Wednesday, 27 April 2016

मुदत से ज़हर पिने की आदत है:

तेरे प्यार की हिफाज़त कुछ इस तरह से की हमने....
जब किसी ने प्यार से देखा तो नज़रे झुका ली हमने....

मुद्दत से जहर पीने की आदत है जमाने वालो..
अब कोई और जतन करो कि मैं जिन्दा हूं अभी...

किस तरह यकीन दिलाऊँ तुम्हे, अपनी वफाओं का....
कोशिश सारी नाकाम हुई, बस जान ही देना बाकी है !!

जिन्दगी की इस कशमकश में वैसे तो मैं भी बहुत ब्यस्त हूं ,
लेकिन..,
वक्त का बहाना बना कर अपनों को भूल जाना.......
मुझे आज भी नहीं आता...

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