हम दोनों धोखा खा गए
मैंने तुम्हें औरो से अलग समझा
और तुमने मुझे औरो जैसा समझ
मैंने तुम्हें औरो से अलग समझा
और तुमने मुझे औरो जैसा समझ
चाहे कितना भी
बदल जाए ज़माने का चलन
बदल जाए ज़माने का चलन
हमने कभी झूठ से
सच्चाई को हारते नहीं देखा
सच्चाई को हारते नहीं देखा
हम को हमारी नींद भी पूरी.....नहीं मिली
लोगों को उन के ख़्वाब जगा कर दिये गये
लोगों को उन के ख़्वाब जगा कर दिये गये
आईने बेचता था, तो आता ना था कोई,
रखने लगा मुखौटे, तो फुर्सत नहीं रही.
रखने लगा मुखौटे, तो फुर्सत नहीं रही.
अजीब कश्मकश है ज़िंदगी में..!!
मंज़िल की तलाश में.......सफ़र से इश्क़ हो गया..!!
मंज़िल की तलाश में.......सफ़र से इश्क़ हो गया..!!
No comments:
Post a Comment