Tuesday, 3 August 2021

whether it is the person or thing:

whether it is the person or thing, 
we don't value 
when it or he / she is with us, 
we search for the unknown.
By doing so suffer twice, first by not valuing and enjoying what we have 
and 
secondly sad of not having the unknown or not for you. Think it over and have a great day.
जो साथ है उसकी कदर नही, 
जो दूर है उसकी तालाश है। 
खुद कर लिया है सुकून अपना बरबाद, 
अब सब कह रहे हैं सुकून की तालाश है।

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