Saturday, 14 April 2018

Samunder:

मैं ले रहा हूँ जाएज़ा हर एक लहर का

क्या जाने कब ये मुझ को समुंदर पुकार ले
🌹🍃🌹
मैंने आग़ाज़ से अंजाम-ऐ-सफ़र जाना है,

सब को दो चार क़दम चल के ठहर जाना है
🌹🍃🌹
उन्हें भी जीने के कुछ तजरबे हुए होंगे

जो कह रहे हैं कि मर जाना चाहते हैं हम
🍃🌹🍃
कैसे दुनिया का जाएज़ा किया जाए

ध्यान तुझ से अगर हटा लिया जाए
🌹🌸🌹

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