मलाल इस बात का नहीं
कि अब वह मेरा नहीं
कि अब वह मेरा नहीं
तसल्ली इस बात की है कि हम भी अब किसी के नहीं
ना जाने कैसी नजर लगी जमाने की
वजह ही नहीं मिल रही मुस्कुराने की
फिक्र बता रही है मोहब्बत जिन्दा है
फासलो से कह दो गुरुर ना करे
सच घटे या बढ़े तो सच न रहे,
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं...
एक पल भी ना निभा सकेंगे मेरा किरदार,
वो लोग जो मुझे मशवरे हजार देते हैं.
"मन की लिखूँ तो शब्द रूठ जाते हैं ,
और सच लिखूँ तो अपने रूठ जाते हैं.."
विपरीत परिस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं,
तो कुछ लोग रिकॉर्ड तोड़ देते हैं.....!!
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