Monday, 9 April 2018

Aansu:

रोज़ अच्छे नहीं लगते आँसू ,

ख़ास मौक़ों पे मज़ा देते हैं |

🍂🍃🍂
किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते

सवाल सारे ग़लत थे जवाब क्या देते
🍂🍃🍂
जीत तेरा ही मुक़द्दर थी सो तू जीत गया

वर्ना हारे हुए लश्कर में सिकंदर थे बहुत
🍂🍃🍂
जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं

वही दुनिया बदलते जा रहे हैं
🍂🍃🍂
अभी तलक तो न कुंदन हुए न राख हुए,

हम अपनी आग में हर रोज़ जल के देखते हैं
🍂🍃🍂

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