Friday, 19 May 2017

रश्क- ए -क़मर:

मेरे रशके क़मर तूने पहली नज़र जब नज़र से मिलायी मज़ा आ गया,

बर्क सी गिर गयी काम ही कर गयी आग ऐसी लगायी मज़ा आ गया !!
🌹🌷🌹
बैठ जाता था मैं जिस से लग कर
वही दीवार गिरा दी किस ने

अपने ही हाथ से  मुझ को
ज़हर पीने की सज़ा दी किसने
🌷🌹🌷
पलट चलें कि ग़लत आ गए हमीं शायद

रईस लोगों से मिलने के वक़्त होते हैं
🌹🌷🌹

No comments:

Post a Comment

डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...