Sunday, 29 April 2018

Shoharat:

उलझ रहे हैं बहुत लोग मेरी शोहरत से

किसी को यूँ तो कोई मुझ से इख़्तिलाफ़ न था
🍃🌹🍃
इतनी तौहीन न कर मेरी बला-नोशी की

साक़िया मुझ को न दे माप के पैमाने से ...
🍃🍁🍃
बला-नोशी =excessive drinking
पलकों की हद को तोड़ के दामन पे आ गिरा

इक अश्क मेरे सब्र की तौहीन कर गया
🍃🍁🍃
ये कहना था उन से 'मोहब्बत है मुझ को'

ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं
🍁🌹🍁
यदा सत्त्वे प्रवृद्धे तु प्रलयं याति देहभृत्।

तदोत्तमविदां लोकानमलान्प्रतिपद्यते॥
🍃🍁🍃

जब यह मनुष्य सत्त्वगुण की वृद्धि में मृत्यु को प्राप्त होता है, तब तो उत्तम कर्म करने वालों के निर्मल दिव्य स्वर्गादि लोकों को प्राप्त होता है।
🍁🍃🍁

इस क़दर बढ़ने लगे हैं घर से घर के फ़ासले

दोस्तों से शाम के पैदल सफ़र छीने गए
🍃🍁🍃
फूलों को सुर्खी देने में

पत्ते पीले हो जाते हैं

🍁🍃🍁
काटकर गैरों की टाँगें ख़ुद लगा लेते हैं लोग,

इस शहर में इस कदर भी कद बढ़ा लेते हैं लोग.
🍃🍁🍃
तेरे इश्क़ की आग में जल कर ए मेहबूब,

कुछ मैं राख हुआ कुछ मैं पाक हुआ..
🍁🍃🍁
एहसान दोनों का ही था मकान पर....

छत ने जता दिया और नींव ने छुपा लिया....
🍁🌹🍁
अदब से झुक जाती है वो शाख़ खुद-ब-खुद

जो लौटे कोई परिंदे, भरी धूप में दाना लिए
🌹🍃🌹
जब भी मेरी मिसाल देता है
मुझको हैरत में डाल देता है

झूठ भी बोलता है जब
वो दलीलें कमाल देता है.
🍁🍃🍁
गुनाह-ए-इश्क में वो दौर भी बहुत खास रहा,

जब मेरा न होकर भी तू मेरे बहुत पास रहा ...!
🍃🍁🍃

Beautiful letter :

*Beautiful letter written by a father to his son and daughter 👌*
Must send to your children

Following is a letter to his daughter from a renowned Hong Kong TV broadcaster and Child Psychologist.
The words are actually applicable to all of us, young or old, children or parents.!
This applies to all sons & daughters too.
All parents can use this in their teachings to their children.

Dear Children,

I am writing this to you because of 3 reasons

*A).* Life, fortune and mishaps are unpredictable, nobody knows how long he lives.
*B).* I am your father, and if I don't tell you these, no one else will.
*C).* Whatever written is my own personal bitter experiences that perhaps could save you a lot of unnecessary heartaches.

*Remember the following as you go through life*

*1.* Do not bear grudge towards those who are not good to you. No one has the responsibility of treating you well, except your mother and I.
To those who are good to you, you have to treasure it and be thankful, and *ALSO you have to be cautious,* because,

*everyone has a motive for every move.*
When a person is good to you, *it does not mean he really will be good to you.* You have to be careful,
*don't hastily regard him as a real friend.*

*2.* No one is indispensable, nothing is in the world that you must possess.
Once you understand this idea, *it would be easier for you to go through life when people around you don't want you anymore, or when you lose what you wanted the most.*

*3.* Life is short.
When you waste your life today, tomorrow you would find that life is leaving you.
*The earlier you treasure your life, the better you enjoy life.*

*4.Love is nothing but a transient feeling, and this feeling would fade with time and with one's mood. If your so called loved one leaves you,* be patient, time will wash away your aches and sadness.
*Don't over exaggerate the beauty and sweetness of love,* and don't over exaggerate the *sadness of falling out of love.*

*5.* A lot of successful people did not receive a good education, that does not mean that you can be successful by not studying hard! Whatever knowledge you gain is your weapon in life.
One can go from rags to riches, *but one has to start from some rags!*

*6.* I do not expect you to financially support me when I am old, neither  would I financially support your whole life. My responsibility as a supporter ends when you are grown up.
*After that, you decide whether  you want to travel in a public transport or in your limousine,* *whether rich or poor.*💐

*7. You honour your words,*but don't expect others to be so. You can be good to people,
*but don't expect people to be good to you.* If you don't understand this, you would end up with unnecessary troubles.

*8 if you want to be rich, you have to work hard! There is no free lunch!*

*9.* No matter how much time I have with you,
*let's treasure the time we have together. We do not know if we would meet again in our next life.*

                 *Your Parents*

Read it twice
*Ask your son and daughter to read it thrice.*
Worth a read🙏☝🏻💐👌🏽☘☘☘

Friday, 27 April 2018

Mera Bharat:

*एक गाय सुखपूर्वक गौशाला में रहती थी*
*एक दिन बहुत जोरो की बारिश हो रही थी*
*और रात में एक भीगता हुआ कुत्ता आया*
*उसने गाय से पूछा*
*ऐ गाय माता, क्या हम आपकी गौशाला में आ जायें*
*एक कोने में पड़े रहेंगे।*
*गाय ने कुत्ते को शरण दे दी।*
*पीछे पीछे एक सांप आता है और शरण मांगता है*
*तो कुत्ता बीच में बोलता है कि हाँ हाँ आ जाओ बहुत जगह है यहां पर*
*हालांकि की गाय को बुरा लगता है पर स्वभाववश वो शांत रहती है।*
*समय बीतने के साथ इसी तरह से बिच्छू, सुअर, गधा भी गौशाला में शरण ले लेते हैं*
*संख्या अधिक हो जाने से सबको कष्ट होने लगा*
*गाय फिर भी चुप रहती।*
*एक रात सारे शरणार्थी जानवर मिल कर फैसला करते हैं कि सबसे ज्यादा जगह तो ये गाय ही घेरे है तो क्यों न इस गाय को ही भगा दें।*
*और दूसरे दिन ही सब जानवर  मिलकर गाय को गौशाला से बाहर करने में लग जाते हैं।*
*"भारत का हाल भी कुछ उसी गौशाला जैसा है*
*समझदारों के लिए इशारा काफी है।"*

Thursday, 26 April 2018

Ye dhuan sa :

देख तो दिल कि जाँ से उठता है

ये धुआँ सा कहाँ से उठता है....
🌹🍃🌹
ये मोजज़ा भी किसी की दुआ का लगता है

ये शहर अब भी उसी बे-वफ़ा का लगता है
🍃🌹🍃
Mozaza : Miracle
               : Azuba
इरादा हो अटल तो, मोजज़ा ऐसा भी होता है

दिए को ज़िंदा रखती है हवा ऐसा भी होता है
🍃🌹🍃
ये  जो खुश्बू  है हवाओं में, पता है क्यूँ है
जिद है कितनों की यहाँ फूल उगाते रहना

जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नहीं होते
सज़ा न दे के अदालत बिगाड़ देती है 
🍃🌹🍃
दिन तो ताज़ा ले गई, पर रात बासी दे गई

शाम आख़िर क्यूँ मुझे इतनी उदासी दे गई
🍃🌹🍃
ये एक बात समझने में रात हो गई है

मैं उस से जीत गया हूँ कि मात हो गई है
🌹🍃🌹
साथ किसी के रह कर जो तन्हा कटता है

तुम ऐसे लम्हे के दुख से ना-वाक़िफ़ हो
🍃🌹🍃
तत्र सत्त्वं निर्मलत्वात्प्रकाशकमनामयम्।
सुखसग्नङेन बध्नाति ज्ञानसग्ङेन चानघ॥

हे निष्पाप, तीनों गुणों में सत्त्वगुण तो निर्मल होने के कारण प्रकाश करने वाला और विकार रहित है, वह सुख के संबंध से और ज्ञान के संबंध से अर्थात् उसके अभिमान से बाँधता है।
To make a difference in someone’s life, you don’t have to be brilliant, rich, beautiful or perfect. You just have to care.
🌹🍃🌹
लम्हा लम्हा तजरबा होने लगा

मैं भी अंदर से नया होने लगा
🍃🌹🍃
देखी थी दरार आज आईने में,

पता नही आइना टूटा था या मैं...
🌹🍃🌹

Dog in a boat:

एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था।

उस नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था।

कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह अपने को सहज महसूस नहीं कर पा रहा था।

वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को चैन से नहीं बैठने दे रहा था।

मल्लाह उसकी उछल-कूद से परेशान था कि ऐसी स्थिति में यात्रियों की हड़बड़ाहट से नाव डूब जाएगी।

वह भी डूबेगा और दूसरों को भी ले डूबेगा।

परन्तु कुत्ता अपने स्वभाव के कारण उछल-कूद में लगा था।

ऐसी स्थिति देखकर बादशाह भी गुस्से में था, पर कुत्ते को सुधारने का कोई उपाय उन्हें समझ में नहीं आ रहा था।

नाव में बैठे दार्शनिक से रहा नहीं गया।

वह बादशाह के पास गया और बोला : "सरकार। अगर आप इजाजत दें तो मैं इस कुत्ते को भीगी बिल्ली बना सकता हूँ।"

बादशाह ने तत्काल अनुमति दे दी।

दार्शनिक ने दो यात्रियों का सहारा लिया और उस कुत्ते को नाव से उठाकर नदी में फेंक दिया।

कुत्ता तैरता हुआ नाव के खूंटे को पकड़ने लगा।

उसको अब अपनी जान के लाले पड़ रहे थे।

कुछ देर बाद दार्शनिक ने उसे खींचकर नाव में चढ़ा लिया।

वह कुत्ता चुपके से जाकर एक कोने में बैठ गया।

नाव के यात्रियों के साथ बादशाह को भी उस कुत्ते के बदले व्यवहार पर बड़ा आश्चर्य हुआ।

बादशाह ने दार्शनिक से पूछा : "यह पहले तो उछल-कूद और हरकतें कर रहा था। अब देखो, कैसे यह पालतू बकरी की तरह बैठा है ?"

दार्शनिक बोला : "खुद तकलीफ का स्वाद चखे बिना किसी को दूसरे की विपत्ति का अहसास नहीं होता है। इस कुत्ते को जब मैंने पानी में फेंक दिया तो इसे पानी की ताकत और नाव की उपयोगिता समझ में आ गयी।"

*'भारत' में रहकर 'भारत' को गाली देने वाले कुत्तों के लिए समर्पित।*

Wednesday, 25 April 2018

House Wife:

गृहिणी

कई साल पहले एक बड़े कॉर्पोरेट हाउस ने बेंगलोर में *मैनेजमेंट गुरुओं* का एक सम्मेलन कराया था।

उसमे एक सवाल पूछा गया था।

*आप सफलतम मैनेजर किसे मानते हैं?*

विशेषज्ञों ने...

रोनाल्ड रीगन से नेल्सन मंडेला तक,

चर्चिल से गांधी तक,

टाटा से हेनरी फोर्ड तक,

चाणक्य से बिस्मार्क तक,

और न जाने कितने और नाम सुझाये।

पर ज्यूरी ने *कुछ और ही सोच* रखा था।

*सही उत्तर था* सफलतम प्रबंधक है...

*"एक आम गृहिणी ।"*

एक गृहिणी परिवार से किसी का *ट्रांसफर* नहीं कर सकती।

किसी को *सस्पेंड* नहीं कर सकती।

किसी को *टर्मिनेट* नहीं कर सकती।

और,

किसी को *अपॉइंट* भी नहीं कर सकती।

परन्तु फिर भी *सबसे काम करवाने की क्षमता* रखती है।

*किससे*, *क्या* और *कैसे* कराना है...

कब *प्रेम के राग* में *हौले से काम पिरोना* है...

और कब *राग सप्तक* पर *उच्च स्वर* में *भैरवी सुना क*र जरूरी कामों को अंजाम तक पहुंचाना है...

उसे पता होता है।

मानव संसाधन प्रबंधन का इससे बेहतर क्या उदहारण हो सकता है?

बड़े बड़े उद्योगों में भी कभी कभी इसलिए काम रुक जाता है क्योंकि *जरूरी फ्यूल* नहीं था या कोई *स्पेयर पार्ट* उपलब्ध नहीं था या कोई *रॉ मटेरियल* कम पड़ गया।

पर किसी गरीब से गरीब घर मे भी *नमक* _कम नहीं पड़ता_।

शायद बहुत याद करने पर भी आप को *वह दिन याद न आ पाए* जिस दिन *मां आपको खाने में* सिर्फ इसलिए कुछ नहीं दे पाई कि *बनाने को कुछ नही था* या *गैस खत्म* हो गई थी या *कुकर का रिंग* खराब हो गया था।

हर कमोबेशी और हर समस्या का *विकल्प* एक गृहिणी रखती है।

वो भी *बिल्कुल खामोशी* से।

*सामग्री प्रबंधन* एवं *संचालन*, संधारण प्रबंधन का इससे बेहतर उदाहरण क्या हो सकता है ?

काम वाली बाई का बच्चा दुर्घटना का शिकार हो जाता है।

डॉक्टर बड़ा खर्च बता देता है, बाकी सब बगलें झांकने लगते हैं।

लेकिन वो फटाफट पुराने संदूको में छुपा कर रखे बचत के पैसे निकालती है।

कुछ गहने गिरवी रखती है।

कुछ घरों से सिर्फ साख के आधार पर उधार लेती है।

पर *पैसे का इंतजाम* कर ही लाती है।

*संकटकालीन अर्थ प्रबंध* का इससे बेहतर क्या उदाहरण हो सकता है?

निचले इलाकों में बेमौसम बारिश में घर मे पानी भरने लगे या *बिना खबर* अचानक चार मेहमान आ जाएं।

सब के लिए *आपदा प्रबंधन* की योजना रहती है उसके पास।

और...

सारे प्रबंधन के लिए पास में है बस कुछ आंसू और कुछ मुस्कान।

लेकिन...

जो सबसे बड़ी चीज होती है...

वो है...

जिजीविषा*, *समर्पण* और *प्रेम*।

सफल गृहिणी का *सबसे बड़ा संबल* होता है *सब्र*।

वही सब्र...

जिसके बारे में किसी ने बहुत सटीक कहा है...

*सब्र का घूंट दूसरों को पिलाना*
*कितना आसान लगता है*।

*ख़ुद पियो तो*,
*क़तरा क़तरा ज़हर लगता है*

Saturday, 21 April 2018

Pahali:

पूछने से पहले ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियां

कुछ आँखें इतनी हाजिर जवाब होती हैं।
🍃🌹🍃
तेरी ख़ुशबू का पता करती है,

मुझ पे एहसान हवा करती है
🍃🌹🍃
थोड़ी थोड़ी गुफ़्तगू दोस्तों से करते रहिये....

जाले लग जाते है अक्सर बंध मकlनो में....
🍃🌹🍃
इक नाम क्या लिखा तेरा साहिल की रेत पर

फिर उम्र भर हवा से मेरी दुश्मनी रही
🍃🌹🍃
बहुत अंदर तक बसा था वोह शख़्स मेरे में,

उसे भूलने के लिए बड़ा वक़्त चाहिए।
🍃🌹🍃
कोई नहीं है देखने वाला तो क्या हुआ

तेरी तरफ़ नहीं है उजाला तो क्या हुआ
🍃🌹🍃
क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं

वो तो मिलने को मुलाक़ात समझता ही नहीं
🍃🌹🍃
डाला है बेख़ुदी ने अजब राह पर मुझे,

आँखें हैं और कुछ नहीं आता नज़र मुझे
🍃🌹🍃
अजीब तजरबा था भीड़ से गुज़रने का

उसे बहाना मिला मुझ से बात करने का
🍃🌹🍃
यक़ीन किस पे करें किस को दोस्त ठहराएँ,

हर आस्तीन में पोशीदा कोई ख़ंजर है...
🍃🌹🍃
"Patience is, when you're supposed to be mad, but you choose to understand."
🌹🍃🌹

Body:

ये सारा जिस्म झुक कर बोझ से दोहरा हुआ होगा मैं

सज्दे में नहीं था आप को धोका हुआ होगा

~दुष्यंत कुमार
साथ भी छोड़ा तो कब, जब सब बुरे दिन कट गए

ज़िंदगी तू ने कहाँ आ कर दिया धोका मुझे
🍃🌹🍃
सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ

ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ
🍃🌹🍃
सफ़र में जब निकल आये हो तो इतनी शिकायत क्यों

सड़क थोड़ी-बहुत  तो  बीच  में  तिरछी  निकलती है
🍃🌹🍃
झुक कर सलाम करने में क्या हर्ज है मगर

सर इतना मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े..
🍃🌹🍃
दस्तार-turban

किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल

कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
🍃🌹🍃
इस दौर में इंसान भी, ढूँढे नहीं मिलता...

इक तुम हो, मेरे यार- खुदा ढूँढ रहे हो...!
🍃🌹🍃
आज फिर उनसे मुलाक़ात हुई,

आज फिर खुदा से इक और शिकायत हुई...

🍃🌹🍃

Chirag:

रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग

कम से कम रात का नुकसान बहुत करता है
🌹🍃🌹
मैं मुश्किल में तुम्हारे काम आऊँ या न आऊँ

मुझे आवाज़ दे लेना तुम्हें अच्छा लगेगा
🍃🌹🍃
हम ही में थी न कोई बात याद न तुम को आ सके,

तुम ने हमें भुला दिया हम न तुम्हें भुला सके...
🍃🌹🍃
If 5 seconds of smile can make a photograph more beautiful. Then just imagine if you keep always smiling how beautiful your life will be. So keep smiling !!!!!
बंद दरवाज़ों को जब जब दस्तकें सहलायेंगी,

भूली बिसरी सारी बातें देर तक याद आयेंगी
🍃🌹🍃

Be happy :

*सिकंदर उस जल की तलाश में था, जिसे पीने से मानव अमर हो जाते हैं.!*

*काफी दिनों तक  दुनियाँ में भटकने के पश्चात आखिरकार उस ने वह जगह पा ही ली, जहाँ उसे अमृत की प्राप्ति हो*

👉 *उसके सामने ही अमृत जल बह रहा था, वह अंजलि में अमृत को लेकर पीने के लिए झुका ही था कि तभी एक बुढा व्यक्ती जो उस गुफा के भीतर बैठा था, जोर से बोला,  रुक जा, यह भूल मत करना...!’*

*बड़ी दुर्गति की अवस्था में था वह बुढा !*

*सिकंदर ने कहा, ‘तू रोकने वाला कौन...?’*

*बुढे ने उत्तर दिया, ..मैं अमृत की तलाश में था और यह गुफा मुझे भी मिल गई थी !, मैंने यह अमृत पी लिया !*
*अब मैं मर नहीं सकता, पर मैं अब मरना चाहता हूँ... !* *देख लो मेरी हालत...अंधा हो गया हूँ, पैर गल गए हैं,  *देखो...अब मैं चिल्ला रहा हूँ...चीख रहा हूँ...कि कोई मुझे मार डाले, लेकिन मुझे मारा भी नहीं जा सकता !*
*अब प्रार्थना कर रहा हूँ  परमात्मा से कि प्रभु मुझे मौत दे !*

सिकंदर  चुपचाप गुफा से बाहर वापस लौट आया, *बिना अमृत पिए !*

*सिकंदर समझ चुका था कि जीवन का आनन्द ✨उस समय तक ही रहता है, जब तक हम उस आनन्द को भोगने की स्थिति में होते हैं!*

*इसलिए स्वास्थ्य की रक्षा कीजिये !*
*जितना जीवन मिला है,उस जीवन का भरपूर आनन्द लीजिये !*
❣🥀 *हमेशा खुश रहिये ?*❣🥀

*दुनियां में सिकंदर कोई नहीं, वक्त ही सिकंदर है..*

Tuesday, 17 April 2018

Umeed:


      एक घर मे पांच दिए जल रहे थे , एक दिन पहले दिए ने कहा -  'इतना जलकर भी मेरी रोशनी की लोगो को कोई कदर नही है तो बेहतर यही होगा कि मैं बुझ जाऊं ' और वह दीया खुद को व्यर्थ समझ कर बुझ गया । जानते है वह दिया कौन था ?  वह दीया था उत्साह का प्रतीक ।
       यह देख दूसरा दीया जो शांति का प्रतीक था , कहने लगा , मुझे भी बुझ जाना चाहिए...  निरंतर शांति की रोशनी देने के बावजूद भी लोग हिंसा कर रहे है और शांति का दीया बुझ गया ।
        उत्साह और शांति के दीये बुझने के बाद , जो तीसरा दीया हिम्मत का था , वह भी अपनी हिम्मत खो बैठा और बुझ गया । उत्साह , शांति और अब हिम्मत के न रहने पर चौथे दीए ने बुझना ही उचित समझा । चौथा दीया समृद्धि का प्रतीक था । सभी दीए बुझने के बाद केवल पांचवां दीया अकेला ही जल रहा था । हालांकि पांचवां दीया सबसे छोटा था मगर फिर भी वह निरंतर जल रहा था । तब उस घर मे एक लड़के ने प्रवेश किया । उसने देखा कि उस घर मे सिर्फ एक ही दीया जल रहा है , वह खुशी से झूम उठा ... चार दीए बुझने की वजह से वह दुखी नही हुआ बल्कि खुश हुआ , यह सोचकर कि कम से कम एक दीया तो जल रहा है । उसने तुरंत पांचवां दीया उठाया और बाकी के चार दीए फिर से जला दिए । जानते है वह पांचवां अनोखा दीया कौन सा था ?  वह था उम्मीद का दीया ..
         इसलिए अपने घर मे अपने मन मे हमेशा उम्मीद का दीया जलाए रखिये । चाहे सब दीए बुझ जाए लेकिन उम्मीद का दीया नही बुझना चाहिए । ये एक ही दीया काफी है बाकी सब दीयों को जलाने के लिए .... क्योंकि हमारे आज में जो उम्मीद जगती है वही उम्मीद हमारे भविष्य का निर्माण करती है ।
    " उम्मीद वक़्त का बहुत बड़ा सहारा है "
    "है उम्मीद तो हर लहर किनारा है

Sunday, 15 April 2018

Love:

ये मोहब्बत का फ़साना भी बदल जाएगा

वक़्त के साथ ज़माना भी बदल जाएगा
🌸🌹🌸
वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा

किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा
🌸🌹🌸
सँभल तो जाते , राह की दुशवारियों से
दिल के पचड़ों ने मगर , सँभलने ना दिया
🌸🌹🌸
तुझे बेहतर बनाने की कोशिश में
तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम,

माफ़ करना ऐ ज़िंदगी
तुझे ही नहीं जी पा रहे हम।
🌸🌹🌸

खिड़कियाँ खोल लूँ हर शाम यूँही सोचों की

फिर उसी राह से यादों को गुज़रता देखूँ
🌹🌸🌹
शहर-ए-दिल के हर रस्ते पर दीप जलाए बैठा हूँ

उन की यादों का ये लश्कर मेरे घर पर उतरेगा
🌸🌹🌸
उजाला दे चराग़-ए-रह-गुज़र आसाँ नहीं होता
हमेशा हो सितारा हम-सफ़र आसाँ नहीं होता

बड़े ताबाँ बड़े रौशन सितारे टूट जाते हैं
सहर की राह तकना ता-सहर आसाँ नहीं होता
🍃🌹🍃
नई सुब्ह पर नज़र है मगर आह ये भी डर है

ये सहर भी रफ़्ता रफ़्ता कहीं शाम तक न पहुँचे
🌹🍃🌹
बादशाह थे हम अपने
मिज़ाज़ के,

कमबख्त इश्क ने तेरे दीदार
का फ़कीर बना दिया...
🌸🍃🌸
उनकी तस्वीर टांगने के लिए

रोज़ दिवार देखते हैं हम
🌹🍃🌹
कल शायद फिर सितारों  से लड़ा था,

नशे में धुत्त चाँद, समंदर  में पड़ा  था..!!
🌹🌸🌹

Socialism :

थोड़ा गम्भीर होकर चिंतन करें।

एक स्थानीय कॉलेज में अर्थशास्त्र के एक प्रोफेसर ने अपने एक बयान में कहा –

“उसने पहले कभी किसी छात्र को फेल नहीं किया, पर हाल ही में उसने एक पूरी की पूरी क्लास को फेल कर दिया है l”

क्योंकि उस क्लास ने दृढ़ता पूर्वक यह कहा था कि “समाजवाद सफल होगा और न कोई गरीब होगा और न कोई धनी होगा” सबको सामान करने वाला एक महान सिद्धांत !

तब प्रोफेसर ने कहा – अच्छा ठीक है ! आओ हम क्लास में समाजवाद के अनुरूप एक प्रयोग करते हैं  “सफलता पाने वाले सभी छात्रों के विभिन्न ग्रेड का औसत निकाला जाएगा और सबको वही एक ग्रेड दी जायेगी ”

पहली परीक्षा के बाद, सभी ग्रेडों का औसत निकाला गया और प्रत्येक छात्र को B ग्रेड प्राप्त हुआl

जिन छात्रों ने कठिन परिश्रम किया था वे परेशान हो गए और जिन्होनें कम ही पढ़ाई की थी वे खुश हुए l

दूसरी परीक्षा के लिए कम पढ़ने वाले छात्रों ने पहले से भी और कम पढ़ाई की और जिहोनें कठिन परिश्रम किया था उन्होंने यह तय किया कि वे भी मुफ्त की ग्रेड प्राप्त करेंगे और उन्होंने भी कम पढ़ाई की l

दूसरी परीक्षा की ग्रेड D थी l

इसलिए कोई खुश नहीं था l

जब तीसरी परीक्षा हुई तो ग्रेड F हो गई l

जैसे-जैसे परीक्षाएँ आगे बढ़ने लगीं स्कोर कभी ऊपर नहीं उठा, बल्कि आपसी कलह, आरोप-प्रत्यारोप, गाली-गलौज और एक-दूसरे से नाराजगी के परिणाम स्वरूप कोई भी नहीं पढ़ता था क्योंकि कोई भी छात्र अंपने परिश्रम से दूसरे को लाभ नहीं पहुंचाना चाहता था l

अंत में सभी आश्चर्यजनक रूप से फेल हो गए और प्रोफेसर ने उन्हें बताया कि इसी तरह “समाजवाद” भी अंततोगत्वा फेल हो जाएगा क्योंकि ईनाम जब बहुत बड़ा होता है तो सफल होने के लिए किया जाने वाला उद्यम भी बहुत बड़ा होगा l परन्तु जब सरकार सारे अवार्ड छीन लेगी तो कोई भी न तो सफल होना चाहेगा और न ही सफल होने की कोशिश करेगा l

निम्नलिखित पाँच सर्वश्रेष्ठ उक्तियाँ इस प्रयोग पर लागू होती हैं l

1. आप समृद्ध व्यक्ति को उसकी समृद्धि से बेदखल करके गरीब को समृद्ध बनाने का क़ानून नहीं बना सकते l

2. जो व्यक्ति बिना कार्य किए कुछ प्राप्त करता है, अवश्य ही परिश्रम करने वाले किसी अन्य व्यक्ति के ईनाम को छीन कर उसे दिया जाता है l

3. सरकार तब तक किसी को कोई वस्तु नहीं दे सकती जब तक वह उस वस्तु को किसी अन्य से छीन न ले l

4. आप सम्पदा को बाँट कर उसकी वृद्धि नहीं कर सकते l

5. जब किसी राष्ट्र की आधी आबादी यह समझ लेती है कि उसे कोई काम नहीं करना है, क्योंकि बाकी आधी आबादी उसकी देख-भाल जो कर रही है और बाकी आधी आबादी यह सोच कर कुछ अच्छा कार्य नहीं कर रही कि उसके कर्म का फल किसी दूसरे को मिल रहा है,

तो वहीँ उस राष्ट्र के अंत की शुरुआत हो जाती है।

Saturday, 14 April 2018

Samunder:

मैं ले रहा हूँ जाएज़ा हर एक लहर का

क्या जाने कब ये मुझ को समुंदर पुकार ले
🌹🍃🌹
मैंने आग़ाज़ से अंजाम-ऐ-सफ़र जाना है,

सब को दो चार क़दम चल के ठहर जाना है
🌹🍃🌹
उन्हें भी जीने के कुछ तजरबे हुए होंगे

जो कह रहे हैं कि मर जाना चाहते हैं हम
🍃🌹🍃
कैसे दुनिया का जाएज़ा किया जाए

ध्यान तुझ से अगर हटा लिया जाए
🌹🌸🌹

Karan:

महाभारत के युद्ध में अर्जुन और कर्ण के बीच घमासान चल रहा था । अर्जुन का तीर लगने पे कर्ण का रथ 25-30 हाथ पीछे खिसक जाता , और कर्ण के तीर से अर्जुन का रथ सिर्फ 2-3 हाथ ।
लेकिन श्री कृष्ण थे की कर्ण के वार की तारीफ़ किये जाते, अर्जुन की तारीफ़ में कुछ ना कहते ।
अर्जुन बड़ा व्यथित हुआ, पूछा , हे पार्थ आप मेरी शक्तिशाली प्रहारों की बजाय उसके कमजोर प्रहारों की तारीफ़ कर रहे हैं, ऐसा क्या कौशल है उसमे ।
श्री कृष्ण मुस्कुराये और बोले, तुम्हारे रथ की रक्षा के लिए ध्वज पे हनुमान जी, पहियों पे शेषनाग और सारथि रूप में खुद नारायण हैं । उसके बावजूद उसके प्रहार से अगर ये रथ एक हाथ भी खिसकता है तो उसके पराक्रम की तारीफ़ तो बनती है ।
कहते हैं युद्ध समाप्त होने के बाद श्री कृष्ण ने अर्जुन को पहले उतरने को कहा और बाद में स्वयं उतरे। जैसे ही श्री कृष्ण रथ से उतरे , रथ स्वतः ही भस्म हो गया । वो तो कर्ण के प्रहार से कबका भस्म हो चूका था, पर नारायण बिराजे थे इसलिए चलता रहा । ये देख अर्जुन का सारा घमंड चूर चूर हो गया ।
कभी जीवन में सफलता मिले तो घमंड मत करना, कर्म तुम्हारे हैं पर आशीष ऊपर वाले का है । और किसी को परिस्थितिवष कमजोर मत आंकना, हो सकता है उसके बुरे समय में भी वो जो कर रहा हो वो आपकी क्षमता के भी बाहर हो ।

लोगों का आंकलन नहीं, मदद करो

यह प्रसंग दिल को छू गया सोचा आप लोगों से सांझा कर लूँ।

Tuesday, 10 April 2018

wafa:

 हम ने बे-इंतिहा वफ़ा कर के,

बे-वफ़ाओं से इंतिक़ाम लिया !!
🍂🍃🍂
ये मत समझो जो रोता है
वही बीमार होता है....

ये हँसना भी मुसलसल
दर्द का इज़हार होता है
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 क़ुर्बतें  होते  हुए  भी  फ़ासलों  में  क़ैद  हैं,

कितनी आज़ादी से हम अपनी हदों में क़ैद हैं।
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कौन है
    जिसके पास
        कमी नही है,

आसमाँ के
    पास भी
        जमीं नही है!
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सदा एक ही रुख़ नहीं नाव चलती

चलो तुम उधर को हवा हो जिधर की
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उधार की ज़िन्दगी जीतें हैं...
तेर प्यार की किश्तें अब भी बाकी हैं..

 सब से हटकर ही मनाना है उसे
हम से एक बार वो रूठे तो सही


फक़त पास बैठना चाहता है
अजब दिल की तश्नगी है

Monday, 9 April 2018

Aansu:

रोज़ अच्छे नहीं लगते आँसू ,

ख़ास मौक़ों पे मज़ा देते हैं |

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किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते

सवाल सारे ग़लत थे जवाब क्या देते
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जीत तेरा ही मुक़द्दर थी सो तू जीत गया

वर्ना हारे हुए लश्कर में सिकंदर थे बहुत
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जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं

वही दुनिया बदलते जा रहे हैं
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अभी तलक तो न कुंदन हुए न राख हुए,

हम अपनी आग में हर रोज़ जल के देखते हैं
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Saturday, 7 April 2018

Happy :

Being happy doesn't mean that everything is perfect. It means that you've decided to look beyond the imperfections.

कह दूँगा साफ़ हश्र में पूछेगा गर ख़ुदा

लाखों गुनह किए तिरी रहमत के ज़ोर पर
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हाँ उन्हीं लोगों से दुनिया में शिकायत है हमें

हाँ वही लोग जो अक्सर हमें याद आए हैं ....
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ये सारा जिस्म झुक कर बोझ से दोहरा हुआ होगा

मैं सज्दे में नहीं था आप को धोका हुआ होगा
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आज भी नाम वही है अपना

क्या हुआ नाम कमा लेने से
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आज भी बुरी क्या है, कल भी ये बुरी क्या थी

इस का नाम दुनिया है, ये बदलती रहती है
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लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती है ज़ुबान कभी कभी,

ना जाने ख़ामोशी मजबूरी है या समझदारी...
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डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...