेखबर है कल की तरह
खुशी के फूल उन्हीं के
दिलों में खिलते हैं
जो इंसान की तरह
इंसानों से मिलते हैं।।
दिलों में खिलते हैं
जो इंसान की तरह
इंसानों से मिलते हैं।।
वक्त के साथ चलना कोई जरुरी नहीं है..!
सच के साथ चलिए एक दिन वक्त आपके साथ चलेगा..!!
No comments:
Post a Comment