गुज़रने को तो हज़ारों ही क़ाफ़िले गुज़रे
ज़मीं पे नक़्श-ए-क़दम बस किसी किसी का रहा....
"It is more important to do right thing than to do things right."
पता नहीं क्या रिश्ता था, टहनी से उस पंछी का...
उसके उड़ जाने पर वो कितनी देर कांपती रही....!
तूने कोशिश की और कामयाब हुआ
हम तो बस कोशिश में कामयाब हुए
परिंदों की पर्वाज़ क़ाएम रहे
कई ख़्वाब शामिल उड़ानों में हैं
बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो !
ले दे के अपने पास फ़क़त इक नज़र तो है
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नज़र से हम
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में..
बस हम गिनती उसी की करते हैं..
जो हासिल ना हो सका..
"When there is the necessary technical skill to move mountains, there is no need for the faith that moves mountains."
*मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ , हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !*
*मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं , जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !*
*भरोसा ” ईश्वर ” पर है, तो जो लिखा है तकदीर में, वो ही पाओगे !*
*मगर , भरोसा अगर ” खुद ” पर है ,तो ईश्वर वही लिखेगा , जो आप चाहोगे !!!*
"समय बरबाद करें और अपने भविष्य को भी साथ ही बरबाद होता देखें।"
अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी
हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का
तू रूठा रूठा सा लगता है...
कोई तरकीब बता मनाने की
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा
तू क़ीमत बता मुस्कुराने की"
A true relation is not like Rain.,which comes and goes seasonaly.. it is just like the AiR, which is sometimes silent but it is always around You !!!
“If you awake every morning with the thought that something wonderful will happen in your life today, you’ll often find that you’re right.” ―Nancy Sathre-Vogel
"कोई भी महान व्यक्ति अवसरों की कमी की शिकायत नहीं करता।"
*वो रिश्ते क्या होते हैं*?
*जिनमें न हक़ हो, न शक हो*.
*न अपना हो, न पराया हो,*
*न दूर हो, न पास हो..*
*न जात हो, न जज़बात हो*,
*सिर्फ अपनेपन का*
*एहसास ही एहसास हो*
मैं कोई छोटी सी कहानी नहीं था....
बस पन्नें ही जल्दी पलट दिए तुमने
When god pushes you to the edge, only two things can happen; either He will catch you when you fall or He will teach you how to fly.
चाहे वो तकलीफ कितनी भी दे..
फिर भी सुकून उसी के पास मिलता है.
मैं झुकता हुँ हमेशा आसमान बनके..
जानता हुँ कि ज़मीन को..उठने कि आदत नहीं..
इश्क 'महसूस' करना भी ...इबादत से कम नहीं,...!
ज़रा बताइये छू कर' खुदा को किसने देखा है..!
समझने वाले समझ जाते है दुनिया में,
नही समझने वाले नही समझते ये आपको समझने की जरूरत है।
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