महक उठा हैं भारत माँ के माथे का ये चन्दन हैं..!!
अभिनंदन का सहृदय अभिनंदन हैं..!!
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
कितना अच्छा होता
गर मेरी कमी से तुम्हें
भी कोई फ़र्क़ पड़ता !
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
अंधियारे को मिटाने, जग में ज्योत जगाने
एक छोटा-सा दीया था कहीं जल रहा..
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है।
बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
'बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं,
:फ़िराक़ गोरखपुरी
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
रहे न कुछ मलाल बड़ी शिद्दत से कीजिये ,
नफरत भी कीजिये तो ज़रा मुहब्बत से कीजिये..
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
तेरी मर्ज़ी है जिधर उँगली पकड़ कर ले जा..!!
मुझ से अब तेरे अलावा नहीं देखा जाता....!!!
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
ज़िन्दा हो तो ज़िन्दा दिखना ज़रूरी है..,
यु मातम मना कर खुशियों का हासिल कुछ भी नही होता..!!
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
खटकता तो उनको हूँ साहब जहाँ मैं झुकता नहीं
बाकी जिन्हें अच्छा लगता हूँ वो मुझे कही झुकने नहीं देते
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
यूँ तो ज़िंदगी ने हमें बहुत कुछ दिया..
ज़िक्र उसी का करते रहे जो हासिल नहीं हुआ..!!
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
No comments:
Post a Comment