Monday, 29 May 2017

मेरी समन्दर से दोस्ती:

मेरी समंदर से मुहब्बत, कुछ उसके साहिलों की है |

रेत के हर जर्रे में कहानी, कितने ही काफिलों की है |
🌷🌹🌷
:काफ़िले रेत हुए दश्त जुनून में कितने,

फिर भी आवारा मिज़ाजों का सफ़र जारी है...
🌹🌷
कश्ती का ज़िम्मेदार फ़क़त नाख़ुदा नहीं

कश्ती में बैठने का सलीक़ा भी चाहिए
🌷🌹

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