Saturday, 30 April 2016

न जानना बुरा है:

लाश को हाथ लगाता है तो नहाता हैं
बेजुबान जीव को मार के खाता हैं

मंदिर-मस्ज़िद भी गजब की जगह है
जहां गरीब बाहर और अमीर अंदर "भीख" मांगता है

वजूद अपना है और आप तय करेंगे हम
कहाँ पे होना है हम को कहाँ नहीं होना

नहीँ जानना बुरा है लेकिन जानने की इच्छा न होना और  भी बुरा है।

No comments:

Post a Comment

डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...