हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह, वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे...
पढ़नेवाले की कमी है ..... वरना ..... गिरते आँसू भी एक किताब है ...
वो जब भी खुल के हँसते है, पपीहा गाने लगता है, छाती है कहीं बदली, नशा सा आने लगता है।
Sometimes its dumb to be wise and sometimes its wise to be dumb. but more often than not, we are the opposite of what it is wise to be.
रेत की तरह हाथों से फिसल गया वो
बीते कल की तरह कहीं गुम गया वो
ना मिला, ढूँढा बहुत ज़माने भर में कमबख्त को
जब दिल में झाँका....तो मिल गया वो :)
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