हम ने बे-इंतिहा वफ़ा कर के,
बे-वफ़ाओं से इंतिक़ाम लिया !!
🍂🍃🍂
ये मत समझो जो रोता है
वही बीमार होता है....
ये हँसना भी मुसलसल
दर्द का इज़हार होता है
🍂🍃🍂
क़ुर्बतें होते हुए भी फ़ासलों में क़ैद हैं,
कितनी आज़ादी से हम अपनी हदों में क़ैद हैं।
🍂🍃🍂
कौन है
जिसके पास
कमी नही है,
आसमाँ के
पास भी
जमीं नही है!
🍂🍃🍂
सदा एक ही रुख़ नहीं नाव चलती
चलो तुम उधर को हवा हो जिधर की
🍂🍃🍂
उधार की ज़िन्दगी जीतें हैं...
तेर प्यार की किश्तें अब भी बाकी हैं..
सब से हटकर ही मनाना है उसे
हम से एक बार वो रूठे तो सही
फक़त पास बैठना चाहता है
अजब दिल की तश्नगी है
बे-वफ़ाओं से इंतिक़ाम लिया !!
🍂🍃🍂
ये मत समझो जो रोता है
वही बीमार होता है....
ये हँसना भी मुसलसल
दर्द का इज़हार होता है
🍂🍃🍂
क़ुर्बतें होते हुए भी फ़ासलों में क़ैद हैं,
कितनी आज़ादी से हम अपनी हदों में क़ैद हैं।
🍂🍃🍂
कौन है
जिसके पास
कमी नही है,
आसमाँ के
पास भी
जमीं नही है!
🍂🍃🍂
सदा एक ही रुख़ नहीं नाव चलती
चलो तुम उधर को हवा हो जिधर की
🍂🍃🍂
उधार की ज़िन्दगी जीतें हैं...
तेर प्यार की किश्तें अब भी बाकी हैं..
सब से हटकर ही मनाना है उसे
हम से एक बार वो रूठे तो सही
फक़त पास बैठना चाहता है
अजब दिल की तश्नगी है
No comments:
Post a Comment