Thursday 9 May 2019

Everything:

आज तुम याद बहुत आए हो
फिर मेरा नाम भूल गए थे क्या

ग़र मुझ को सलीके से तोड़ते तुम......!!
मेरे टुकड़े भी तुम्हारे काम आते......!!!!

कौन अच्छा है इस ज़माने में
क्यूँ किसी को बुरा कहे कोई

ऐ शम्अ' तुझ पे रात ये भारी है जिस तरह
मैं ने तमाम उम्र गुज़ारी है इस तरह

शिकायतें ना होंगी
तो
अपनापन कहाँ होगा
फिर
अपने और पराए में
भेद क्या होगा

Everything takes longer than you think. Have patience

हमारी  अफवाह के  धुएं  वहां  से  उठते हैं
जहाँ  हमारे  नाम से आग  लग जाती है ..!!

कहीं मिलेगी प्रशंसा..
तो कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा..
कहीं मिलेगी दुआ.. तो कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा..
तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे
'जैसा तेरा भाव' वैसा 'प्रभाव' मिलेगा..

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