Monday, 27 May 2019

तुम हकीकत नहीं हो, हसरत हो........


तुम हकीकत नहीं हो, हसरत हो........
जो मिले....... ख़्वाब में वो दौलत हो
*उज़्र आने में भी है  और बुलाते भी नही
°बाइस-ए-तर्क-ए-मुलाक़ात बताते भी नहीं!
* =  आपत्ति
° =  मिलना बन्द करने का कारण


मैंने छत पर पहुँच कर सीढ़ी को उपेक्षा से देखा ,
उसने कहा
'अच्छा ? उतरना       
~हरिवंश राय बच्चन

यार ! अब मेरे लिए तू ही ज़रा सोचके देख
ये सुना है तेरा सोचा हुआ हो जाता है
-
एक परिंदा रोज टकराता है मेरे घर की खिड़कियों के शीशे से,
जरूर इस इमारत की जगह कभी कोई दरख़्त रहा होगा...

इस तरह तुम से दूर चले जाना जरूरी नहीं था
पास तुम्हारे रहने का कोई बहाना भी नहीं था
Sometimes you need bad things to happen to inspire you to change and growth
उसने कागज की कई कश्तियाँ पानी में उतारी
और ये कह कर बहा दी कि समंदर में मिलेंगे
एक मिनट में ज़िन्दगी नहीं बदलती, पर......
एक मिनट सोच कर लिया गया फैसला............
पूरी ज़िन्दगी बदल देता है।
मैं उसके करीब नहीं होना चाहता
बना कर उसे अपना, खोना नहीं चाहता
शत्रु तो स्वयं ही बन जाते हैं,
मित्र बनाने के लिए प्रयत्न करना पड़ता है।

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