कुछ लोग जिंदगी में आते हैं
हादसा बनने हिस्सा नहीं,
किस्सा बनने कहानी नहीं
हादसा बनने हिस्सा नहीं,
किस्सा बनने कहानी नहीं
यादे अय्याम कि इक महफ़िले जाँ थी कि जहाँ
हाथ खींचे भी गये और मिलाये भी गये !
मेरी आँखें देख,तेरे मिजाज़ का अंदाज़ा लगा लेते हैं
लोग अब तुझको मेरे चेहरे से ढूँढ लेते हैं
होगी कितनी चाहत उस दिल में,
जो खुद ही मान जाये कुछ पल खफा होने के बाद
""सच्ची मोहब्बत की निशानी यहीं होती हैं कि........
उस के बाद फिर किसी से मोहब्बत नहीं होती""
बड़े हसीन थे फ़रेब तेरे ए ज़िंदगी,
मरते मरते भी ऐतबार करने को जी चाहता है
कुछ इस तरह से मुझे वो गले
लगा के गया ।
लगा के गया ।
के जिस्म छोड़ गया, रूह साथ
ले के गया ।।
ले के गया ।।
इस दौरे सियासत का इतना-सा फ़साना है,
बस्ती भी जलानी है, मातम भी मनाना है।
No comments:
Post a Comment