अनजाने लोगों को हर सू चलता फिरता देख रहा हूँ
कैसी भीड़ है फिर भी ख़ुद को तन्हा तन्हा देख रहा हूँ
इस राज़ को क्या जानें साहिल के तमाशाई
हम डूब के समझे हैं दरिया तेरी गहराई
*ताश का जोकर और अपनों की ठोकर*
*अक्सर बाजी घुमा देती है*
*अपनी सहनशीलता को बढाइए*
*छोटी मोटी घटना से हताश मत होइए*
*जो चंदन घिस जाता है वह भगवान के मस्तक पर लगाया जाता है*
*और जो नही घिसता वह तो सिर्फ मुर्दे जलाने के काम ही आता है*
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