आज तुम याद बहुत आए हो
फिर मेरा नाम भूल गए थे क्या
ग़र मुझ को सलीके से तोड़ते तुम......!!
मेरे टुकड़े भी तुम्हारे काम आते......!!!!
कौन अच्छा है इस ज़माने में
क्यूँ किसी को बुरा कहे कोई
ऐ शम्अ' तुझ पे रात ये भारी है जिस तरह
मैं ने तमाम उम्र गुज़ारी है इस तरह
शिकायतें ना होंगी
तो
अपनापन कहाँ होगा
फिर
अपने और पराए में
भेद क्या होगा
Everything takes longer than you think. Have patience
हमारी अफवाह के धुएं वहां से उठते हैं
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है ..!!
कहीं मिलेगी प्रशंसा..
तो कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा..
कहीं मिलेगी दुआ.. तो कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा..
तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे
'जैसा तेरा भाव' वैसा 'प्रभाव' मिलेगा..
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